Blog

हमारी app डाउनलोड करे और फ्री में पढाई करे
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now
Download our app now हमारी app डाउनलोड करे

चिल्का बचाओ आंदोलन क्या है | चिल्का बचाओं आन्दोलन किसे कहते है chilika movement in hindi

chilika movement in hindi चिल्का बचाओ आंदोलन क्या है | चिल्का बचाओं आन्दोलन किसे कहते है ?

चिल्का बचाओं आन्दोलन
बंगाल की खाड़ी में उड़ीसा राज्य के पूर्वी तट पर खारे पानी की एशिया की सबसे बड़ी झील श्चिल्काश् स्थित है जिसकी अधिकतम लंबाई 60 कि.मी. एवं अधिकतम चैड़ाई 30 कि.मी. है तथा मानसून के मौसम में जिसका क्षेत्रफल 1200 वर्ग किलोमीटर हो जाता है। सर्दी में यहाँ संसार के दूर दराज कोनों से लाखों प्रवासी पक्षी आते हैं अतः नालबन द्वीप सहित झील का खुला भाग एक अभयारण्य बन जाता है। समुद्र की ओर खुलने वाला झील का मुहाना डॉल्फिन मछलियों से भरा पड़ा है। इन्हीं सब कारणों से, चिल्का झील, प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र चिरकाल से बनी हुई है किन्तु पिछले कुछ दशकों से स्थितियाँ अंधकारमय हो गई हैं जिनके कारण यह क्षेत्र संघर्षमय तथा हिंसापूर्ण हो उठा है।

सब्सक्राइब करे youtube चैनल

यह सब उड़ीसा सरकार के साथ टाटा की एक परियोजना के कारण हुआ। यह 30 करोड़ की (वार्षिक) बिक्री वाली झील संवर्धन परियोजना थी। प्रत्युत्तर में राज्य के भूतपूर्व राजस्व मंत्री बॉकर बिहारी दास ने चिल्का बचाओ आन्दोलन छेड़ दिया। आन्दोलन में निम्नलिखित तर्क दिए गए कि इस परियोजना सेः

क) झील में स्थानीय मछुआरों के प्रवेश पर रोक लग जाएगी।
ख) स्थानीय पशुओं से विशाल चरागाह छिन जाएगा।
ग) समय समय पर जैवपोषकों तथा किण्वित भोज्य के डाले जाने से झील प्रदूषित हो जाएगी जिससे समुद्री जीवन का क्षय होगा और खारेपन के स्रोत के कारण पहले से ही कम होते हुए मत्स्य झील में और भी गिरावट आ जाएगी।
घ) प्रवासी पक्षियों का आना कम हो जाएगा क्योंकि पानी के प्रवाह को बनाए रखने के लिए उच्च ऋऋ शक्ति के डीजल पम्पों का प्रयोग करना पड़ेगा।

भारत, रामसर अन्तर्राष्ट्रीय संधि के हस्ताक्षरकर्ताओं में है जिसमें आर्द्र भूमि संरक्षण पर विचार करते हुए चिल्का को उसके अनुपम पारिस्थितिक तंत्र के कारण संसार के जलाशयों में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया था। अतः अक्तूबर 1992 में केन्द्र सरकार ने टाटा परियोजना को अनुमति न देने का निर्णय लिया। नवंबर 1993 में चिल्का झील के पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा के समर्थन में उड़ीसा उच्च न्यायालय की खंडपीठ का एक निर्णय भी आ गया।

इसी बीच आर्थिक दबाबों के कारण अनायास ही अनेक ऐसे लोग भी झील में मछली पकड़ने लगे जो मछुआरे नहीं थे। चिल्का बचाओ आन्दोलन ने स्थानीय ग्राम वासियों की सहायता से नई स्फूर्ति के साथ मछुआरों के हितों के लिए जोरदार संघर्ष किया। इस आन्दोलन को पर्यावरणवादियों की ओर से आमतौर पर समर्थन प्राप्त हुआ है।

फिर भी पारिस्थितिकी तथा कल्याण कार्य की अपेक्षा व्यापार और लाभ कहीं अधिक शक्तिशाली सिद्ध हुए। बाहरी लोगों ने स्थानीय गैर मछुआरों से झील पर अतिक्रमण कराया तथा झील और समुद्र के मिलन स्थल पर झींगा फार्मों द्वारा प्रयुक्त अवरोधों ने स्थानीय मछली की पकड़ को बहत कम कर दिया जिसके कारण आन्दोलन हुआ और पुलिस द्वारा गोली चलाई गई। आन्दोलन अभी चल रहा है और आज की माँग यह है कि झींगा पालन पर पूरी तरह रोक लगाई जाए।

शब्दावली
गुरिल्ला युद्ध ः छोटे-छोटे दलों द्वारा की गई लड़ाइयाँ जिनमें किसी नियमित सेना ने – भाग न लिया हो।
मुक्ति-धर्मी ः मूलतः धर्म में विश्वास रखने वाले विद्धान जो सामाजिक न्याय की चिंता रखते थे और उसके लिए कार्य भी करते थे। दूसरे शब्दों में सामाजिक न्याय की चिंता में आनन्दानुभूति करने वाले लोग।
नारीवादी ः स्त्रियों के अधिकारों के प्रति चिंतित एवं उनके समर्थन में आन्दोलन करने वाले लोग।
अराजकतावादी ः ऐसे लोग जिनका विश्वास था कि सरकारें तथा कानून अवांछनीय हैं अतः उन्हें समाप्त किया जाना चाहिए।

कुछ उपयोगी पुस्तकें
डाऊन टू अर्थ, इकालोजिस्ट, पब्लिकेशनस ऑफ सी.एस.ई. अर्थ स्केन एण्ड वर्ल्ड वॉच इन्स्टीट्यूट।
टी.वी. के ‘डिस्कवरी‘ तथा ‘नेशनल ज्यॉग्राफिक‘ चैनल।

बोध प्रश्न 3
नोटः क) अपने उत्तरों के लिए नीचे दिए गए स्थान का प्रयोग कीजिए।
ख) इस इकाई के अंत में दिए गए उत्तरों से अपने उत्तर मिलाइए।
1) चिपको आन्दोलन की प्रकृति और उसके महत्व का विवरण दीजिए।
2) नर्मदा बचाओ आन्दोलन से जुड़े हुए मुद्दे क्या क्या हैं?
3) पर्यावरण-निम्नीकरण से जुड़े हुए मुद्दे क्या क्या हैं?

error: Content is protected !!