प्रेरणिक प्रभाव के अनुप्रयोग बताइए , application of inductive effect in hindi

application of inductive effect in hindi प्रेरणिक प्रभाव के अनुप्रयोग बताइए ?

प्रेरणिक प्रभाव के अनुप्रयोग

  • द्विध्रुव आघूर्ण : अणु में –I प्रेरणिक प्रभाव बढ़ने के साथ साथ द्विध्रुव आघूर्ण भी बढ़ता जाता है |

उदाहरण : CH3 ➵I < CH3 ➵Br < CH3➵ Cl > CH3➵ F

बढ़ता हुआ –I प्रभाव और द्विध्रुव आघूर्ण

  • एल्कोहल की अम्लीय प्रवृत्ति : I प्रभाव बढ़ने से एल्कोहल की अम्लीय प्रवृति बढती है जबकि +I प्रभाव उसके विपरीत अम्लीय प्रवृत्ति को घटता है |

उदाहरण :

(C) कार्बोक्सिलिक अम्ल की अम्लीय प्रवृत्ति : सामान्यतया -I प्रभाव अम्ल की प्रबलता को बढ़ता है जबकि +I प्रभाव ठीक उसके विपरीत घटता है |

(D) एमीन की क्षारीय प्रवृत्ति : (अ) एमीन के अन्दर एकांकी इलेक्ट्रॉन युग्म नाइट्रोजन परमाणु पर उपस्थित होने के कारण लुइस क्षार होता है |

(ii) +I प्रभाव के कारण नाइट्रोजन परमाणु पर इलेक्ट्रॉन के घनत्व में वृद्धि हो जाती है अर्थात प्रोटोन ग्रहण करने के लिए इलेक्ट्रॉन की उपलब्धता बढ़ जाती है |

(iii) -I प्रभाव क्षारीय प्रबलता को घटा देता है |

 की अनुमान से कम क्षारीय प्रवृत्ति की व्याख्या तीन बड़े समूहों के द्वारा उत्पन्न त्रिविम बंध π फलस्वरूप इसका संयुग्मी अम्ल डाइमेथिल एमीन के संयुग्मी अम्ल की तुलना में विकृत और अस्थाई हो जाता है , और इसके आधार पर इसकी व्याख्या की जा सकती है |

नोट : बड़े अमोनिया आयन की कम विलयन ऊर्जा के कम क्षारीय प्रकृति को भी समझाती है इसलिए एमीन की क्षारीय क्षमता का वास्तविक क्रम निम्ननुसार होगा –

नोट : CF3 समूह के -I प्रभाव के कारण , क्षारीय प्रवृत्ति नहीं दर्शाता है |