अधिशोषण (adsorption) क्या है , अवशोषण (absorption) की परिभाषा , क्रिया विधि में अधिशोषण

पृष्ठीय रसायन : रसायन विज्ञान की वह शाखा जिसमे पदार्थ के पृष्ठ तल पर होने वाली घटनाओ का अध्ययन किया जाता है , पृष्ठीय रसायन कहलाती है।
किसी पदार्थ की सतह पर उपस्थित कणों पर असंतुलित बल लगता है , इस असंतुलित बल के कारण इसकी सतह पर निम्न घटनाएँ होती है –
1. अधिशोषण (adsorption) : जब किसी ठोस पदार्थ को द्रव या गैस के सम्पर्क में रखा जाता है तो यह द्रव या गैस स्थूल की अपेक्षा ठोस की सतह पर अधिक संचित हो जाती है , यह घटना अधिशोषण कहलाती है।
अधिशोषण से सम्बंधित शब्दावली निम्न प्रकार है –
i. अधिशोष्य : वह पदार्थ जो सूक्ष्म विभाजित ठोस पदार्थ की सतह पर एकत्रित हो जाता है , अधिशोष्य कहलाता है।
ii. अधिशोषक : वह पदार्थ जिसकी सतह पर अधिशोषण होता है , अधिशोषक कहलाता है।
iii. अन्तरापृष्ठ : अधिशोषक की वह सतह जिस पर अधिशोष्य संकेन्द्रित हो , अंतरापृष्ठ कहलाती है अर्थात जिस पृष्ठ या सतह पर अधिशोषण हो।
iv. सक्रीय केन्द्र : अधिशोषक के अन्तरापृष्ठ पर वे स्थान जहाँ मुक्त संयोजकतायें अधिक होती है , सक्रीय केंद्र कहलाते है। उदाहरण : सिलिका जेल द्वारा जलवाष्प का अधिशोषण।
2. अवशोषण (absorption) : एक पदार्थ की सांद्रता का किसी ठोस या द्रव पदार्थ के सम्पूर्ण भाग में समान रूप से वितरित हो जाना , अवशोषण कहलाता है।
उदाहरण : निर्जल CaCl2 द्वारा जलवाष्प का अवशोषण।
3. विशोषण (Desorption) : यदि अधिशोषक को गर्म करने पर अधिशोष्य के कण अधिशोषक की सतह से दूर हट जाते है , यह घटना विशोषण कहलाती है।
4. शोषण (sorption) : जब एक ही पदार्थ में अधिशोषण व अवशोषण , दोनों घटनाएं साथ साथ संपन्न होती है तो यह घटना शोषण कहलाती है।
शोषण = अधिशोषण + अवशोषण
उदाहरण : हाइड्रोजन गैस पहले सक्रीय चारकोल पर अधिशोषित होती है तथा कुछ समय पश्चात् यह गैस चारकोल में अवशोषित हो जाती है।
उदाहरण 2 : रंजक , रेशे पर पहले अधिशोषित होते है तथा कुछ समय पश्चात् अवशोषण हो जाता है।

 अधिशोषण व अवशोषण में अंतर

 अधिशोषण
 अवशोषण
 1. यह वह प्रक्रिया है जिसमे एक पदार्थ किसी दुसरे पदार्थ की सतह पर एकत्रित हो जाता है। 
 यह वह प्रक्रिया है जिसमे एक पदार्थ दुसरे पदार्थ के सम्पूर्ण भाग में समान रूप से वितरित हो जाता है। 
 2. यह सतही प्रक्रिया है अर्थात एक पदार्थ के पृष्ठ पर होती है। 
 यह स्थूल प्रक्रिया है अर्थात एक पदार्थ के सम्पूर्ण भाग में होता है। 
 3. अधिशोषण पहले तीव्र गति से तथा बाद में मंद गति से होता है। 
 अवशोषण एक समान गति से होता है। 
 उदाहरण : सिलिका जेल द्वारा जल वाष्प का अधिशोषण 
 निर्जल CaCl2 द्वारा जलवाष्प का अवशोषण।

क्रिया विधि में अधिशोषण

1. चूर्णित चारकोल रखे बंद पात्र में H2 , Cl2 , N2 , CO2 NH3 आदि गैसों को अधिक दाब पर भरने से पात्र में गैस का दाब कम हो जाता है क्योंकि चूर्णित चारकोल गैस का अधिशोषण कर लेता है।
2. मेथिलिन ब्ल्यू रंजक के विलयन में जान्तव चारकोल डालने से विलयन रंगहीन हो जाता है क्योंकि जान्तव चारकोल रंजक के कणों का अधिशोषण कर लेता है।
3. सिलिका जैल को नमी युक्त वातावरण में रखने से वहां की वायु शुष्क हो जाती है क्यूंकि सिलिका जेल नमी को अधिशोषित कर लेता है।

अधिशोषण के प्रकार

(A) अधिशोषक व अधिशोष्य के मध्य आकर्षण बलों के आधार पर अधिशोषण के प्रकार : इस आधार पर अधिशोषण दो प्रकार का होता है –
i. भौतिक अधिशोषण / वांडरवाल अधिशोषण
ii. रासायनिक अधिशोषण / रसोवशोषण / लैग
 भौतिक अधिशोषण
 रासायनिक अधिशोषण
 1. इसमें अधिशोषक व अधिशोष्य के मध्य दुर्बल वांडरवाल बल उपस्थित होते है। 
 इसमें अधिशोषक व अधिशोष्य के मध्य प्रबल रासायनिक बंध उपस्थित होते है। 
 2. इसमें क्रिया विशिष्टता का गुण नहीं होता है। 
 इसमें क्रिया विशिष्टता का गुण पाया जाता है।
 3. यह उत्क्रमनीय  प्रक्रम होता है। (उत्क्रमणीय )
 यह अनुत्क्रमणीय प्रक्रम होता है। 
 4. ताप बढाने पर भौतिक अधिशोषण घटता है। 
 ताप बढाने पर रासायनिक अधिशोषण बढ़ता है। 
 5. इसकी मोलर अधिशोषण ऊष्मा 20 से 40 kg जुल प्रति मोल होती है। 
 इसकी मोलर अधिशोषण ऊष्मा 80 से 240 kg जुल प्रति मोल होती है।
 6. इसमें सक्रियण ऊर्जा की आवश्यकता नहीं पडती है। 
 इसमें सक्रियण उर्जा की आवश्यकता पडती है। 
 7. यह बहुपरतीय प्रक्रम होता है। 
 यह एक परतीय प्रक्रम होता है। 
 8. आसानी से द्रवित होने वाली गैसों का भौतिक अधिशोषण होता है। 
 अधिशोषक के साथ रासायनिक अभिक्रिया करने वाली गैसों का रासायनिक अधिशोषण होता है। 
 उदाहरण : हाइड्रोजन गैस का चारकोल पर अधिशोषण। 
 टंग्स्टन पर ऑक्सीजन गैस का अधिशोषण (टंग्स्टन ऑक्साइड का निर्माण)
कार्बन की सतह पर ऑक्सीजन का अधिशोषण।  (कार्बन मोनो ऑक्साइड और कार्बन डाइ ऑक्साइड का निर्माण)
 (B) अधिशोष्य की मात्रा के आधार पर अधिशोषण के प्रकार : इस आधार पर अधिशोषण के दो प्रकार है –
i. धनात्मक अधिशोषण
ii. ऋणात्मक अधिशोषण
i. धनात्मक अधिशोषण : यदि रासायनिक प्रक्रम में अधिशोषक की सतह पर अधिशोष्य की अधिकतम मात्रा का अधिशोषण होता है तो वह धनात्मक अधिशोषण कहलाता है।
ii. ऋणात्मक अधिशोषण : यदि रासायनिक प्रक्रम में अधिशोषक की सतह पर अधिशोष्य की कुल मात्रा के कम भाग का अधिशोषण होता है तो वह ऋणात्मक अधिशोषण कहलाता है।