JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: chemistry

उत्प्रेरक व उत्प्रेरण की परिभाषा क्या है , उदाहरण , उत्प्रेरक , उत्प्रेरण किसे कहते है , प्रकार (catalysis and catalyst in hindi)

(catalysis and catalyst in hindi) उत्प्रेरक व उत्प्रेरण की परिभाषा क्या है , उदाहरण , उत्प्रेरक और उत्प्रेरण किसे कहते है , प्रकार
परिभाषा : वह पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया के वेग को परिवर्तित कर देता है लेकिन स्वयं अभिक्रिया के अंत तक द्रव्यमान व संघटन की दृष्टि से अपरिवर्तित रहता है , उत्प्रेरक कहलाता है।
या
वह पदार्थ जो किसी रासायनिक अभिक्रिया में उपस्थित रहकर अभिक्रिया के वेग को प्रभावित या परिवर्तित कर देता है लेकिन खुद अभिक्रिया में द्रव्यमान या संघटन की दृष्टि से परिवर्तित नहीं होता है उस पदार्थ को उत्प्रेरक कहते है।
यहाँ द्रव्यमान और संघटन की दृष्टि से अपरिवर्तित होने का तात्पर्य है कि जितना उत्प्रेरक पदार्थ अभिक्रिया के प्रारंभ में होता है और जिस संघटन में होता है उतना ही उत्प्रेरक अभिक्रिया के पूर्ण होने पर पाया जाता है और उसी संघटन में पाया जाता है जिसमें उसे अभिक्रिया के शुरू में मिलाया गया था।
सबसे पहले वर्जिलियस ने उत्प्रेरक पद के बारे में सुझाव दिया था , वर्जिलियस जब प्रयोग कर रहे है थे तो कुछ प्रयोगों में उन्होंने यह पाया कि जब कुछ विशेष पदार्थों को कुछ विशेष अभिक्रियाओं में मिलाया जाता है तो उस पदार्थ के कारण उस अभिक्रिया का वेग परिवर्तित हो जाता है , जिस विशेष पदार्थ के कारण अभिक्रिया का वेग परिवर्तित होता है वर्जिलियस ने उसे उत्प्रेरक नाम दिया और उत्प्रेरक के कारण किसी अभिक्रिया के वेग में परिवर्तन की घटना को उत्प्रेरण नाम दिया गया।
उत्प्रेरण की परिभाषा : वह प्रक्रिया जिसमें जिसमें किसी अभिक्रिया के वेग को कोई पदार्थ डालकर परिवर्तित किया जा सके उसे उत्प्रेरण कहते है और अभिक्रिया के वेग को प्रभावित या परिवर्तित करने के लिए जो पदार्थ डाला जाता है उसे उत्प्रेरक कहते है।
उत्प्रेरक की परिभाषा : वह पदार्थ जिसकी उपस्थिति से अभिक्रिया का वेग परिवर्तित हो जाता है , उसे उत्प्रेरक कहते है और इस प्रक्रिया को उप्रेरण कहते है।

उत्प्रेरक वर्धक या उत्प्रेरक विष

उत्प्रेरक वर्धक : वे पदार्थ जो किसी उत्प्रेरक की उत्प्रेरण की क्षमता को बढ़ा देते है उन्हें उत्प्रेरक वर्धक पदार्थ कहते है।
उत्प्रेरक वर्धक पदार्थ , उत्प्रेरक के क्रिस्टल जालक के अंतरालों में अधिशोषित हो जाते है जिससे सक्रीय केन्द्रों की संख्या बढ़ जाती है जिससे उत्प्रेरक की उत्प्रेरण की क्षमता बढ़ जाती है।
उत्प्रेरक विष : वे पदार्थ जो किसी उत्प्रेरक की उत्प्रेरण की क्षमता को घटा देते है ऐसे पदार्थों को उत्प्रेरक विष कहा जाता है। इसमें उत्प्रेरक के पृष्ठ पर उत्प्रेरक विष के कण क्रियाकारक के कणों से पहले चिपक जाते है या विष के कण क्रियाकारक के कणों से पहले अधिशोषित हो जाते है जिससे उत्प्रेरक की उत्प्रेरण की क्षमता कम हो जाती है या घट जाती है।

समांगी तथा विषमांगी उत्प्रेरण

समांगी उत्प्रेरण : जब क्रियाकारक , क्रियाफल और उत्प्रेरक तीनो एक ही अवस्था में उपस्थित रहते है तो इसे समांगी उत्प्रेरण कहते है , जैसे मान लीजिये की किसी अभिक्रिया में क्रियाकारक , क्रियाफल और उत्प्रेरक तीनो ठोस अवस्था में हो तो उसे समांगी उत्प्रेरण कहेंगे।
विषमांगी उत्प्रेरण : जब जब किसी अभिक्रिया में क्रियाकारक , क्रियाफल और उत्प्रेरक , तीनो की अवस्था समान न हो तो ऐसी अभिक्रिया को विषमांगी उत्प्रेरण कहते है।

उत्प्रेरक के प्रकार

उत्प्रेरक को निम्न चार भागों में बांटा जा सकता है –
1. धनात्मक उत्प्रेरक
2. ऋणात्मक उत्प्रेरक
3. स्वत: उत्प्रेरक
4. प्रेरित उत्प्रेरक
अब हम इन चारों प्रकार को विस्तार से अध्ययन करते है –
1. धनात्मक उत्प्रेरक : वे उत्प्रेरक जो किसी अभिक्रिया के वेग को बढ़ा देते है उन्हें धनात्मक उत्प्रेरक कहते है , अर्थात वह पदार्थ जिसकी उपस्थिति से अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है ऐसे पदार्थ को धनात्मक उत्प्रेरक कहते है। किसी अभिक्रिया में धनात्मक उत्प्रेरक की उपस्थिति से अभिक्रिया की सक्रियण ऊर्जा का मान घट जाता है जिससे अधिक संख्या में क्रियाकारक के अणु उत्पाद में बदलने लगते है और अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है।
2. ऋणात्मक उत्प्रेरक : वे उत्प्रेरक जिनकी उपस्थिति से अभिक्रिया का वेग कम हो जाता है उन्हें ऋणात्मक उत्प्रेरक कहते है अर्थात वे पदार्थ जिनकी उपस्थिति से किसी अभिक्रिया का वेग कम हो जाए ऐसी पदार्थों को ऋणात्मक उत्प्रेरक कहते है।
किसी भी अभिक्रिया में ऋणात्मक उत्प्रेरक की उपस्थिति के कारण सक्रियण ऊर्जा का मान बढ़ जाता है जिससे पहले से भी कम क्रियाकारक के अणु उत्पाद में बदल पाते है परिणामस्वरूप अभिक्रिया का वेग घट जाता है।
3. स्वत: उत्प्रेरक : जब किसी अभिक्रिया में बना उत्पाद ही उत्प्रेरक की तरह कार्य करता है तो ऐसी उस पदार्थ को स्वत: उत्प्रेरक कहते है।
अर्थात मान लीजिये A  + B = C
कोई अभिक्रिया में जिसमें बाहर से कोई उत्प्रेरक नहीं डाला गया है लेकिन यदि इसमें बना उत्पाद C ही यदि इस अभिक्रिया में उत्प्रेरक की तरह कार्य करे तो इस पदार्थ को स्वत: उत्प्रेरक  कहते है।
4. प्रेरित उत्प्रेरक : जब एक रासायनिक अभिक्रिया किसी दूसरी रासायनिक अभिक्रिया के वेग को प्रभावित करती है तो उसे प्रेरित उत्प्रेरक कहते है।

उत्प्रेरक के गुण

  • जब कोई अभिक्रिया अनुक्रमणीय हो अर्थात अग्र और पश्च दिशा में चले तो ऐसी स्थिति में उत्प्रेरक अभिक्रिया के अग्र और पश्च दोनों वेग को समान रूप से प्रभावित करते है।
  • समांगी उत्प्रेरक की सांद्रता , अभिक्रिया के वेग को प्रभावित करती है , समांगी उत्प्रेरक की उपस्थिति में उत्प्रेरक की सांद्रता को बढ़ाने पर अभिक्रिया का वेग बढ़ता है।
  • किसी अभिक्रिया में उत्प्रेरक की उपस्थिति से उत्पाद में कोई परिवर्तन नही होता है अर्थात वही उत्पाद या क्रियाफल प्राप्त होता है जो बिना उत्प्रेरक के प्राप्त होता है अर्थात यह क्रियाफल या उत्पाद में परिवर्तन नही करता है केवल अभिक्रिया के वेग में परिवर्तन करता है।
  • प्रत्येक अभिक्रिया के लिए विशेष उत्प्रेरक होता है , यदि किसी अभिक्रिया में कोई उत्प्रेरक वेग बढाता है तो इसका तात्पर्य यह नहीं है कि यह हर अभिक्रिया के वेग को प्रभावित कर सकता है या बढ़ा सकता है।

उत्प्रेरक

 वे पदार्थ जो स्वयं तो रासायनिक क्रिया में भाग नहीं लेते, किन्तु जिनकी उपस्थिति क्रिया की गति को तीव्र कर दे या मंद कर दे, उत्प्रेरक कहलाते हैं।

 बर्जीलियस को उत्प्रेरक का जन्मदाता माना जाता है, जिन्होंने 1853 में इसकी खोज की।

 उत्प्रेरक चार प्रकार के होते हैं –

(प) धनात्मक उत्प्रेरक वे पदार्थ जो क्रिया की गति को बढ़ा देते हैं, धनात्मक उत्प्रेरक कहलाते हैं। उदाहरणार्थ, को ऑक्सीजन के से बनाने में प्रयोग किया जाता है।

(पप)  ऋणात्मक उत्प्रेरकः वे पदार्थ जो किसी रासायनिक क्रिया की गति को कम कर देते हैं उन्हें ऋणात्मक उप्रेरक कहते हैं। यदि हाइड्रोजन पराक्साइड में एसिटेमाइड, एल्कोहल या अम्ल उपस्थित हैं तब ये विच्छेदन को रोकते हैं, इस क्रिया में ये ऋणात्मक उत्प्रेरक का कार्य करते हैं।

(पपप) स्व उत्प्रेरकः कभी-कभी किसी रासायनिक क्रिया की गति क्रिया के बढ़ने के साथ स्वयं ही बढ़ जाती है। इस क्रिया में परक बनने वाला कोई पदार्थ स्वयं ही उत्प्रेरक का कार्य करता है। कभी

(पअ)  प्रेरित उत्प्रेरकः कभी-कभी एक क्रिया दूसरी क्रिया का वेग बढ़ा देती है। इस प्रकार के उत्प्रेरक को प्रेरित उत्प्रेरक कहते हैं।

महत्त्वपूर्ण उत्प्रेरक एवं प्रयोग

उत्प्रेरक प्रयोग

निकिल वनस्पति तेलों से घी का निर्माण

चूर्ण सल्फ्यूरिक अम्ल के निर्माण की सम्पर्क विधि

क्यूप्रिक क्लोराइड क्लोरीन के निर्माण का डीकन प्रक्रम

पेप्सिन एन्जाइम प्रोटीन का पेप्टाइड में परिवर्तन

इरिप्सिन एन्जाइम प्रोटीन का एमीनो अम्ल में परिवर्तन

जाइमेस एन्जाइम ग्लूकोस का एथिल ऐल्कोहॉल में परिवर्तन

डाइस्टेज एन्जाइम स्टार्च का माल्टोस में परिवर्तन

माइकोडर्मा ऐसिटी शर्करा से सिरके का निर्माण

इन्वर्टेज एन्जाइम सुक्रोज का ग्लूकोज व फ्रक्टोस में परिवर्तन

लेक्टेस (लेक्टोबेसिली) दूध का दही में परिवर्तन

लोहे का चूर्ण अमोनिया गैस बनाने की हैबर विधि में

Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

1 month ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

1 month ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now