त्रुटियों का संयोजन , योग , व्यकलन , गुणा या भाग के कारण त्रुटि combination of errors in hindi

(combination of errors in hindi ) त्रुटियों का संयोजन : जब किसी राशि को ऐसे समीकरण या सूत्र के रूप में लिखा जाए जिसमे एक से अधिक राशियों का योग , व्यकलन , गुणा या भाग उपस्थित हो तो राशियों के इस प्रकार के संयोजन से त्रुटि किस प्रकार प्रभावित रहती है या संयोजन के बाद कुल त्रुटि का मान ज्ञात करने के लिए हम यहाँ त्रुटियों का संयोजन पढ़ते है।
जैसे किसी पदार्थ का घनत्व , पदार्थ के द्रव्यमान तथा इसके आयतन पर निर्भर करता है , अर्थात पदार्थ का घनत्व उस पदार्थ के द्रव्यमान तथा आयतन के अनुपात पर निर्भर करता है।
D = M/V
यहाँ दोनों राशियों के मध्य भाग हो रहा है , अब यदि उस पदार्थ के द्रव्यमान तथा आयतन मापन में त्रुटि है तो पदार्थ के घनत्व में भी त्रुटि उत्पन्न होगी।  इसलिए यहाँ राशियों के भाग में त्रुटि का ज्ञान होना आवश्यक है।

1. राशियों के योग में त्रुटि (error accumulation in addition)

माना दो राशियाँ क्रमशः a तथा b है , जिनका योग किया जाता है और इनके योग से राशि x प्राप्त होती है।
अब यदि राशि a तथा b के मापन में कुछ त्रुटि है तो इनके योग राशि x में त्रुटि होगी।
माना a में त्रुटि Δa है तथा b के मापन में त्रुटि Δb है।  दोनों राशियों के योग से प्राप्त राशि x में त्रुटि Δx है।
अर्थात
x =  a + b
a में त्रुटि Δa
b में त्रुटि Δb
x में त्रुटि Δx
अत:
x ± Δx = (a ± Δa) + (b ± Δb)
x ± Δx =  (a + b) ± Δa ± Δb
चूँकि हम ऊपर पढ़ चुके है की x =  a + b
अत:
x ± Δx =  x ± Δa ± Δb
अत:
± Δx =  ± Δa ± Δb
अर्थात राशियों के योग में उत्पन्न त्रुटियों के निम्न संभावित मान संभव है –
(+Δa + Δb) , (+ Δa – Δb) , (- Δa + Δb) , (- Δa – Δb)

2. राशियों के व्यकलन में त्रुटि (error in subtraction)

माना दो राशियाँ क्रमशः a तथा b है , जिनका व्यकलन किया जाता है और इनके व्यकलन से राशि x प्राप्त होती है।
अब यदि राशि a तथा b के मापन में कुछ त्रुटि है तो इनके व्यकलन राशि x में त्रुटि होगी।
माना a में त्रुटि Δa है तथा b के मापन में त्रुटि Δb है।  दोनों राशियों के योग से प्राप्त राशि x में त्रुटि Δx है।
अर्थात
x =  a – b
a में त्रुटि Δa
b में त्रुटि Δb
x में त्रुटि Δx
अत:
x ± Δx = (a ± Δa) – (b ± Δb)
x ± Δx =  (a – b) ± Δa ± Δb
चूँकि हम ऊपर पढ़ चुके है की x =  a – b
अत:
x ± Δx =  x ± Δa ± Δb
अत:
± Δx =  ± Δa ± Δb
अर्थात राशियों के व्यकलन में उत्पन्न त्रुटियों के निम्न संभावित मान संभव है –
(+Δa – Δb) , (- Δa + Δb) , (- Δa – Δb) , (+ Δa + Δb)

3. राशियों के गुणनफल में त्रुटि (error in multiplication)

माना दो राशियों को गुणा के रूप में लिखा जाता है , जैसे दो राशियाँ A तथा B गुणा के रूप में लिखे है।  A तथा B को गुणा में x के रूप में लिखा जाता है।
X = ab
a में त्रुटि ΔA
b में त्रुटि ΔB
x में त्रुटि Δx
अत:
यहाँ हम देख सकते है की

ΔA/A ,  ΔB/B दोनों ही राशियाँ बहुत छोटी है अत: इनका गुणा और भी छोटा होगा अत:

को नगण्य मानकर छोड़ा जा सकता है।

अत:  अब समीकरण निम्न प्रकार प्राप्त होगा –