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जैव-आवर्धन ,ओजोन गैस , ओजोन परत तथा यह किस प्रकार अपक्षयित होती है , ओजोन गैस का निर्माण

biomagnification in hindi जैव-आवर्धन :

कुछ हानिकारक रासायनिक पदार्थ आहार शृंखला से होते हुए हमारे शरीर में प्रविष्ट हो जाते हैं। जल प्रदूषण के कारण यह है कि विभिन्न फसलों को रोग एवं पीड़कों से बचाने के लिए पीड़कनाशक एवं रसायनों का अत्यधिक प्रयोग करते है तथा ये रसायन बह कर मिट्टी में अथवा जल स्रोत में चले जाते हैं। मिट्टी से इन हानिकारक पदार्थों का पौधों द्वारा जल एवं खनिजों के साथ-साथ अवशोषण हो जाता है तथा जलाशयों से यह जलीय पौधों एवं जंतुओं में प्रवेश कर जाते हैं। इस माध्यम से ही हानिकारक रासायनिक पदार्थ आहार शृंखला में प्रवेश करते हैं। क्योंकि ये पदार्थ अजैव निम्नीकृत हैं यह प्रत्येक पोषी स्तर पर उतरोत्तर संग्रहित होते जाते हैं। क्योंकि किसी भी आहार शृंखला में मनुष्य शीर्ष पर होता है अतः हमारे शरीर में यह रसायन सर्वाधिक मात्रा में संचित हो जाते हैं। इसे जैव-आवर्धन कहते हैं। या

आहार शृंखला में जीव एक दुसरे का भोजन के रूप में उपयोग में लेते है। अत: कुछ हानिकारक रासायनिक पदार्थ एक जीव से दुसरे जीव में आहार शृंखला के माध्यम से प्रवेश करते है जिसे जैव-आवर्धन कहा जाता है।

यही कारण है कि हमारे खाद्यान्नकृगेहूँ तथा चावल, सब्जियाँ, फल तथा मांस में पीड़क रसायन के अवशिष्ट विभिन्न मात्रा में उपस्थित होते हैं। उन्हें पानी से धोकर अथवा अन्य प्रकार से अलग नहीं किया जा सकता है।

हमारे प्रयोग दवारा पर्यावरण का प्रभावित होना 

हमारे क्रियाकलाप/गतिविधियाँ हमारे चारों ओर के पर्यावरण को प्रभावित करते हैं तथा पर्यावरण में हो रहे परिवर्तन हमें प्रभावित करते है। हमारे दवारा किये गए प्रयोगों से पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुचता है इस अद्याय में हम दो तरह के नुकसान के बारे में पढेगे

1.ओजोन परत का अपक्षय तथा

2.अपशिष्ट निपटान।

ओजोन परत तथा यह किस प्रकार अपक्षयित होती है 

ओजोन “O3” के अणु ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनते हैं जबकि सामान्य ऑक्सीजन जो की ऑक्सीजन के दो परमाणु से मिलकर बने होते हैं। ऑक्सीजन सभी प्रकार के वायविक जीवों के लिए आवश्यक है क्योकि वायविक जीव साँस लेने के लिए ऑक्सीजन का उपयोग करते है तथा वहीं ओजोन एक घातक विष है। परंतु वायुमंडल के ऊपरी स्तर में ओजोन एक आवश्यक कार्य करती है। यह सूर्य से आने वाले पराबैंगनी विकिरण जो की जीवों के लिए अत्यंत हानिकारक है। उदाहरणतः यह गैस मानव में त्वचा का कैंसर उत्पन्न करती हैं, से पृथ्वी को सुरक्षा प्रदान करती है।

ओजोन गैस का निर्माण 

वायुमंडल के उच्चतर स्तर पर पराबैंगनी विकिरण के प्रभाव से ऑक्सीजन O2 के अणुओं से ओजोन बनती है। उच्च ऊर्जा वाले पराबैंगनी विकिरण ऑक्सीजन अणुओं (O2) को विघटित कर स्वतंत्र ऑक्सीजन (O) परमाणु बनाते हैं। ऑक्सीजन के ये स्वतंत्र परमाणु ऑक्सीजन से संयुक्त होकर ओजोन बनाते हैं जैसा कि दर्शाया गया है।

O2 ====== O+O

O+O2 ==== O3

वायुमंडल की उपरी सतह ओजोन से ढकी हुई है जो की जीवों की पराबैंगनी विकिरण से रक्षा करती है। परन्तु आजकल कुछ प्रयोगों के कारण परवारण में कुछ गैसों की बढत के कारण ओजोन की मात्रा में तीव्रता से गिरावट आने लगी है। क्लोरोफ्रलुओरो कार्बन (CFC) जैसे मानव संश्लेषित रसायनों को इसका मुख्य कारक माना जाता है। इनका उपयोग रेफ्रीजेरेटर एवं अग्निशमन में शीतलन के लिए किया जाता है। अत: कुछ हानिकारक गैसो की वजह से ओजोन गैस का कम होना या ओजोन परत का क्षय होना ही ओजोन परत का क्षय होना कहते है।

1987 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम में सर्वानुमति बनी कि CFC गैस के उत्पादन को 1986 के स्तर पर ही सीमित रखा जाए। ओजोन परत के क्षय को रोकने के लिए यह अनिवार्य है कि दुनिया भर की सभी विनिर्माण कंपनियाँ CFC गैस रहित रेफ्रिजरेटर बनाएँ।

कचरा प्रबंधन 

दैनिक गतिविधियों में हम बहुत से ऐसे पदार्थ उपयोग में लेते है जिन्हें उपयोग में लेने के बाद फेंकना पड़ता है। इनमें से अपशिष्ट पदार्थ जो की हमारे दवारा फेके जाते है दो प्रकार के होता है

हमारे द्वारा खाए गए भोजन का पाचन विभिन्न एंजाइमों द्वारा किया जाता है। एंजाइम भोजन के सभी पदार्थों का पाचन नहीं करता है एंजाइम अपनी क्रिया में विशिष्ट होते हैं। किसी विशेष प्रकार के पदार्थ के पाचन/अपघटन के लिए विशिष्ट एंजाइम की आवश्यकता होती है। इसलिए कोयला खाने से हमें ऊर्जा प्राप्त नहीं हो सकती। इसी कारण बहुत से मानव-निर्मित पदार्थ जैसे कि प्लास्टिक का अपघटन जीवाणु अथवा दूसरे मृतजीवियों द्वारा नहीं होता है। परंतु सामान्य अवस्था में लंबे समय तक प्लास्टिक पर्यावरण में बने रहते हैं। वे पदार्थ जो जैविक प्रक्रम द्वारा अपघटित हो जाते हैं ‘जैव निम्नीकरणीय’ कहलाते हैं। वे पदार्थ जो जैविक प्रक्रम द्वारा अपघटित नहीं होते हैं ‘अजैव निम्नीकरणीय’ कहलाते हैं। यह पदार्थ सामान्यतः अक्रिय हैं तथा लंबे समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं अथवा पर्यावरण के अन्य सदस्यों को हानि पहुँचाते हैं।

QUESTION.1 पोषी स्तर क्या हैं? एक आहार शृंखला का उदाहरण दीजिए तथा इसमें विभिन्न पोषी स्तर बताइए।

QUESTION.2 पारितंत्र में अपमार्जकों की क्या भूमिका है?

QUESTION.3 क्या कारण है कि कुछ पदार्थ जैव निम्नीकरणीय होते हैं और कुछ अजैव निम्नीकरणीय? ऐसे दो तरीके सुझाइए जिनमें जैव निम्नीकरणीय पदार्थ तथा अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।

QUESTION.4 ओजोन क्या है तथा यह किसी परितंत्र को किस प्रकार प्रभावित करती है।

QUESTION.5 कचरा निपटान की समस्या को कम करने के किन्हीं दो तरीकों का वर्णन कीजिए?

Sbistudy

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