हिंदी माध्यम नोट्स
बायसीकरण किसे कहते हैं परिभाषा लिखिए प्रकार बताइए | BIASING definition in hindi types नियत बायस (Fixed Bias)
BIASING definition in hindi types नियत बायस (Fixed Bias) बायसीकरण किसे कहते हैं परिभाषा लिखिए प्रकार बताइए ?
बायसीकरण (BIASING )
ट्रॉजिस्टर के प्रचालन के लिए उत्सर्जक आधार संधि पर अग्रदिशिक बायस (forward bias) तथा संग्राहक आधार संधि पर पश्चदिशिक बायस (reverse bias) दिष्ट वोल्टता प्रदाय द्वारा लगाया जाता है। इस व्यवस्था को बायसीकरण कहते हैं। उचित बायसीकरण से ट्रॉजिस्टर का प्रचालन बिन्दु (operating point) इसके अभिलाक्षणिकों के सक्रिय (active) क्षेत्र में रखा जाता है। उचित Q बिन्दु का चुनाव (1) प्रवर्धक में निविष्ट संकेत वोल्टता (2) लोड प्रतिरोध (3) उपलब्ध शक्ति प्रदाय (4) अनुज्ञेय (allowable) विकृति (distortion) वोल्टता तथा (5) ट्रॉजिस्टर के उपयोग पर निर्भर करता है।
Q बिन्दु की स्थिति शान्त अवस्था में (संकेत की अनुपस्थिति में ) धारा Ib व Ic तथा वोल्टता VCE निर्धारित कर देती है। IB, Icव VCE ★ के ये मान उपयुक्त बायसीकरण द्वारा प्राप्त किये जाते हैं।
संधि ट्रॉजिस्टर के लिये h – प्राचल बहुधा 25°C ताप पर तथा VCE = 5V के लिये दिये जाते हैं। ये प्राचल निर्गत धारा तथा प्रचालन ताप पर निर्भर होते हैं। ट्रॉजिस्टर के निवेश प्रतिरोध hi तथा अग्र धारा अन्तरण अनुपात hfe का धारा
ic के सापेक्ष परिवर्तन चित्र (4.15 – 1 ) में दिखाया गया है। ताप वृद्धि से आवेश वाहकों की ऊर्जा बढ़ जाता है जिससे उनका विसरण अधिक तीव्रता से होता है। प्रभावस्वरूप ट्रॉजिस्टर के प्राचल he में वृद्धि होती है साथ ही नियत आधार ताप गुणांक (temperature-coefficient ) ट्रॉजिस्टर के लिये – 2.4mV / °C प्राप्त होता है, अर्थात् ताप 40°C से बढ़ने धारा Ib के लिये कम आधार उत्सर्जक बायस VBE की आवश्यकता होती है। आधार उत्सर्जक वोल्टता के लिये 25°C प रhe के पर आधार धारा नियत रखने के लिये VBE का मान लगभग 0.1V से कम करना आवश्यक होगा। चित्र (4.15-2) 25 cपर hfe मान के सापेक्ष ताप परिवर्तन से hfe के मान में परिवर्तन दर्शाता है तथा चित्र (4.15-3) VBE – IB संबंध की ताप पर निर्भरता प्रदर्शित करता है।
सामान्य ताप व निर्गत धारा पर प्रचालन के लिये hfe व VBE के परिवर्तन मुख्यतः Q बिन्दु के विस्थापन के लिये उत्तरदायी होते हैं। बायस परिपथों की अभिकल्पना में इन प्राचलों के परिवर्तन से Q बिन्दु पर प्रभाव को नगण्य बनाना भी अपेक्षित होता है।
(i) नियत बायस (Fixed Bias)
यह एक शक्ति प्रदाय Vcc द्वारा बायसित करने की सरलतम विधि है इस का परिपथ चित्र (4.15-4) में दर्शाया गया है। इसमें प्रतिरोध RB द्वारा Vcc शक्ति प्रदाय से ट्रॉजिस्टर के आधार पर नियत धारा पहुंचायी जाती है . इसलिए इस विधि को नियत बायस विधि कहते हैं। इसमें प्रतिरोध RB अभीष्ट आधार धारा तल को नियोजित करता है। लोड प्रतिरोध R निर्गम अभिलाक्षणिक वक्र कुल में प्रचालन बिन्दु Q को स्थापित करता है और निर्गम संकेत वोल्टता उत्पन्न करता है।
वोल्टता VBE को mV की कोटि की होने के कारण Vcc (V) के सापेक्ष नगण्य माना जा सकता है।
धारा IB नियत रहती है अतः इस परिपथ को नियत बायस परिपथ कहते हैं।
निर्गम पाश में,
समीकरण (2) में Vcc तथा RL नियत है इसलिये hfe में यदि कोई परिवर्तन (ताप के कारण) होता है तो वा सीधे VcE को प्रभावित करता है जिससे प्रचालन बिन्दु ( विस्थापित हो जाता है। अतः यह परिपथ ताप से अधिक प्रभावित होने के कारण बहुत कम उपयोग में लाया जाता है।
(ii) स्वाभिनति या उत्सर्जक पुनर्निवेश बायसीकरण (Self or Emitter Feed-Back Bias)
यह एक ऐसी बायसीकरण व्यवस्था है जिसमें ताप का प्रचालन बिन्दु पर प्रभाव अल्पतम होता है। इस को स्वत: उत्सर्जक या वोल्टता विभाजक बायसीकरण कहते हैं। इस विधि में चार प्रतिरोध R1 R2, RL तथा RE होते हैं। निवेशी प्रतिरोध R1 R2 स्थिर बायस प्रदान करते हैं परन्तु प्रतिरोध RE ऋणात्मक धारा पुनर्निवेश के द्वारा स्थायित्व प्रदान करता है। इस बायसीकरण के परिपथ को चित्र (4.15-5) में प्रदर्शित किया गया है।
प्रतिरोध R1 तथा R2 के मान इस प्रकार लेते हैं कि शक्ति प्रदाय Vcc तथा भू-टर्मिनल G के मध्य वोल्टता के विभाजन से उत्पन्न R2 प्रतिरोध के सिरों पर विभवान्तर VB का मान RE के सिरों पर विभवान्तर के मान से अल्प मात्रा में अधिक हो ताकि ट्रॉजिस्टर के आधार पर नेट अग्रदिशिक बायस लगे। इस स्थिति में आधार धारा IB, धारा I1 व I2 की तुलना में अत्यल्प होती है। इसके अतिरिक्त R1 का मान RLकी तुलना में अत्यधिक होता है।
ट्रॉजिस्टर के निवेश (B और G बिन्दुओं के मध्य ) थेवेनिन प्रमेय के अनुसार VBB वोल्टता तथा प्रतिरोध RB के स्रोत की कल्पना की जा सकती है, जहाँ
अत: चित्र (4.15-5) में प्रदर्शित परिपथ को चित्र (4.15-6 ) में प्रदर्शित परिपथ से निरूपित किया जा सकता है।
संग्राहक परिपंथ के लिये
परन्तु IB का मान IC की तुलना में अत्यल्प होता है अतः उसकी उपेक्षा करने पर
यह समीकरण लोड लाइन को निरूपित करता है, जहाँ प्रभावी लोड प्रतिरोध (RL + Rs) है तथा संग्राहक बैठ वोल्टता Vcc है।
उपरोक्त समीकरण के उपयोग से आलेख द्वारा अथवा विश्लेषिक विधि से Q बिन्दु की स्थिति ज्ञात की, सकती है।
उदाहरण स्वरूप मान लीजिये किसी परिपथ के लिये
उपरोक्त विधि में ताप वृद्धि के बावजूद प्रचालन बिन्दु का स्थायित्व रहता है। इसका कारण है कि जब तर में वृद्धि होती है तो ट्रॉजिस्टर के उत्सर्जक तथा संग्राहक धारा में वृद्धि होती है। परिणामस्वरूप नैट अग्र दिशिक बस में कमी हो जाती है जो आधार धारा में कमी कर संग्राहक धारा में स्वतः कमी कर देती है। इस प्रकार ताप का प्रभा ट्रॉजिस्टर के प्रचालन बिन्दु पर नगण्य पड़ता है। गणितीय रूप में भी Ic के लिये समीकरण में (समी. 5) hfe अंश हर दोनों में उपस्थित है जिससे hfe के परिवर्तन का प्रभाव IC पर व उसके द्वारा VcE पर कम होता है। यदि hfe मान अधिक हो तथा RE व RB बराबर लें तो समी. (5) से IC का मान hfe पर निर्भर नहीं रहेगा। इसके अतिरिक्त Vfe अधिक लेकर Ic की VBE पर निर्भरता भी अत्यल्प रखी जा सकती है। सामान्यतः RE < RB, RE बढ़ाने से ऋणात्मक पुनर्निवेश बढ़ जायेगा व लब्धि घट जायेगी।
Recent Posts
सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है
सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…
मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the
marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…
राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi
sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…
गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi
gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…
Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन
वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…
polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten
get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…