पृष्ठ आवेश घनत्व (Surface charge density in hindi) , पृष्ठीय आवेश घनत्व क्या है , सूत्र , मात्रक

पृष्ठीय आवेश घनत्व क्या है , किसे कहते है ? , सूत्र , मात्रक , आवेश के पृष्ठ घनत्व का मात्रक क्या होता है , Surface charge density in hindi , पृष्ठ आवेश घनत्व से क्या तात्पर्य है ?

पृष्ठ आवेश घनत्व (Surface charge density) : जब आवेश का वितरण किसी समतल अथवा वक्र पृष्ठ पर होता है तो प्रति एकांक क्षेत्रफल आवेश की मात्रा को आवेश का पृष्ठ घनत्व कहते है।

यदि q आवेश किसी पृष्ठ A क्षेत्रफल पर समान रूप से वितरित हो तो –

आवेश का पृष्ठ घनत्व σ =  आवेश/क्षेत्रफल

σ =  q/A

आवेश का पृष्ठ घनत्व (σ) का मात्रक = कूलाम/मीटर2 (Cm-2) होता है।

उदाहरण : यदि q आवेश R त्रिज्या के गोले के पृष्ठ पर समान रूप से वितरित हो तो गोले पर आवेश का पृष्ठ घनत्व q/4πR2 होगा।

प्रश्न : आवेश संरक्षण का सिद्धांत हमेशा लागू रहता है। क्या यह द्रव्यमान के लिए सत्य है ?

उत्तर : नहीं , द्रव्यमान संरक्षण के लिए हमेशा लागू नहीं होता है। कुछ नाभिकीय अभिक्रियाओं में द्रव्यमान को ऊर्जा में बदला जा सकता है।

प्रश्न : दो समान रूप से आवेशित एक समान धातु गोले A तथा B बल , F के साथ एक दुसरे को प्रतिकर्षित करते है। गोलों को इनके मध्य r दूरी के साथ स्थिर रखा गया है। एक अन्य तीसरा एकसमान लेकिन अनावेशित गोला C को A के साथ सम्पर्क में लाया गया है तथा फिर इसे A तथा B को मिलाने वाली रेखा के मध्य बिंदु पर रखा गया है। C पर कुल विद्युत बल का परिमाण होगा –

उत्तर : F

प्रश्न : अनंत तक फैले चालक तल के निकट एक आवेशित कण है तो –

निम्न में से सही चुनाव करे –

(1) तल के समान्तर गति करने लगेगा

(2) यह वही स्थिर रहेगा

(3) तल की ओर आकर्षित होगा

(4) तल से प्रतिकर्षित होगा

उत्तर : (3) तल की ओर आकर्षित होगा

प्रश्न : एक प्रोटोन तथा एक इलेक्ट्रॉन एक समरूप विद्युत क्षेत्र में रखे है –

निम्न में से सही चुनाव करे –

(1) त्वरण का परिमाण समान होगा
(2) दोनों का त्वरण समान होगा
(3) बलों का परिमाण समान होगा
(4) उन पर आरोपित विद्युत बल समान होगा

उत्तर : (3) बलों का परिमाण समान होगा

प्रश्न : चालक और अचालक में अंतर बताइये।

उत्तर : वे पदार्थ जिनसे होकर विद्युत प्रवाह संभव है , चालक कहलाते है और जिन पदार्थो से होकर विद्युत प्रवाह नही हो सकता है , अचालक कहलाते है।

प्रश्न : यदि किसी वस्तु पर दस लाख इलेक्ट्रॉन स्थानांतरित कर दिए जाए तो उस पर कितना आवेश होगा ?

उत्तर : चूँकि वस्तु को इलेक्ट्रॉन दिए जाते है अत: उस पर ऋणात्मक आवेश होगा।

आवेश q = -ne

प्रश्न में दिया गया है n = दस लाख = 1000000 = 106

q = -106 x 1.6 x 10-19

q = – 1.6 x 10-13 कूलाम

प्रश्न : विद्युत क्षेत्र की तीव्रता क्या सदिश राशि है अथवा अदिश राशि ? इसका एसआई (SI) मात्रक दीजिये ?

उत्तर : विद्युत क्षेत्र की तीव्रता सदिश राशि है तथा इसका एसआई मात्रक न्यूटन/कुलाम या वोल्ट/मीटर है।

प्रश्न : आवेश एवं द्रव्यमान में दो अंतर लिखिए।

उत्तर : (1) आवेश धनात्मक , ऋणात्मक या शून्य कुछ भी हो सकता है जबकि द्रव्यमान केवल धनात्मक होता है। (2) वैद्युत आवेश सदैव संरक्षित है जबकि द्रव्यमान संरक्षित नहीं है।

प्रश्न : आप एक धातु के गोले को बिना स्पर्श कराये कैसे आवेशित कर सकते है ?

उत्तर : एक धातु के गोले को बिना स्पर्श कराये प्रेरण द्वारा आवेशित कर सकते है।

प्रश्न : यदि कांच की छड को सिल्क पर रगडा जाए तो यह धनावेशित होती है , क्योंकि ?

निम्न में से सही चुनाव करे –

(1) इसमें प्रोटोन जुड़ जाते है

(2) इसमें इलेक्ट्रॉन जुड़ जाते है

(3) इससे इलेक्ट्रॉन अलग हो जाते है

(4) इससे प्रोटोन अलग हो जाते है

उत्तर : (3) इससे इलेक्ट्रॉन अलग हो जाते है

प्रश्न : यदि एक आवेशित वस्तु को उदासीन चालक के पास रखा जाता है तो क्या यह इसको आकर्षित या प्रतिकर्षित करेगा ?

उत्तर : इसे हम एक उदाहरण की सहायता से समझ सकते है –

यदि एक धनात्मक आवेशित वस्तु को उदासीन चालक के पास बायीं ओर रखा जाता है तो चालक की बायीं सतह पर प्रेरण के कारण ऋण आवेश तथा दाई तरफ धन आवेश प्रेरित हो जाता है। +q आवेश के कारण प्रेरित ऋण आवेश आकर्षण तथा धनावेश प्रतिकर्षण महसूस करेगा। लेकिन ऋण आवेश ज्यादा पास है अत: आकर्षण बल , प्रतिकर्षण बल की तुलना में अधिक होगा इसलिए चालक पर +q आवेश के कारण परिणामी बल आकर्षण बल होगा।

इस उदाहरण से हम कह सकते है कि एक आवेशित वस्तु उदासीन चालक को आकर्षित कर सकती है यदि दो वस्तुओं के बीच में आकर्षण बल है तो एक वस्तु उदासीन भी हो सकती है लेकिन यदि दो वस्तुओं के मध्य प्रतिकर्षण बल है तो दोनों वस्तु समान प्रकार के आवेश से आवेशित होनी चाहिए।

अत: प्रतिकर्षण ही आवेशन का सही परिक्षण है।