विशिष्ट ऊष्मा धारिता क्या है , परिभाषा , ठोसों की , जल (पानी) की विशिष्ट ऊष्मा धारिता Specific heat capacity in hindi

Specific heat capacity in hindi , विशिष्ट ऊष्मा धारिता क्या है , परिभाषा , ठोसों की , जल (पानी) की विशिष्ट ऊष्मा धारिता , हाइड्रोजन की विशिष्ट ऊष्मा धारिता कितनी होती है , किसे कहते है , अर्थ , मतलब :-

मैक्सवेल का ऊर्जा समविभाजन का नियममैक्सवेल ने बताया कि तापीय या उष्मीय साम्य पर अणु की कुल औसत ऊर्जा उसकी सभी स्वतंत्रता की कोटियो में समान रूप से विभाजित रहते है।

  1. एक परमाणु अणु के लिए विशिष्ट ऊष्मा: He , Ne

स्वतंत्रता की कोटियाँ f = 3n – b

यहाँ n = परमाणुओं की संख्या

b = सहसंयोजक बन्धो की संख्या

f = 3 x 1 – 0 = 3

ये तीनो कोटियाँ स्थानान्तरण गति के कारण होती है।

एक परमाणु अणु गैस की कुल औसत ऊर्जा  –

E = f KT/2

E = 3KT/2

1 मोल अणु गैस की कुल औसत ऊर्जा =

E = fRT/2

E = 3RT/2  समीकरण-1

Cv = dE/dt   समीकरण-2

समीकरण-1 का मान समीकरण-2 में रखने पर –

Cv = d(3RT/2)dt

Cv = 3R/2 dt/dt

CV = 3R/2  समीकरण-3

मेयर सम्बन्ध से –

Cp – Cv = R  समीकरण-4

समीकरण-3 का मान समीकरण-4 में रखने पर

Cp – 3R/2  = R

Cp = R + 3R/2

Cp =  (3R + 2R)/2

Cp = 5R/2  समीकरण-5

रुदोष्म निष्यती

r = Cp/CV   समीकरण-6

समीकरण-3 व 5 का मान समीकरण-6 में रख कर हल करने पर –

r = 5/3

r = 1.66

  1. द्विपरमाणु अणु पर गैस की विशिष्ट ऊष्मा:  Cl2, He

स्वतंत्रता की कोटियाँ

f = 3n – b

f = 3 x 2 – 1

f = 5

3 कोटियाँ स्थानान्तरण के कारण होती है।

2 कोटियाँ घूर्णन गति के कारण होती है।

द्विपरमाणु अणु गैस की कुल औसत ऊर्जा –

E = fKT/2

E = 5KT/2

एक मोल द्विपरमाणु अणु गैस की कुल औसत ऊर्जा –

E = f RT/2

E = 5RT/2  समीकरण-1

Cv = dE/dt   समीकरण-2

समीकरण-1 व समीकरण-2 से –

Cv = 5Rdt/2dt

Cv = 5R/2  समीकरण-3

मेयर सम्बन्ध से –

Cp – Cv = R

Cp  = R + Cv  समीकरण-4

समीकरण-3 व 4 से –

Cp  = 5R/2   + R

Cp  = 7R/2  समीकरण-5

रुदोष्म निष्यती

r = Cp/CV   समीकरण-6

समीकरण-3 व समीकरण-5 का मान समीकरण-6 में रखने पर –

r = 7/5

r = 1.4

  1. बहुपरमाणु अणु गैस की विशिष्ट ऊष्मा:

त्रिपरमाणु अणु गैस के लिए –

(i) रेखीय संरचना

(ii) त्रिभुजाकार संरचना

(i) रेखीय संरचना वाली त्रिपरमाणु अणु गैस की विशिष्ट ऊष्मा :-

f = 3n – b

f = 3 x 3 – 2

f = 7 (3 स्थानान्तरण गति के कारण , 2 घूर्णन गति के कारण , 2 कम्पन्न गति के कारण )

त्रिपरमाणु अणु गैस के एक अणु की कुल औसत ऊर्जा –

E = fKT/2

E = 7KT/2

1 मोल त्रिपरमाणु अणु गैस की कुल औसत ऊर्जा –

E = fRT/2

E = 7RT/2  समीकरण-1

Cv = dE/dt

Cv = d(7RT/2)/dt

Cv = 7Rdt/2dt

Cv =  7R/2

मेयर सम्बन्ध से –

Cp – Cv = R

Cp  = R + Cv

Cp  =  R + 7R/2

Cp  = 9R/2

रुदोष्म निष्यती

r = Cp/CV

r = (9R/2)/(7R/2)

r = 9/7

r = 1.28

(ii) त्रिभुजाकार संरचना त्रिपरमाणु अणु गैस की विशिष्ट ऊष्मा –

f = 3n – b

f  = 3 x3 – 3

f = 6 (3 स्थानान्तरण गति के कारण , 3 घूर्णन गति के कारण )

त्रिपरमाणु अणु गैस के एक की कुल औसत ऊर्जा –

E = fKT/2

E = 6KT/2

E = 3KT

एक मोल त्रि परमाणु अणु गैस की कुल औसत ऊर्जा –

E = fRT/2

E = 6RT/2

E = 3RT

Cv = dE/dt

Cv = d(3RT)/dt

Cv = 3R dt/dt

Cv = 3R

मेयर सम्बन्ध से –

Cp – Cv = R

Cp  = R + Cv

Cp  = R + 3R

.Cp  = 4R

रुदोष्म निष्यती

r = Cp/CV

r =  4R/3R

r = 1.33

ठोसों की विशिष्ट ऊष्मा धारिता

ठोसो की विशिष्ट ऊष्मा धारिता का मान ज्ञात करने के लिए ऊर्जा समविभाजन का पालन करते है।

माना कोई ठोस N परमाणु से मिलकर बना हुआ है , जो कि अपनी माध्य स्थिति के इधर उधर कम्पन्न कर रहे थे।

एक विमीय गति के कारण कुल औसत ऊर्जा –

E = KBT

त्रिविमीय गति के कारण गैस की कुल औसत ऊर्जा –

E = 3 KBT

एक मोल ठोस की कुल औसत उर्जा –

U = E = 3KBNAT

dQ = dU + PdV

ठोसो के लिए dV = 0

dQ = dU  समीकरण-1

C = dQ/dt

C = dU/dt

C = 3KBNAdt/dt

C = 3KBNA

चूँकि K = R/NA

C = 3R x NA/NA

जल (पानी) की विशिष्ट ऊष्मा धारिता : जल (पानी) की विशिष्ट ऊष्मा धारिता को भी ठोसों की तरह ज्ञात किया जाता है।

एक परमाणु के लिए कुल औसत ऊर्जा –

E = 3KBT

जल के एक अणु में दो हाइड्रोजन व एक ऑक्सीजन परमाणु होता है।

E = 3 x 3KBT

एक मोल जल के लिए कुल औसत ऊर्जा –

U = E = 3 x 3 x KBT x NA

dQ = dU + PdV

dV = 0

dQ = dU

C = dQ/dt

C = dU/dt

C = d 9KBNAT/dt

C = 9KBNAdt/dt

C = 9KBNA

चूँकि KB = R/NA

C = 9R

माध्य मुक्त पथ : गैस के अणुओं की गति बहुत अधिक होती है अत: ये लगातार यादृच्छिक गति करते रहते है जिसके कारण गैस के अणुओं में आपस में टक्कर होती रहती है।

गैस के अणुओं में होने वाली लगातार दो टक्करों के मध्य गैस के अणुओं के द्वारा तय की गयी दूरी को माध्य मुक्त पथ कहते है।

l = 1 /√2 nπd2

यहाँ n = अणुओं की संख्या

d = गोले का व्यास