JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: BiologyBiology

acaricide meaning in hindi acaricides are used for control of एकैरिसनाशी यूकानाशी क्या है ?

एकैरिसनाशी यूकानाशी क्या है ? acaricide meaning in hindi acaricides are used for control of ?

शब्दावली
एकैरिसनाशी (Acaricide)- बरूथी (Mites) और किलनी (Ticks) आर्थोपोड पीड़क (जो एकेरिना वर्ग से संबंधित है) के लिए विषैला पीड़कनाशी।

व्यस्कनाशी (Adulticide) – व्यस्क कीट पीड़कों को निशाना बनाने वाला एक पीड़कनाशी।

कृषि पारितंत्र (Agroecosystem)-मनुष्य द्वारा हेर फेर किया गया एक पारितंत्र जिसमें कुछ सामान्य या प्रमुख प्रजातियां (फसलें) और अनेक गौण प्रजातियाँ होती हैं। (मुख्यतरू-पीड़क)

केंकर (Canker) – अधिकांशतः रोगजनक संक्रमण के कारण पौधे का लकड़ी जैसा भाग, जैसे तनाय शाखा या लठ्ठा पर एक स्थानीकृत सूखा या मृत भाग।

सेंटीपीड (Centipede) – सिलियोपोडा वर्ग के आर्थोपोड, जिनमें शरीर के हर खण्ड में एक जोड़ी पैर होते हैं और प्रथम खण्ड में
विषैले पंजे होते हैं। सेंटीपीड मिट्टी में रहते हैं, आम तौर पर इन्हें पीड़क नहीं माना जाता है ।

काइटिन (Chitin) – एक जटिल पॉलीसैकेराइड जो कीट त्वचा (क्यूटिकल) तथा निमेटोड के अण्डों के खोल का एक प्राथमिक संरचनात्मक घटक है, इन्हें यांत्रिक शक्ति और सुरक्षा देता है।

हरित रोग (Chlorosis)- बीमारी, कीट के कारण हुई चोट, शाकनाशी की चोट अथवा पौधों में शरीर संरचनात्मक दोष का एक लक्षण, जिसमें सामान्य गहरे हरे रंग के ऊतक पीले या हल्के हरे हो जाते हैं।

कोकून (Cocoon)- रेशमी आवरण जिसे कीट लारवा द्वारा इसकी प्यूपा अवस्था के दौरान सुरक्षा के लिए बनाया जाता है।

पारिस्थितिकी विज्ञान (Ecology) – जीवों का आपस में, और उनके पर्यावरण के साथ संबंध का अध्ययन । जीवों के वितरण और बहुतायत का अध्ययन ।

आर्थिक क्षति स्तर (Economic Injury Level) – आर्थिक क्षति करने के लिए पर्याप्त पीड़क संख्या जो पीड़क घनत्व घटाने के लिए की गई नियंत्रण की आर्थिक लागत से अधिक है।

आर्थिक आरंभन सीमा (Economic threshold) – पीड़क संख्या घनत्व, जिस पर आर्थिक क्षति स्तर से पहुंचने से पहले पीड़क
संख्या को रोकने के लिए एक युक्ति की शुरुआत की जाए।

पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem) – भौतिक पर्यावरण की और एक क्षेत्र के विशिष्टं भाग में सभी जीवों की सम्पूर्णता।

फ्रास (Frass) – कीटों की ठोस विष्ठा

गॉल (Gall) – पौधे के ऊतक में हुई सूजन, विकृति या वृद्धि जो जीवाणु, निमेटोड़ और कीटों सहित विभिन्न प्रकार के पीड़कों की
गतिविधियों के कारण होते हैं।

अपूर्ण कायांतरण (Hemimetabolous) – ऐसे कीट जिनके जीवन चक्र में तीन अलग-अलग अवस्थाएं आती हैं – अण्डा, निम्फ और व्यस्क। निम्फ व्यस्क से अलग दिखता है और ज्यादातर जलीय परिवेश में रहता है। इसके उदाहरण हैं. – मेफ्लाई, स्टोनफ्लाई और
ड्रेगन फ्लाई।

पूर्ण कायांतरण (Holometabolous) – कीट का जीवन चक्र जिसमें वृद्धि की चार अवस्थाएं आती हैं : अण्डा, लारवा, प्यूपा और
व्यस्क। उदाहरण रू भंग, माक्खियां, भौरे और . शलभ।

अंतर-प्रजातीय (Inter specific) – विभिन्न प्रजातियों के सदस्यों के बीच पारस्परिक क्रिया ।

अंतः प्रजातीय (Intra specific) – एक ही प्रजाति के सदस्यों के बीच पारस्परिक क्रिया।

प्रमुख पीड़क (Key pest) – का अर्थ है ऐसे पीडक जो वाणिज्यिक फसलों पर नियमित रूप से आर्थिक क्षति पहुंचाते हैं।

मुख्य पीड़क (Major pest) – ऐसे पीड़क जो यदि नियंत्रित नहीं किए जाएं तो वाणिज्यिक फसलों पर नियमित रूप से आर्थिक क्षति
पहुंचाते हैं, ताकि प्रबंधन कार्यनीति इन्हीं पीड़कों पर केन्द्रित की जाती है (प्रमुख पीड़क भी देखें)।

मिलीपीड (Millipede) – वर्ग डिप्लोपोडा के आर्थोपोडा, जिनमें अधिकांश शरीर खण्डों में दो . जोड़ी पैर होते हैं। ये कचरे में रहते हैं
आमतौर पर खेती के पीड़क नहीं होते हैं।

गौण पीड़क (Minor Pest) – ऐसे पीड़क जो वाणिज्यिक फसलों पर कभी-कभार नुकसान पहुंचाते हैं।

बरूथी (Mite) – एकेरिना वर्ग के छोटे आर्थोपोड। ये आठ जोड़ों वाले पैरों की मकड़ियों से नजदीकी संबंध रखते हैं, इनमें एण्टीना
और पंख नहीं होते हैं।

बरूथीनाशक (Miticide) – ऐसा पीड़कनाशी जो बरूथी और टिक्स (किलनी) को नष्ट करता हैय ठीक एकेरिसाइड की तरह।

मोलस्क (Mollusc) – घोंघे और स्लग्स (बिना कवच वाले घोंघे) जो फाइलम मोलस्का के वर्ग गेस्ट्रोपोडा में आते हैं।

मोजेक (Mosaic) -पत्तियों में चित्तीदार पीले और हरे पैटर्न जो बीमारी के लक्षण पैदा करता है।

मल्टीवोल्टाइन (Multivoltine) – ऐसे कीट जो प्रति वर्ष कई पीढ़ियां पैदा करते हैं।

ऊतकक्षय (Necrosis) – एक सीमित क्षेत्र में ऊतक की मृत्यु ।

निमेटोड (Nematode) – ऐसे अखण्डित गोल कृमि जो पौधों, जन्तुओं और मनुष्यों में परजीवी हैं। कुछ प्रजातियां मिट्टी और पानी में
रहती हैं, बैक्टीरिया और फंगस का भोजन करती हैं। कभी-कभी इन्हें ईल वर्म कहते हैं।

निमेटीसाइड (Nematicide) – ऐसा पीड़कनाशी जो निमेटोड को मार देता है या अक्षम बना देता है।

गैर-लक्षित प्रजाति (Non-target organism) – ऐसा जीव जो प्रबंधन युक्ति का उद्देश्य नहीं हैं।

निम्फ (Nymph) – अपूर्णकायांतरणी कीट, जैसे कि हेमीप्टेरा, आर्थोप्टेरा की पंखहीन, अपरिपक्व अवस्था।

अवसरिक पीड़क (Occasional pest) – ऐसी प्रजाति जो आम तौर पर उपस्थित हैं, परन्तु क्षति कभी-कभी पहुँचाती हैं।

पीड़क (Pest) – ऐसा जीव जो मनुष्यों की गतिविधियों और इच्छाओं में व्यवधान पैदा करता है, इसमें रोगजनक, खरपतवार, निमेटोड,
मोलस्क, आर्थोपोड और कशेरुक शामिल हैं।

पीड़क श्रेणियाँ (Pest Categories) – पीड़क श्रेणियों में रोगजनक, खरपतवार, निमेटोड, मोलस्क, आर्थोपोड और कशेरुक शामिल हैं।

विविधाहारी (Polyphagus) – अनेक प्रकार का भोजन खाने वाले।

कृन्तक (Rodents) – रोडेन्शिया क्रम के जन्तु। जैसे चूहे, मूषक, गिलहरियां, गोफर्स और वुडचक्स।

कृन्तकनाशी (Rodenticide) – कृन्तकों को मारने में प्रयुक्त विष ।

रस्ट (Rust) – कवक (फंगस) द्वारा होने वाली बीमारी, जो लाल-भूरी या काली फँसीध्दाने पैदा करती हैं। यह बीमारी यूरिडिनेल्स क्रम
में कवक द्वारा होती हैं।

द्वितीय पीड़क (Secondary pest) – ऐसा पीड़क जो तब तक एक समस्या नहीं है जब तक अन्य पीड़कों के लिए लगाई गई
नियंत्रण तरकीबों से ये अथवा अन्य पीड़क बढ़ना नहीं बंद करते और नुकसान पहुंचाते हैं।

पाश फसल (Trap crop) – कुछ खास पीड़कों के लिए आकर्षक पौधे, जिन्हें मुख्य फसल से इन पीड़कों का ध्यान हटाने के लिए
लगाया है।

एकप्रज – प्रति वर्ष एक पीढ़ी (बहुप्रज भी देखें)

विषाणु (वायरस) – सूक्ष्मदर्शी परजीवी, जो प्रोटीन केप्सूल और न्यूक्लिक अम्ल का बना होता है, इसे बढ़ने या प्रजनन के लिए जीवित
कोशिका चाहिए होती हैं।

अतिरिक्त पाठ्य सामग्री
1) कॉन्सेप्ट्स इन इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंटरू रॉबर्ट एफ, नोरिस, ई.पी. केसवेल – चेन एवं मार्कोस कोगन (2003) पर्सन एजुकेशन, इंक. न्यू जर्सी।
2) इन्सेक्ट पेस्ट्स ऑफ क्रॉप्स रू एस. प्रधान. इंडिया बुक हाउस।
3) एग्रीकल्चरल इन्सेक्ट पेस्ट्स ऑफ द ट्रॉपिक्स एण्ड देयर कंट्रोल (द्वितीय संस्करण) ऋऋडेनिस एस. हिल. केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस ।
4) एग्रीकल्चरल पेस्ट्स ऑफ इण्डिया एण्ड साडथ-ईस्ट एशिया. ए. एस. अटवाल (1996), कल्याणी प्रकाशन।

प्रिय छात्र,
इन इकाइयों का अध्ययन करते समय आपको पाठ्यसामग्री के कुछ अंशों को समझने में कठिनाई आई होगी। हम आपकी कठिनाइयों
और सुझावों को जानना चाहते हैं ताकि हम पाठ्यक्रम में सुधार ला सकें। अतः हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप इस खंड से
संबंधित निम्न प्रश्नावली को भर कर हमारे पास अवश्य भेजें।

Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

4 weeks ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

4 weeks ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now