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कार्टेल इन इकोनॉमिक्स क्या है ? कार्टल किसे कहते है परिभाषा cartel definition in hindi अर्थ मीनिंग बताइए
cartel definition in hindi कार्टेल इन इकोनॉमिक्स क्या है ? कार्टल किसे कहते है परिभाषा अर्थ मीनिंग बताइए ?
शब्दावली
बही खाता लागत तथा मुनाफे का लेखा-जोखा
नौकरशाही पर आधारित यह आधुनिक समाजों का एक प्रमुख लक्षण है। इसमें संहिताबद्ध
तर्क-विधिक राज्य कानून और सरकार का तर्कसंगत संगठन होता है।
ईश्वरीय आह्वान (calling) किसी कार्य या पेशे को ऐसा पवित्र कर्त्तव्य मान कर करना, जिसके लिए स्वयं ईश्वर ने व्यक्ति-विशेष को निर्देश दिया हो।
कार्टेल (cartel) उद्योगपतियों का ऐसा समूह, जो मिलकर बाजार पर एकाधिकार या पूर्ण नियत्रंण कर लेता है।
विश्व के प्रति विरक्ति विश्व के प्रति आदर-भाव की समाप्ति। लोग विश्व से अब आकर्षित और चकित नहीं होते। वे इसकी (disenchantment व शक्तियों तथा रहस्यों को जानकर उन पर नियंत्रण कर लेते हैं, अतः उन्हें यह आकर्षक या रोमांचक नहीं जीम world) लगता।
व्याख्यात्मक दृष्टिकोण वेबर के फर्टेहन की पद्धति अंतर्दृष्टि जिसमें सामाजिक घटनाओं का अध्ययन कर्ता के दृष्टिकोण के (interpretative आधार पर किया गया है।
understanding)
मशीनी या एककारणीय एक ही कारण पर आधारित संबंध जैसे ऊष्मा से पानी गर्म होता है एककारणीय व्याख्या है, जहाँ ऊष्मा संबंध (monocausal को पानी गर्म होने का एकमात्र कारण बताया गया है।
relationship)
वर्गो का धु्रवीकरण वर्गो के बीच अंतर इतना बढ़ जाता है कि वे पृथ्वी के दो ‘‘ध्रुवों‘‘ (poles) की तरह एक-दूसरे के (polarisation व विपरीत हो जाते हैं। उनके हित, विचार, भौतिक स्थिति सभी कुछ एक दूसरे के विपरीत हो जाते हैं। बसंेेमे)
सतही और सपाट बड़ा ही सरल, विश्लेषण जिसमें गहन तथा जटिल पक्षों की अनदेखी कर दी गई है। जैसे “सभी नशीली (simplistic) दवाइयां लेने वाले युवक/युवतियाँ टूटे परिवारों से आते हैं‘‘ सपाट व्याख्या है। इसमें अन्य कारणों, जैसे दोस्तों के असर, गरीबी आदि कारकों की अनदेखी की गई है।
स्टॉक, शेयर या बांड कम्पनी अथवा उद्यम शेयर, स्टॉक और बांड जारी करक आम जनता को व्यापारिक पूँजी में अंशदान को आमंत्रित करते हैं। इन तरीकों से जन-साधारण का कंपनी की पूँजी में एक छोटा हिस्सा हो जाता है और उसी अनुपात में लाभांश (डिविडेंड) प्राप्त होता है।
इहलौकिक आत्मसंयम का मतलब दैनिक जीवन में कड़े अनुशासन से है। वेबर के अनुसार प्रारंभिक प्रोटेस्टेंट धर्म को (this worldly मानने वालों की यह प्रमुख विशेषता थी। वेबर ने हिंदू-धर्म जैसी पारलौकिक आत्मसंयम (other asceticism) worldly asceticism) से इसकी तुलना की। इस प्रवृति में लोग प्रायश्चित द्वारा विश्व का त्याग करने के लिए स्वयं को संयमित करते हैं।
कुछ उपयोगी पुस्तकें
बॉटोमोर, टॉम (संपादित) (1973). डिकशनरी ऑफ मासिस्ट थॉट ब्लैकवेलः ऑक्सफोर्ड
कॉलिंस रेंडल (1986). मैक्स वेबर – ए स्कैलेटन की सेज पब्लिकेशंसः बेवर्लीहिल्स
फ्रांएड, जूलिएन (1972), सोशियोलॉजी ऑफ मैक्स वेबर, पेंगुइनः लंदन
प्रस्तावना
इस पाठ्यक्रम के अध्ययन से आपको उस सामाजिक-आर्थिक संदर्भ की जानकारी मिल चुकी है जिसके अंतर्गत समाजशास्त्र के संस्थापकों ने अध्ययन किया और इस विषय को अपने स्थायी तथा महत्वपूर्ण योगदान से समृद्ध किया। आपने यह भी पढ़ा कि इन विद्वानों ने एक ऐसे दौर में काम किया जिसमें समाज अत्यंत तेज गति से बदल रहा था। तेजी से बदलते विश्व की समस्याओं की छाप इन विद्वानों के अध्ययन और विचारों पर स्पष्ट दिखाई देती है।
इकाई 20 में हमने श्रम विभाजन के बारे में एमिल दर्खाइम और मैक्स वेबर की धारणाओं का अध्ययन किया। इस इकाई में पूँजीवाद के बारे में कार्ल मार्क्स और मैक्स वेबर के विचारों के बारे में बताया जाएगा। भाग 21.2 में कार्ल मार्क्स के विचार प्रस्तुत किये जाएंगे। भाग 21.3 में पूँजीवाद के बारे में मैक्स वेबर का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया जाएगा। अंतिम भाग (21.4) में इन दोनों विद्वानों के विश्लेषण में समानताओं और अंतर पर विचार किया जाएगा।
सारांश
इस इकाई में हमने पूँजीवाद के संदर्भ में मार्क्स और वेबर के दृष्टिकोण के बारे मे पढ़ा। इन दोनों विचारकों के जीवन-काल में पूँजीवादी व्यवस्था विकसित हुई।
पहले भाग में, हमने मार्क्स के प्रमुख विचारों पर चर्चा की। हमने पढ़ा कि कैसे मार्क्स ने पूँजीवाद को मानवीय इतिहास के एक चरण के रूप में देखा। हमने टॉम बॉटोमार द्वारा बताए गए पूँजीवाद के लक्षणों का विवरण किया। हमने मार्क्स के वर्गों के धु्रवीकरण के विचार का भी अध्ययन किया जिसके परिणामस्वरूप सर्वहारा क्रांति होगी और पूँजीवाद का विनाश होगा।
अगले भाग में, हमने पूँजीवाद के बारे में मैक्स वेबर के विचारों का विस्तृत अध्ययन किया। हमने देखा कि तर्कसंगित किस प्रकार पाश्चात्य सभ्यता के हर क्षेत्र में छायी हुई है। हमने आर्थिक प्रणाली की तर्कसंगतिकरण की प्रक्रिया का अध्ययन किया जिससे तर्कसंगत पूँजीवाद पनपा। हमने परंपरागत और तर्कसंगत के अंतर को समझा। आर्थिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक, धार्मिक कारकों के आधार पर पूँजीवाद के उदय के बारे में वेबर के विचारों पर चर्चा की गई। फिर हमने पाश्चात्य सभ्यता के भविष्य के प्रति वेबर के विचारों की संक्षिप्त चर्चा की।
अंतिम भाग में, हमने दोनों विचारकों की धारणाओं की संक्षेप में तुलना की। हमने यह भी पढ़ा कि पूँजीवाद के प्रति दोनों के दृष्टिकोण तथा इसके पनपने के कारणों तथा भविष्य के बारे में दोनों के विचारों में क्या-क्या अंतर है। निष्कर्ष रूप में हमने देखा कि दोनों ही पूँजीवाद को अलगाव पैदा करने वाली व्यवस्था मानते हैं।
संदर्भ ग्रंथ सूची
अ)
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कोलाकॉवस्की, लेजेक, 1978. मेन करेंट्स ऑफ मासिज्म–इट्स ओरिजिन्स, ग्रोथ एण्ड डिसोल्यूशन भाग 1, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेसः ऑक्सफोर्ड
लॉकवुड, डेविड 1992. सॉलिडैरिटी एंड शिज्मः “द प्रॉब्लम ऑफ डिसऑर्डर इन दर्खाइमियन एंड मासिस्ट सोशियॉलाजी. क्लैरंडन प्रेसः ऑक्सफर्ड
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मार्क्स, कार्ल, और एंगल्स, एफ. 1938. जर्मन आइडियॉलोजी. भाग प् और प्प् लॉरेन्स एण्ड विसहॉटर्ः लंदन
मैकिटॉश, इयन (सम्पा.) 1997. क्लासिकल सोशियोलॉजिकल थियरीः ए रीडर. न्यूयॉर्क यूनीवर्सिटी प्रेसः न्यूयॉर्क
मॉस, मार्सेल, 1954. द गिफ्टय फार्स एण्ड फंक्शन्स ऑफ एक्सचेंज इन आर्केइक सोसायटीज. यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो प्रेसः शिकागो
माउस, मार्सेल और ह्यूबर्ट, हैनरी, 1964. सैक्रिफाइसः इट्स नेचर एण्ड फंक्शन यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो प्रेसः शिकागो
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वेबर मैक्स. 1951. द रिलीजन ऑफ चाइना कन्फ्यूशियनिज्म एण्ड टाओइज्म फ्री प्रेसः ग्लेनको
वेबर मैक्स, 1958. द प्रॉटेस्टेंट एथिक एण्ड द स्पिरिट ऑफ कैपिटलिज्म. स्क्रिबनरः न्यूयार्क
वेबर मैक्स, 1958. द रैशनल एण्ड सोशल फाउंडेशन्स ऑफ म्यूजिक सदर्न इलिनॉय यूनिवर्सिटी प्रेसः कार्बनडेल
वेबर मैक्स, 1968. द रिलीजन ऑफ इंडिया, द सोशियोलॉजी ऑफ हिंदुइज्म एण्ड बुद्धिज्म. फ्री प्रेसः ग्लेनको
वेबर मैक्स, 1966. द सोशियोलॉजी ऑफ रिलीजन. मेथ्युएनः लंदन
ब) हिंदी में उपलब्ध पुस्तकें
श्रीवास्तव, सुरेन्द्र कुमार, समाज के मूल विचारक उत्तरप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमीः लखनऊ, क्रमांकः 541
बॉटोमोर, टॉम, 1975. मार्क्सवादी समाजशास्त्र. अनुवादक सदाशिव द्विवेदी. मैकमिलन कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेडः नई दिल्ली
यशपाल, 1983. मार्क्सवाद. लोकभारती प्रकाशनः इलाहाबाद
दर्खाइम, एमिल, 1982. समाजशास्त्री पद्धति के नियम. अनुवाद हरिश्चंद्र उप्रेती. राजस्थान हिंदी ग्रोध. अकादमीः जयपुर
वर्मा, ओमप्रकाश, 1983-84. दर्खाइम एक अध्ययन. विवेक प्रकाशनः दिल्ली
पूँजीवादः मार्क्स और वेबर
इकाई की रूपरेखा
उद्देश्य
प्रस्तावना
पूँजीवाद के बारे में कार्ल मार्क्स के विचार
पूँजीवाद – मानव इतिहास का एक चरण
पूँजीवाद की मुख्य विशेषताएं
पूँजीवाद और वर्ग संघर्ष
पूँजीवाद के बारे में मैक्स वेबर के विचार
तर्कसंगति के बारे में वेबर के विचार
तर्कसंगतिकरण और पाश्चात्य सभ्यता
परंपरागत और तर्कसंगत पूँजीवाद
तर्कसंगत पूँजीवाद की पूर्व-शर्तेः पूँजीवाद किस तरह के सामाजिक आर्थिक परिवेश में पनप सकता है?
तर्कसंगत पूँजीवाद के कारक
तर्कसंगत पाश्चात्य समाज का भविष्यः ‘‘लोहे का पिंजरा‘‘
मार्क्स और वेबर के विचारों की तुलना
दृष्टिकोण में अंतर
पूँजीवाद का उदय
पूँजीवाद के परिणाम और पूँजीवाद व्यवस्था को बदलने का उपाय
सारांश
शब्दावली
कुछ उपयोगी पुस्तकें
बोध प्रश्नों के उत्तर
उद्देश्य
इस इकाई के अध्ययन के बाद आपके लिए संभव होगा
ऽ इतिहास के एक चरण के रूप में पूँजीवाद के बारे में कार्ल मार्क्स के विचारों को संक्षेप में समझना
ऽ पूँजीवाद के बारे में मैक्स वेबर के विचारों का विवेचन करना
ऽ पूँजीवाद के विश्लेषण में इन दोनों विद्वानों के विचारों में समानताओं और अंतर को समझना।
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