JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: geography

वायुमण्डल की परिभाषा क्या है ? (atmosphere in hindi) वायुमण्डल परतें , वायुमंडल का महत्व , संरचना चित्र

atmosphere in hindi , वायुमण्डल की परिभाषा क्या है ? वायुमण्डल परतें , वायुमंडल का महत्व , संरचना चित्र किसे कहते है , भाग विभाजन वायुमंडल की संरचना का वर्णन कीजिए के अध्ययन को क्या कहते है ?  :-

वायुमण्डल (atmosphere) : पृथ्वी के चारो ओर पायी जाने वाली वायु की परत को वायुमंडल कहते है।

पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण वायुमंडल पृथ्वी के चारो ओर बना रहता है।

वायुमण्डल के तीन प्रमुख घटक है –

(i) गैसे  (ii) जलवाष्प  (iii) धुल के कण

गैसे :-

नाइट्रोजन – 78%

ऑक्सीजन – 21%

आर्गन – 0.9%

कार्बन डाइ ऑक्साइड – 0.03%

जलवाष्प (water vapour) : यह वायुमंडल की सबसे निचली परत में सर्वाधिक पायी जाती है |

जलवाष्प , वर्षा और बादल निर्माण के लिए आवश्यक होता है | जलवाष्प का भी हरित गृह प्रभाव होता है इसलिए जलवाष्प भी वायुमंडल के तापमान को बढाता है |

धूल के कण (dust particles) : धुल के कणों की सर्वाधिक मात्रा वायुमंडल की सबसे निचली परत में पायी जाती है , धूल के कण सौर विकिरणों का प्रकीर्णन करते है | जिसके कारण आकाश में रंग नजर आते है | वायुमंडल में संघनन की क्रिया धुल के कणों के चारों ओर होती है अत: धूल के कण बादल निर्माण एवं वर्षा के लिए आवश्यक होते है |

वायुमण्डल की संरचना (structure of atmosphere)

1. क्षोभमण्डल (troposhere) : इस परत की ऊँचाई विषुवत रेखीय क्षेत्रो में 14-16 किलोमीटर होती है , तथा ध्रुवीय क्षेत्रो में इसकी ऊंचाई लगभग 8 किलोमीटर होती है |
विषुवतीय क्षेत्रों में गर्म वायु ऊपर उठती है और वायु के संवहन के कारण इस क्षेत्र में क्षोभमण्डल की ऊँचाई बढ़ जाती है |
ध्रुवीय क्षेत्रों में ठंडी वायु का अवतलन होता है , इसके कारण ध्रुवों पर क्षोभमंडल की ऊंचाई कम हो जाती है |
वायु की अधिकतम सांद्रता इसी परत में पायी जाती है इसलिए सौर विकिरणों का अधिकतम प्रकीर्णन इसी परत में होता है |
लगभग सभी मौसम परिघटनाएँ इसी परत में घटित होती है , ऊंचाई में जाने पर तापमान एक निश्चित दर से कम होता है और दर को सामान्य तापमान परत दर कहते है |
इस दर के अनुसार 1 किलोमीटर की ऊंचाई पर 6.5 डिग्री सेल्सियस तापमान कम हो जाता है और 165 मीटर की ऊँचाई पर तापमान 1 डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है |
क्षोभमण्डल और समताप मंडल के बीच एक संक्रमण परत पायी जाती है जिसे “क्षोभ सीमा” कहते है |
2. समताप मण्डल : यह परत क्षोभ सीमा से 50 किलोमीटर तक ऊँचाई पर पायी जाती है |
इस परत में मौसम परिघटनाएं न के बराबर होती है अत: इस परत का उपयोग जेट विमान की उड़ान के लिए किया जाता है | इस परत में 20 से 40 किलोमीटर की ऊँचाई के बीच ओजोन परत पायी जाती है |
ओजोन परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पैराबैंगनी किरणों (UV) को अवशोषित करती है अत: ओजोन परत को पृथ्वी की सुरक्षा परत कहते है |
पैराबैंगनी किरणों के अवशोषण के कारण इस परत में ऊष्मा मुक्त होती है , जिसके कारण इस परत में ऊंचाई बढने के साथ तापमान बढ़ता है |
समताप मंडल तथा मध्य मंडल के बीच समताप सीमा स्थित है |
3. मध्यमण्डल : यह परत 50 किलोमीटर से 80 किलोमीटर के बीच पायी जाती है | इस परत में ऊँचाई बढने के साथ तापमान कम होता है | 80 किलोमीटर ऊँचाई पर तापमान लगभग -100 डिग्री सेल्सियस हो जाता है |
यह वायुमंडल की सबसे अधिक ठण्डी परत है , इस परत में घर्षण के कारण उल्का जल जाते है |
समताप मंडल और मध्य मंडल के मध्य एक संक्रमण परत पायी जाती है जिसे मध्य सीमा कहते है |
4. तापमण्डल : तापमंडल 80 किलोमीटर से अधिक ऊंचाई पर पाया जाता है , इस परत में दो उप परतें पायी जाती है |
(i) आयन मण्डल : यह 80 से 640 किलोमीटर के बीच स्थित है | इस परत में सौर विकिरणों के कारण आवेशित कणों का निर्माण होता है | इन आवेशित कणों को आयन कहते है | इस परत का उपयोग पृथ्वी से रेडियो तरंगो की सहायता द्वारा दूर संचार सेवाओ के लिए किया जाता है |
सूर्य से आने वाले आवेशित कण ध्रुवीय क्षेत्रों के ऊपर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र में इस परत के आवेशित कणों के साथ क्रिया करते है |आवेशित कणों की क्रिया के कारण फोटोन का उत्सर्जन होता है , जिससे रंग बिरंगे प्रकाश का निर्माण होता है | इसे ध्रुवीय प्रकाश या अरोरा कहा जाता है |
उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र में नाम – अरोरा बोरियोलिस
दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में नाम – अरोरा ऑस्ट्रेलिस
आवेशित कणों के कारण इस परत में ऊंचाई बढने के साथ तापमान बढ़ता है |
(ii) बहिर्मण्डल : यह परत 640 से 10,000 किलोमीटर के बीच पायी जाती है , इस परत में वायु की सांद्रता बहुत कम पायी जाती है | इस परत में ऊँचाई बढने के साथ तापमान बढ़ता है , इस परत में तापमान 1700 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक भी हो जाता है |

वायुमण्डल : पृथ्वी तल से लगभग 800 से 1000 किलोमीटर की ऊँचाई तक वायु विद्यमान है। जिस प्रकार समुद्री जीव जन्तु जल के समुद्र में रहते है , ठीक उसी प्रकार हम सभी वायु के इस विशाल समुद्र में रह रहे है। जैसे जैसे हम वायुमंडल में ऊपर की तरफ जाते है जैसे जैसे वायु हल्की होती जाती है। पृथ्वी तल के निकट की वायु उससे ऊपर की वायु से दबी होने के कारण घनी तथा भारी है इसलिए पृथ्वी तल के चारों तरफ 6.4 किलोमीटर ऊंचाई तक जितनी वायु है वह सम्पूर्ण वायुमण्डल के द्रव्यमान का लगभग आधा भाग है। पृथ्वी के चारों तरफ करीब 16 किलोमीटर की ऊँचाई तक वायुमण्डल का जो भाग है उसे क्षोभमंडल कहते है। मौसम सम्बन्धी परिवर्तन और हवाओं का चलना , बादलों का बनना , तापक्रम में परिवर्तन आदि इसी क्षोभमण्डल में होता है।

वायुमण्डल का विभाजन

गुब्बारों तथा वायुयानों द्वारा और कई अन्य अध्ययनों तथा प्रयोगों के द्वारा पृथ्वी तल से लगभग 36 किलोमीटर ऊँचाई तक के वायुमंडल का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। इससे ऊपर के वायुमंडल की जानकारी पुच्छल तारों , विद्युत चुम्बकीय तरंगो आदि के द्वारा प्राप्त की गयी है। इन समस्त अध्ययनों और प्रयोगों द्वारा यह निम्नलिखित परतों में विभाजित की गयी है –
  1. क्षोभमण्डल (troposphere)
  2. क्षोभसीमा (tropopause)
  3. समतापमण्डल (stratosphere)
  4. ओजोनमण्डल (ozonosphere)
  5. आयनमण्डल (ionosphere)
  6. बहिर्मण्डल (exosphere)
  1. क्षोभमण्डल (troposphere)
क्षोभमंडल पृथ्वी के तल से सबसे समीपतम वायुमण्डल का भाग है। वायुमण्डल की अधिकांश मात्रा इसी भाग के कारण है। इसी भाग में गैसें , धूल के कण , जलवाष्प आदि होते है। पृथ्वी तल पर पड़ने वाला 3/4 वायुदाब इसी के कारण है। इसकी ऊँचाई पृथ्वी तल से 16 किलोमीटर तक है। मौसम सम्बन्धी परिवर्तन जैसे हवाओं का चलना , आंधी तूफ़ान का आना , बादलों का बनना , वर्षा होना आदि इसी भाग में होते है।

2. क्षोभसीमा (tropopause)

वायुमण्डल की यह परत बहुत कम क्षेत्र में है। इसकी मोटाई लगभग 2 किलोमीटर है। यह भाग वास्तव में क्षोभमण्डल को समताप मंडल से विभाजित करता है अत: इसमें क्षोभमंडल एवं समताप मण्डल दोनों के गुण पाए जाते है।

3.  समतापमण्डल (stratosphere)

वायुमण्डल की इस परत का ताप लगभग समान रहता है। इसका कारण यह है कि गर्मी का जितना विकिरण यहाँ होता है उतना ही अवशोषण भी होता है। समतापमंडल समुद्र तल से 18 किलोमीटर की ऊँचाई पर होता है। इस परत में बादल नहीं होते है और हल्की गैसों की परतें पाई जाती है। इसमें आँधी तूफ़ान आदि भी नहीं आते है।

4.  ओजोनमण्डल (ozonosphere)

समुद्र तल से 32 से लेकर 80 किलोमीटर तक की ऊँचाई के वायुमंडलीय भाग को ओजोनमण्डल कहते है। वायुमंडल का यह भाग ओजोन गैस से युक्त है। यहाँ ताप समान रहता है। आंधी तूफ़ान आदि नहीं आते है। इस मण्डल की ओजोन गैस सूर्य से आने वाली अधिक ऊर्जा से युक्त पराबैंगनी किरणों का अवशोषण कर लेती है , फलस्वरूप धरती पर जीवों को ये विकिरण हानि नहीं पहुँचा पाते है। इस प्रकार यह मण्डल हानिप्रद विकिरणों से हमारी रक्षा करता है और सूर्य से आने वाली अत्यधिक ऊर्जा का अवशोषण भी कर लेता है।

5.  आयनमण्डल (ionosphere)

आयनमंडल वायुमंडल का वह भाग है जो समुद्र तल से 80 किलोमीटर ऊँचाई से लेकर 640 किलोमीटर ऊंचाई तक फैला हुआ है। इस विस्तृत भाग में वायु क्रमशः हल्की होती जाती है। इन हल्की होती गयी परतों के मध्य आवेश युक्त कण , जिन्हें आयन कहते है , प्रचुर मात्रा में उपस्थित रहते है। इस मंडल में उपस्थित धन और ऋण आयनों में विद्युत चुम्बकीय क्रियाएं होती है जिनमे चमक तथा प्रकाश उत्पन्न होता रहता है। इस भाग में उल्काओं की चमक विशेष रूप से दिखाई देती है।

6.  बहिर्मण्डल (exosphere)

बहिर्मण्डल लगभग 640 किलोमीटर से लेकर शेष भाग वायुमण्डल का बाहरी भाग है , यह बहिर्मण्डल कहलाता है। यहाँ वायु अत्यधिक हल्की होती है क्योंकि वायु के कण विस्तार से फैले हुए है।
Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

15 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

15 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

2 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

2 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now