bacterial media types in hindi , जीवाणु माध्यम किसे कहते हैं उदाहरण सहित , प्रकार , सतत् संवर्धन (Continuous culture)

पढ़िए bacterial media types in hindi , जीवाणु माध्यम किसे कहते हैं उदाहरण सहित , प्रकार , सतत् संवर्धन (Continuous culture) ?

माध्यमों के प्रकार (Types of media)

(1) ठोस, अर्ध ठोस व तरल माध्यम ।

(2) सरल, जटिल, संश्लेषी, अर्ध संश्लेषी एवं विशिष्ट माध्यम ।

(3) वायुवीय एवं अवायुवीय माध्यम ।

(A) सरल माध्यम (Simple media) : पेप्टोन, माँस सूप, सोडियम क्लोराइड व जल से बना होता है जिसमें लगभग 2% एगार मिलाया जाता है। प्रयोगशालाओं में अधिकतर यह माध्यम ही काम में लिया जाता है।

(B) जटिल माध्यम (Complex media) : संवर्धन में विशिष्ट लक्षणों की पूर्ति हेतु जटिल माध्यम बनाये गये हैं जो निम्न प्रकार से है।

(a) संश्लेषिक माध्यम (Synthetic media) : इन माध्यमों को पूर्णतया रासायनिक पदार्थों से ही बनाया जाता है अतः इनकी पूर्ण सान्द्रता (प्रत्येक तत्व की ) ज्ञात होती है। इसमें सरल पेप्टोन 1% सोडियम क्लोराइड (जलीय) तथा जल होता है।

(b) समृद्धित माध्यम (Enriched media) : इन माध्यमों में रक्त, सीरम, अण्डे की जर्दी आदि का उपयोग आधार के रूप में किया जाता है। इन पदार्थों के द्वारा एगार, चॉकलेट एगार, अण्डे युक्त माध्यम आदि बनाये जाते हैं जो विभिन्न जीवाणुओं को आवश्यक पोषक पदार्थ उपलब्ध कराते हैं।

(c) समृद्धित माध्यम (Enrichment media) : एक से अधिक प्रकार के जीवाणुओं में से केवल विशिष्ट एक ही जाति के जीवाणु के संवर्धन हेतु विशेष पोषक तत्व मिला कर तैयार किये माध्यम इस श्रेणी में आते हैं। सा. टायफी व ई. कोली जैसे रोगजनक जीवाणुओं के संवर्धन में • टेट्राथायोनेट भी मिलाया जाता है। इस प्रकार इस माध्यम में अन्य अवांछित जीवाणुओं की वृद्धि को प्रभावित किया जाता है। जैसे बैसिलस, नाइसिरिया, सूडोमोनेस आदि के संवर्धन हेतु चॉकलेट गार युक्त पोषणिक पदार्थ में 5-10% जीवाणुरहित रक्त मिला कर 10 मिनट तक 80°C पर रख कर इस प्रकार का माध्यम तैयार किया जाता है।

(d) चयनित माध्यम (Selective media) : एक विशेष जाति के जीवाणु के लिये तैयार किया गया माध्यम चयनित माध्यम कहलाता है इसके लिये ठोस माध्यम में विशिष्ट पदार्थ जैसे डेसोक्सीकॉलेट साइट्रेट का उपयोग पेचिश के रोगजनक जीवाणु के संवर्धन हेतु किया जाता है। अन्य अवांछित जीवाणुओं की वृद्धि न हो इसके लिये कुछ अवरोधक पदार्थों (जिनमें एन्टीबायोटिक लवण या रसायनिक पदार्थ होते हैं) का उपयोग किया जाता है। जैसे संवर्धन माध्यम में क्रिस्टल – वायलट मिलाने पर स्टेफिलोकॉकस एवं अन्य ग्रैम ग्राही जीवाणु वृद्धि नहीं करते अतः माध्यम में केवल ग्रैम अग्राही प्रकार के जीवाणु ही वृद्धि करते हैं।

(e) अभिसूचक माध्यम ( Indicator media) : इन माध्यमों में अभिसूचक होता है जो जीवाणुओं की वृद्धि के साथ रंग बदल लेते हैं।

(f) परिवहन माध्यम (Transport media) : गोनोकोकॅस जैसे कोमल जीवाणु के परिवर्धन हेतु एवं कॉलेरा के रोग जनक के लिये स्टूयूर्ट माध्यम उपयुक्त हैं अतः विशिष्ट माध्यमों का उपयोग किया जाता है।

(g) अवायुवीय माध्यम (Anaerobic media) : ये अवायुवीय जीवाणुओं के उपयोग में लाये जाते हैं, राबर्टसन ने मॉस को गर्म कर सर्वप्रथम अवायुवीय माध्यमों का विकास किया। ये विशिष्ट प्रकार के जीवाणुओं के संवर्धन में उपयोगी होते हैं।

(b) विभेदक माध्यम (Differential media) : एक से दिखाई देने वाले जीवाणुओं का विभेदन करने हेतु इस प्रकार के माध्यमों का उपयोग करते हैं अत: इन्हें अलग करना संभव होता अन्य जीवाणुओं है। जैसे IMVIC परीक्षण द्वारा एक से लगने वाले ई. कोली व कोलीफार्म गुट में विभेदन किया जाता है।

इसी प्रकार के लम्बे समय तक किसी माध्यम में किसी जीवाणु के संवर्ध को रखने हेतु प्रसारक माध्यम (Propagation media ) का उपयोग करते हैं जिसमें पोषणिक सार या पोषणिक ऐगार का उपयोग किया जाता है।

कुछ चयनित संवर्धन माध्यम ( Some selected culture media)

(I) स्वयंपोषी जीवाणुओं के लिये (Culture medium for autotrophic bacteria) : यह संवर्धन माध्यम गन्धक का ऑक्सीकरण करने वाले जीवाणुओं के संवर्धन हेतु तैयार किया जाता है। इसको निम्न घटकों द्वारा मिलाकर तैयार किया जाता है-

सल्फर पाउडर 10.00 gm.

अमोनियम सल्फेट 0.4gm

पोटेशियम डाई हाइड्रोजन ऑर्थोफॉस्फेट 4.0 gm

कैल्शियम क्लोराइड 9.25 gm.

मैग्नीशियम सल्फेट 0.5 gm

फैरस सल्फेट 0.01 gm

आसुत जल 1000 gm

(II) रोगजनक जीवाणु ई. कोली के लिये (Culture media for pathogenic bacteria E. coli)

अमोनियम हाइड्रोजन फास्फेट 1.0 gm

ग्लूकोज 5.0 gm.

सोडियम क्लोराइड 0.2gm.

पोटेशियम हाइड्रोजन फॉस्फेट 1.0 gm.

आसुत जल 1000ml.

(III) माँस सार (Meat extract)

गोमाँस सार 3. 8gm. या 0.3%

पेप्टोन 10.0gm या 1.0%, सोडियम क्लोराइड 5gm. या 5%

आसुत जल 1000ml.

(IV) माँस सार ऐगार (Meat extract Agar)

ऐगार 20.0 gm.

पेप्टोन 10.0gm

गो-माँस सार 3.0gm

सोडियम क्लोराइड 5.0 gm

आसुत जल 1000ml.

(V) आलू का संवर्धन माध्यम (Potato media)

एक बड़े आलू को छील कर साफ किया जाता है। आलू के मध्य के छेदक से बेलनाकार गुहा (cavity) बना कर पानी से धोकर आवश्यकता से अधिक मंड को निकाल देते हैं। आलू के दो टूकड़े करके परखनली में रखते हैं। ये परखनलियाँ विशेष प्रकार की आकृति की होती हैं जिन्हें जीवाणु रहित करने के उपरानत ही प्रयोग में लाया जाता है। परखनलियों को फिर जीवाणु रहित जल से 3/4 भर कर 30 मिनट तक भाप में गर्म करते हैं इसके उपरानत इन्हें 20 मिनट के लिये ऑटोक्लेव (autoclav) में रख देते हैं। आलू में 5% ग्लीसरीन डाल कर ट्यूबरकल बैसिलस का संवर्धन किया जाता है।

रोगजनक जीवाणुओं के संवर्धन हेतु सीरम ऐगार, रक्त ऐगार, चाकलेट ऐगार, डारसेट का अण्डे युक्त माध्यम आदि बनाये जाते हैं। अधिकांश रोगजन जीवाणु वायुवीय प्रकार के होते हैं इनके लिये उचित जटिल माध्यमों को उपयोग संवर्धन हेतु करते हैं। किन्तु कुछ जीवाणु अवायुवीय प्रकार के भी होते हैं अतः इनके लिये विशिष्ट यौगिक डालकर संवर्ध माध्यम बनाये जाते हैं। थायोग्लाइकोलेट युक्त माध्यम इनके लिये उपयुक्त होता है। सोडियम थायोग्लाइकोलेट मिलाने पर यह माध्यम में से ऑक्सीजन को हटा लेता है अतः अवायुवीय प्रकार के जीवाणु संवर्धन करते हैं। पोषणिक सार में 0.1% सोडियम थायोग्लाइकोलेट, 0.05% ऐगार पाउडर, 1% ग्लूकोस तथा 1% या 50,000 भाग मिलाइलीन ब्लू के मिश्रण को 10 पाउण्ड दाब पर 15 मिनट ऑटोक्लेव में रख कर जीवाणु रहित बना कर उपयोग में आते हैं। मिलाइलीन ब्लू अभिसूचक का कार्य करता है। इस माध्यम में • सैलमोनेला, शिगैला व क्लोस्ट्रीडियम जैसे रोगाणुओं का संवर्धन किया जा सकता है। माध्यम बनाने में अनेक सावधानियाँ रखी जाती हैं।

(1) काँच के फ्लास्क, परखनली, पेट्रीडिश आदि जीवाणु रहित होनी चाहिये।

(2) हमेशा असुत जल का ही उपयोग किया जाता है।

(3) अवक्षेप बनने की क्रिया नहीं होनी चाहिये ।

(4) माध्यम को हमेशा ठण्डा कर के ही प्रयोग किया जाता है।

(5) कुछ जीवाणुं चाटी या ढलान पर ही वृद्धि करते हैं। अतः परखनली को तिरछी करके अधिक वृद्धि सतह एवं ढलान प्राप्त किया जाता है।

सतत् संवर्धन (Continuous culture)

अनेक प्रयोगों, शोध कार्यों एवं औद्योगिक इकाईयों में यह आवश्यकता बनी रहती है कि किन्हीं विशिष्ट जीवाणुओं का संवर्धन हमेशा उपलब्ध रहे तथा लगभग संवर्धन के दौरान जीवाणुओं समष्टि की दर एक निश्चित मात्रा में बनी रहे यह क्रिया की लाँग अवस्था में ही  सम्भव  है। यह अवस्था साम्य अवस्था (steady state) वृद्धि अवस्था कहलाती है। इसके लिये संवर्धन बनी रहे। यह क्रिया संवर्धन की लॉग अवस्था में ही स आयतन, कोशिकीय सान्द्रता निश्चित मात्रा में शुद्ध, ताजा, निजर्मिक माध्यम युक्त संवर्धन वर्तन (culture vessel) में प्रवेशित करायी जाती है। इनकी दर वही होती है जिस दर से तैयार संवर्धन संयन्त्र (plant) में उपयोग हेतु कम में लाया जा रहा है। इस प्रकार नयी निर्मित होने वाली कोशिकाओंकी दर वही बनी रहती है जिस दर से संवर्धन बर्तन से कोशिकाएं नष्ट होती जा रही है। सन्तुलन बना रहता है।

इसके लिये कीमोस्टेट (chemostate) पद्धति अपनायी जाती है। इसके तहत पोषक पदार्थ (substrate) की सान्द्रता ही जीवाणुओं की वृद्धि दर को नियमित रखती है। संवर्धन पात्र में पोषक पदार्थ की सान्द्रता तनुकरण की दर पर निर्भर करती है । यह दर वह होती है जिस दर पर स्वच्छ शुद्ध माध्यम संवर्धन पात्र में डाला जाता है । अतः तनुकरण की क्रिया द्वारा वृद्धि दर का नियन्त्रण किया जाता है। यदि आधारी पदार्थों की सान्द्रता निम्न दर पर बनाये रखी जाती है तो जीवाणुओं की वृद्धि दर भी कम होगी तथा जब आधारी पदार्थों का सान्द्रता में वृद्धि की जायेगी तो संवर्धित कोशिकाओं की दर भी अधिक होगी जो संवर्धन पात्र से बाहर निकल रही है। किन्तु यदि तनुकरण की दर इतनी अधिक कर दी जाये कि यह अधिकतम कोशिकीय वृद्धि दर से भी ज्यादा हो तो यह बेकार जायेगी क्योंकि कोशिकाएँ इतनी अधिक दर से वृद्धि कर पाने में असमर्थ रहती है। सतत् संवर्धन हेतु एक अन्य उपकरण काम में लिया जाता है। इस पद्धति में प्रकाश वैद्युत प्रक्रिया द्वारा संवर्धन पात्र में कोशिकीय सान्द्रता बनाये रखी जाती है इस प्रकार तनुकरण की दर इसी अनुप में नियन्त्रित होती रहती है।

प्रश्न (Questions)

  1. निम्नलिखित के अतिलघु में उत्तर दीजिये ।

Give very short answer for the following:

  1. वे जीवाणु जो अन्य जीवों के मृत कार्बनिक पदार्थ से अपना भोजन प्राप्त कर वृद्धि करते हैं क्या कहलाते हैं ?

The bacteria which get food form dead carbonic matter of other organisms for the growth what they are called?

  1. जीवाणुओं की प्रमुख तीन पोषणीय आवश्यकताएँ क्या है ?

What are main three nutritional requirements of bacteria ?

  1. वृद्धि कारक Vकिन स्रोतों में पाया जाता है ?

Growth factor V is found from which sources ?

  1. रासायनिक स्वपोषी जीवाणुओं का ऊर्जा स्रोत क्या होता है ?

What is the energy source of chemo synthesizing bcateria?

  1. राइजोबियम जीवाणु कहाँ पाया जाता है ?

Where bacteria Rhizobium is found?

  1. डिब्बा बंद भोज्य पदार्थों पर अंकित समाप्ति तिथि किस का ज्ञान करवाती है ?.

Expiry date mentioned on canned food products what it shows ?

  1. दो नाइट्राइट जीवाणुओं के नाम बताइये जो अमोनिया को ऑक्सीकृत करते हैं ।

Write two names of nitirite bacteria which oxidies ammonia.

  1. दो नाइट्रेट जीवाणुओं के नाम बताइये जो नाइट्राइट को नाइट्रेट में ऑक्सीकृत कर ऊर्जा प्राप्त करते हैं।

Write two names of nitrate bacteria which oxidise nitrate in to nitrate to get energy.

  1. एक लौह जीवाणु का नाम बताइये ।

Give the name of one iron bacteria.

  1. एक सल्फर बैक्टीरिया का नाम बताइये जो HS को S में ऑक्सीकृत कर ऊर्जा प्राप्त करता है।

Write the name of a sulphur bacteria which oxidise H2S to get energy.

  1. एक हाइड्रोजन बैक्टीरिया का नाम बताइये जो हाइड्रोजन का ऑक्सीकरण करता है।

Write the name of one hydrogen bacteria which oxidises hydrogen.

  1. दो हाइड्रोजन बैक्टीरिया के नाम बताइये जो CO को CO2 में ऑक्सीकृत करते हैं।

Write names of two hyrogen bacteria which oxideses CO to CO2.

  1. एक सहजीवी जीवाणु का नाम बताइये।

Give the name of one symbiotic bacteria.

  1. स्वपोषी जीवाणु ऊर्जा स्रोत के रूप में किस का उपयोग करते हैं ?

Autotrophic bacteria ulitize which source for energy?

  1. ई. कोलाई के एक कोशिका चक्र में कितना समय लिया जाता है।

How much time is taken for one cell cycle in E.coli.

  1. मध्यरागी जीवाणुओं हेतु आदर्श तापक्रम क्या है ?

What is the optimum temperature for mesophilic bacteria.

  1. वृद्धि वक्र क्या है ?

What is growth curve.

  1. लघु उत्तर वाले प्रश्न

Short answer questions

  1. सूक्ष्म टिप्पणियाँ लिखिए (Write short notes on) (i) सवन प्लेट विधि (Pour plate method)

(ii) सतत् संवर्धन तकनीक (Continuous culture technique)

(iii) जीवाणुओं का वृद्धि वक्र (Growth curve in bacteria)

(iv) रसायन परपोषी जीवाणु (Chemoheterotroph bacteria)

(v) वृद्धि दर (Growth rate)

(vi) जननिक काल (Generation time)

(vii) स्थिर प्रावस्था (Stationary phase)

(viii) अगार अगार (Agar Agar)

(ix) सूक्ष्मजीवों के पोषणीय प्रकार (Nutrional types of Microbes)

(x) वृद्धि कारक (Growth factors)

  1. बैक्टीरिया के वृद्धि कारकों के महत्वपूर्ण के नाम लिखिये ।

Name the important growth factors of bacteria at growth.

III. दीर्घ उत्तर वाले प्रश्न

Long answer questions :

  1. ” वृद्धि वक्र” से क्या अभिप्राय है विस्तार से समझाइये |

What is growth curve ? Explain in detail.

  1. सूक्ष्म जीवों में पोषण क्रिया का वर्णन कीजिये।

Descibe nutrition in microbes.

  1. जीवाणुओं हेतु संवर्धन माध्यम पर लेख लिखिये ।

Write an essay on culture medium for bacteria.

  1. शुद्ध संवर्धन तकनीक पर लेख लिखिए।

Write an account on pure culture technique.

  1. प्रयोज्य कार्बन एवं ऊर्जा स्रोत के आधार पर जीवाणुओं का वर्गीकृत कीजिये ।

Classify bacteria on usable carbon and energy source.

  1. स्वपोषी जीवाणुओं के आवश्यक बाह्य ऊर्जा स्रोतों का वर्णन कीजिये ।

Describe external energy sources essentiation for autotrophic bacteria.

  1. शुद्ध संवर्धन क्या है और इसका महत्व क्यों है ?

What is pure culture why they are important.

  1. जीवाणुओं के संवर्धन पर एक निबन्ध लिखिये ।

Write an essay on bacterial culture.

  1. वृद्धि वक्र में द्रुतगति प्रावस्था के बारे में लिखिये ।

Write about phase of accelerated growth in growth curve.

  1. टिप्पणी कीजिये ” जीवाण्विक समष्टि एवं वृद्धि वक्र । “

Bacterial population and growth curve.

  1. जिवाण्विक वृद्धि के नियन्त्रण में तापक्रम व pH की भूमिका पर टिप्पणी कीजिये ।

Write short motion role of temprature and pH in control of bacterial growth.