कालीमिर्च (black pepper) , वानस्पतिक नाम : piper nigrum , कुल , उत्पत्ति तथा उत्पादक देश , महत्व

कालीमिर्च (black pepper) :

वानस्पतिक नाम : piper nigrum

कुल : piperaceae

फल : अपरिपक्व शुष्क prupe फल (उपयोगी भाग)

उत्पत्ति तथा उत्पादक देश :

  • सामान्यत: काली मिर्च की उत्पत्ति दक्षिणी भारत में तथा इन्डो-मलाया क्षेत्र में हुई है।
  • भारत के द्वारा निर्यात किये जाने वाले मसालों में सर्वाधिक मात्रा में काली मिर्च को निर्यात किया जाता है अत: काली मिर्च को भारतीय मसालों का राजा कहा जाता है।
  • सम्पूर्ण विश्व में भारत तथा इंडोनेशिया के द्वारा सर्वाधिक मात्रा में काली मिर्च उत्पादित की जाती है , इसके अतिरिक्त फिलीपींस तथा शयाम में भी काली मिर्च उत्पादित की जाती है।
  • भारत में सर्वाधिक मात्रा में काली मिर्च केरल के द्वारा उत्पादित की जाती है इसके अतिरिक्त कर्नाटक , आंध्रप्रदेश , आसाम तथा बंगाल में भी काली मिर्च उत्पन्न की जाती है।

पादप की बाह्य आकारिकी

  • पादप का तना अत्यंत दुर्बल , बहुवर्षी , आरोही लता के रूप में पाया जाता है जो किसी सहारे की सहायता से वृद्धि करता है।
  • पत्तियां सामान्यतया सरल , एकान्तर , चौड़े पर्ण फलक वाली अंडाकार तथा तीखे स्वाद युक्त होती है।
  • उपरोक्त पादप में सामान्यतया Catkia या मजरी प्रकार का पुष्पक्रम पाया जाता है।  [असीमाक्षी]
  • पुष्प क्रम में सामान्यत: 50 से 100 सूक्ष्म एकलिंगी पुष्प पाए जाते है।
  • पादप का फल Drupe प्रकार का होता है , एक फल में एक बीज पाया जाता है तथा अपरिपक्व अवस्था में यह फल लाल रंग का तथा परिपक्व होने पर सिकुड़ा हुआ काले रंग का हो जाता है।
  • फल की काले रंग की भित्ति को पृथक करने पर सफ़ेद रंग का बीज प्राप्त होता है इसे पंसारी के द्वारा सफ़ेद मिर्च के नाम से बेचा जाता है।
  • कालीमिर्च का स्वाद तिखा तथा गंध तीव्र प्रकार की होती है।
  • काली मिर्च के फल में 28 से 49% स्टार्च पाया जाता है वही 1 से 3% सगंध तेल पाया जाता है इसके अतिरिक्त फलमय रेशे तथा अल्प मात्रा में Alkalodes (एल्केलोईड्स) पाए जाते है।
  • कालीमिर्च में सहगंध तेल पाइनीन a , b के कारण तथा चर्परा स्वाद।

काली मिर्च का आर्थिक महत्व

  • सामान्यतया काली मिर्च को मसालों तथा औषधि के रूप में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है , काली मीर्च को खाद्य पदार्थ तथा प्रमुखत: सब्जी के निर्माण में उपयोग किया जाता है जिसके कारण भोजन पाचक बन जाता है।
  • काली मिर्च वातहट होता है तथा इसके द्वारा लार तथा पाचक रसो के स्त्रावण को प्रेरित किया जाता है।
  • उत्तम नेत्र ज्योति के लिए काली मिर्च के पाउडर को देशी घी में मिलाकर खाया जाता है।
  • कालीमिर्च को खंडाइ चटनी तथा सॉस को स्वादिष्ट करने के लिए किया जाता है।
  • मांस का परिरक्षण काली मिर्च द्वारा किया जाता है।
  • कई प्रकार के आयुर्वेदिक चूर्ण का प्रमुख घटक काली मिर्च होती है।
  • सामान्यतया काली मिर्च को ज्वर , खांसी , गले की खरास , सर्दी , जुखाम , बेड कप में अदरक तुलसी व मिस्त्री के साथ मिलाकर काढ़े के रूप में उपयोग की जाती है।