कार्बन प्रतिरोध तथा वर्ण कोड क्या है , कैसे लिखते है carbon resistance and colour codes in hindi

carbon resistance and colour codes for carbon resistance in hindi कार्बन प्रतिरोध तथा वर्ण कोड : विद्युत तथा इलेक्ट्रॉनिकी में उपयोग आने वाले प्रतिरोध कई प्रकार के हो सकते है जैसे तार आबद्ध प्रतिरोधक और कार्बन प्रतिरोध इत्यादि।

तार आबद्ध प्रतिरोधक कम प्रतिरोध वाले होते है इनसे अधिकबड़े प्रतिरोध नहीं बना सकते अधिक मान के  प्रतिरोध बनाने के लिए  कार्बन प्रतिरोध उपयोग में लाये जाते है।
आपने इलेक्ट्रॉनिक परिपथ देखा होगा तो निश्चित रूप से कार्बन प्रतिरोध को भी देखा होगा हम यहाँ फोटो दिखा रहे है यह छोटे से छोटे व बड़े से बड़े परिपथ में देखा जा सकता है
अब आप सोच रहे होंगे की ये अलग अलग रंग के क्यों है , हम आपको बता दे की रंग वर्ण कोड कहलाते है इन रंगो से आप यह पता लगा सकते है की कोनसा प्रतिरोध कितने ओम का है। ]

आइये वर्ण कोड को पढ़ना सीखते है

सिरे से पहली दो धारियां ओम में प्रतिरोध के पहले दो सार्थक अंको को निर्देशित करती है।
तीसरी धारी दशमलव गुणांक को दर्शाती है।
अंतिम धारी प्रतिरोध में प्रतिशत विचरण को दर्शाती है इसे पता चलता है की यह इतने प्रतिशत कम या अधिक हो सकता है।
उदाहरण :

वर्ण कोड सारणी

Colour Digit Multiplier Tolerance
Black 0 1
Brown 1 10 ± 1%
Red 2 100 ± 2%
Orange 3 1,000
Yellow 4 10,000
Green 5 100,000 ± 0.5%
Blue 6 1,000,000 ± 0.25%
Violet 7 10,000,000 ± 0.1%
Grey 8 ± 0.05%
White 9
Gold 0.1 ± 5%
Silver 0.01 ± 10%
None ± 20%

उदाहरण :

निम्न कार्बन प्रतिरोध का प्रतिरोध मान ज्ञात कीजिये
पहला रंग हरा है , हरा = 5
दूसरा रंग लाल है , लाल = 2
तीसरा रंग Gold है , Gold = 0.1
चौथा रंग सिल्वर है , सिल्वर = ± 10%
अतः यह निम्न प्रकार लिखा जायेगा 
2 प्रारम्भ डिजिट x तीसरा रंग गुणक + टॉलरेंस 
52 x 0.1 ± 10%
5.2 ± 10% Ω

कार्बन प्रतिरोधों के लिए वर्ण कोड (colour code for carbon resistance in hindi) : विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक परिपथों में प्रयुक्त प्रतिरोधो का परिसर वृहत होता है। उच्चतर परिसर के प्रतिरोधक मुख्यतः कार्बन से बनाये जाते है। कार्बन के प्रतिरोधक सुसंहत तथा सस्ते होते है , इसलिए इलेक्ट्रॉनिक परिपथों में व्यापक रूप से उपयोग किये जाते है। कार्बन प्रतिरोध आमाप में छोटे होते है अत: उनके मान वर्ण कोड के द्वारा व्यक्त किये जाते है।

वर्ण कोड निम्नलिखित सारणी में दिया गया है –

प्रयुक्त अक्षर रंग अंक गुणक सह्ता (%) tolerance
B काला (black) 0 1
B भूरा (brown) 1 101
R लाल (red) 2 102
O नारंगी (orange) 3 103
Y पीला (yellow) 4 104
G हरा (green) 5 105
B नीला (blue) 6 106
V बैंगनी 7 107
G धूसर (grey) 8 108
W सफ़ेद (white) 9 109
सुनहरा (gold) 10-1 5%
चाँदी (silver) 10-2 10%
वर्णहीन (no colour) 20%

 

तालिका के याद रखने के लिए तथ्य –

B B R O Y of great britain has very good wife wearing golden silver necklace

अथवा

black brown rods of your gate became very good when given silver color.

नोट : वाक्य के प्रत्येक शब्द का पहला वर्ण रंग को प्रदर्शित करता है।

प्रतिरोधक पर समाक्ष रंगीन वलयों का समूह होता है जिनकी सार्थकता उक्त सारणी में दी गयी है। सिरे से पहली दो धारियां ओम में प्रतिरोध के पहले दो सार्थक अंकों को निर्देशित करती है। तीसरी धारी दशमलव गुणक को निर्देशित करती है और अंतिम धारी सह्यता या निर्देशित मान के प्रतिशत में संभावित विचरण को व्यक्त करती है। कभी कभी यह अंतिम धारी नहीं होती है जिसका आशय यह है कि सह्यता 20% है।

उदाहरण के लिए , यदि चार रंग नारंगी , नीला , पीला और सुनहरा है तो प्रतिरोध का मान 5% सह्यता मान के साथ 36 x 10Ω होगा।

प्रश्न : एक कार्बन प्रतिरोधक पर चित्र के अनुसार रंगीन पट्टियाँ बनी है। इसका प्रतिरोध क्या होगा ?

उत्तर : हम जानते है कि वर्ण कोड के अनुसार पहली दो धारियां ओम के प्रतिरोध के पहले दो सार्थक अंकों को निर्देशित करती है तथा स\तीसरी धारी दशमलव गुणक को निर्देशित करती है और अंतिम धारी सह्यता को निर्देशित करती है।
चूँकि पीले का अंक 4 तथा बैंगनी का 7 है और तीसरे रंग भूरे का गुणक 101 है। अत: प्रतिरोध का मान 47 x 101 = 470 ओम होगा।  सह्यता व्यक्त करने वाली धारी सुनहरी है जिसकी सह्यता 5% है अत: प्रतिरोधक का प्रतिरोध –
R = 470 Ω ± 5%