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धातु के रासायनिक गुण , chemical properties of metals in hindi
धातुओ की अभिकिया ऑक्सीजन के साथ किया जाता है तब लगभग सभी धातुएँ ऑक्सीजन के साथ मिलकर धातु के ऑक्साइड बनाती हैं।
धातु + ऑक्सीजन ———–> धातु ऑक्साइड
उदाहरण के लिए, जब कॉपर को वायु की उपस्थिति में गर्म किया जाता है तो यह ऑक्सीजन के साथ मिलकर कॉपर ऑक्साइड बनाता है जिसका रंग कला होता है |
2 CU + O2 ———-> 2CuO
इसी प्रकार ऐलुमिनियम का अभ्किया ऑक्सीजन के साथ करने पर ऐलुमिनियम ऑक्साइड प्रदान करता है।
4 Al+ 3 O2 ———-> 2 Al3O2
धातु के ऑक्साइड की प्रकिती अम्लीय और क्षारकीय दोनों ही होती है लेकिन इनकी प्रकिती धातु और अन्य ऑक्साइड के बीच के अबाध पर निर्भर करता है |
धातु ऑक्साइड की प्रकृति क्षारकीय होती है। लेकिन ऐलुमिनियम ऑक्साइड, जिक ऑक्साइड जैसे कुछ धातु ऑक्साइड अम्लीय तथा क्षारकीय दोनों प्रकार की होती है । ऐसे धातु ऑक्साइड जो अम्ल तथा क्षारक दोनों से अभिक्रिया करके लवण तथा जल प्रदान करते हैं, उभयधर्मी ऑक्साइड कहलाते हैं।
अम्ल तथा क्षारक के साथ ऐलुमिनियम ऑक्साइड निम्न प्रकार से अभिक्रिया करता है।
Al2O3 + 6HCl ——– > 2AlCl3 + 3H2O
Al2O3 + 2NaOH ——–> 2NaAlO2 + H2O
(सोडियम ऐलुमिनेट)इसके अलावा सोडियम ऑक्साइड की प्रकिती उभयधर्मी ऑक्साइड होती है जब सोडियम की अभिकिया ऑक्सीजन के साथ कारन पर निन्म अभिकिया होती है :
2 Na + O2 ———-> 2NaO /// NaO एक अति जवलन ऑक्साइड है
इसके अलावा मरकरी की अभिकिया ऑक्सीजन के साथ करना पर निन्म उत्पाद मिलता है
Hg + O2 ———–> 2 HgO
रासायनिक गुण 2 :
जब धातु की अभिकिया जल के साथ अभिकिया की जाती है तब धातुएँ हाइड्रोजन गैस तथा धातु ऑक्साइड उत्पन्न करती हैं। जो धातु ऑक्साइड जल में घुलनशील हैं| ये धातु ऑक्साइड जल में घुलकर धातु हाइड्रॉक्साइड प्रदान करते हैं। लेकिन सभी धातुएँ जल के साथ अभिक्रिया नहीं करती हैं। बल्कि धातु ऑक्साइड की अभिकिया करके , धातु हाइड्रॉक्साइड से की जाती है |
धातु + जल ———– > धातु ऑक्साइड + हाइड्रोजन
धातु ऑक्साइड + जल ————> धातु हाइड्रॉक्साइड
पोटैशियम एवं सोडियम जैसी धातुएँ ठंडे जल के साथ तेज़ी से अभिक्रिया करती हैं। क्योकि ऑक्साइड बहुत जवलनशील ऑक्साइड है | सोडियम तथा पोटैशियम की अभिक्रिया तेज़ तथा ऊष्माक्षेपी होती है कि इससे उत्सर्जित हाइड्रोजन बहुत तेज़ी से बहार निकली है।
2K(s) + 2H2O(l) ——–> 2KOH(aq) + H2(g) + Å”eh; ÅtkZ
2Na(s) + 2H2O(l)————-> 2NaOH(aq) + H2(g) + Å”eh; ÅtkZ
इन धातु ऑक्साइड क्षारकीय है क्योकि इसमें OH अयन होता है |
जल के साथ कैल्सियम की अभिक्रिया थोड़ी धीमी होती है। यहाँ उत्सर्जित ऊष्मा हाइड्रोजन के प्रज्ज्वलित होने के लिए पर्याप्त नहीं होती है।
Ca(s) + 2H2O(l)———> Ca(OH)2(aq) + H2(g)
क्योंकि उपरोक्त अभिक्रिया में उत्पन्न हाइड्रोजन गैस के बुलबुले कैल्सियम धातु की सतह पर चिपक जाते हैं। इस अभिकिया की मदद से ca को पानी की सतह पर देखा जा सकता है | मैग्नीशियम ठंडा जल के साथ अभिक्रिया नहीं करता है Mg की पानी से बहुत धीमी गति से होता है | अभिकिया की गति बढ़ानेके लिए गर्म जल के साथ अभिक्रिया करके वह मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता है।
चूँकि हाइड्रोजन गैस के बुलबुले मैग्नीशियम धातु की सतह से चिपक जाते हैं। अतः Ca और Mg की अभिकिया एक जैसी है |
ऐलुमिनियम, आयरन तथा जिक जैसी धातुएँ न तो शीतल जल के साथ और न ही गर्म जल के साथ अभिक्रिया करती हैं। लेकिन भाप के साथ अभिक्रिया करके यह धातु ऑक्साइड तथा हाइड्रोजन प्रदान करती हैं। क्योकि H2O की आयतन ज्यादा होना चाहिए |
2Al(s) + 3H2O(g) ———-> Al2O3(s) + 3H2(g)
3Fe(s) + 4H2O(g) ———-> Fe3O4(s) + 4H2(g)
रसायनिक गुण 3 :
अम्लों के साथ धात्विक ऑक्साइडों की अभिक्रियाएँ
जब धात्विक ऑक्साइडों की अभिकिया अम्ल के साथ करायी जाती है तब उत्पाद के रूप मे लवण एवं जल प्राप्त होता है |
बीकर में कॉपर ऑक्साइड की अल्प मात्र लीजिए एवं हिलाते हुए उसमें धीरे-धीरे तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाइए। विलयन के रंग नीला हो जाता है जो की कॉपर क्लोराइड के कारण होता है |
धातु ऑक्साइड एवं अम्ल के बीच होने वाली सामान्य अभिक्रिया को इस प्रकार लिख सकते हैंः
धातु ऑक्साइड + अम्ल ———————-> लवण +जल
क्षारक एवं अम्ल की अभिक्रिया के समान ही धात्विक ऑक्साइड अम्ल के साथ अभिक्रिया करके लवण एवं जल प्रदान करते हैं, अतः धात्विक ऑक्साइड को क्षारकीय ऑक्साइड भी कहते हैं। अभिक्रिया को इस प्रकार लिख सकते हैंः
1.अगर HCL को धातु Na2O को reaction करने पर निन्म reaction होती है :-
2HCL + Na2O3 ————-> 2NaCl + H2O
2.अगर H2SO4 को धातु CuO को reaction करने पर निन्म reaction होती है :-
H2SO4 + CuO ————-> CuSO4 + H2O
3.अगर HNO3 को धातु NaOH को reaction करने पर निन्म reaction होती है :-
2HNO3 + K2O ————-> 2KNo3 + H2O
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