ओजोन क्या है , परिभाषा , ओजोन के गुण , बनाने की विधियाँ , चित्र , अभिक्रिया , उपयोग (ozone in hindi)

(ozone in hindi) ओजोन क्या है , परिभाषा , ओजोन के गुण , बनाने की विधियाँ , चित्र , अभिक्रिया , उपयोग : जैसा कि हम जानते है कि ऑक्सीजन , द्विपरमाण्विक और त्रिपरमाण्विक रूप में पायी जाती है।  हमने ऑक्सीजन के द्विपरमाण्विक रूप डाइऑक्सीजन (O2) का अध्ययन कर लिया था अब हम ऑक्सीजन के त्रिपरमाणविक रूप ओजोन (O3) का अध्ययन करेंगे।
अतः ओजोन ऑक्सीजन का एक अपरूप है। यह वातावरण में बहुत अधिक रूप से अस्थायी होता है , समुद्र तल से लगभग 20 किलोमीटर ऊपर ओजोन के निशान पाए जा सकते है , अब आप सोच रहे होंगे कि इतनी ऊंचाई पर ओजोन कैसे उपस्थित है ?
याद रखे कि ओजोन का निर्माण तब होता है जब ऑक्सीजन , सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों के साथ क्रिया करती है , ओजोन गैस का सबसे बड़ा काम या फायदा यह है कि ओजोन गैस , हमारी पृथ्वी पर सूर्य से आने वाली खतरनाक पराबैंगनी किरणों को आने नही देती है।
आपने ओजोन परत का नाम तो सुना ही होगा यह परत ही है जो सूर्य से आने वाले पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी पर रहने वाले जीवो को बचाती है , लेकिन फ्रिज में क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैस उपयोग होती है जो इस ओजोन परत में छिद्र कर देती है है जिससे पराबैंगनी किरण पृथ्वी पर आने लगती है और मनुष्य आदि में त्वचा से सम्बंधित समस्या जैसे एलर्जी आदि बढती जा रही है।

ओजोन बनाने की विधि या विरचन

जब शुद्ध , ठण्डी और शुष्क ऑक्सीजन को एक विशेष उपकरण में शांत विद्युत विसर्जन द्वारा गुजारा जाता है तो इस उपकरण में ओजोन का निर्माण होता है , इस विशेष उपकरण को ओजोनाइजर कहते है। इस विधि द्वारा हम लगभग 10% सांद्रता वाली ओजोन गैस को प्राप्त करते है , यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है इसलिए यह क्रिया उच्च ताप पर संपन्न होती है और यही कारण है कि हम यहाँ शांत विद्युत विसर्जन का उपयोग कर रहे है।
यदि हम ओजोन को अधिक सांद्रता के रूप में प्राप्त करना चाहते है तो हम ऑक्सीजन और ओजोन मिश्रण का आंशिक द्रवीकरण करके प्राप्त कर सकते है।

ओजोन के भौतिक और रासायनिक गुण

  • यह एक गैस के रूप में होती है।
  • इसका रंग पित-नीला होता है और इस गैस में मछली जैसी तीखी गंध आती है।
  • जब इस गैस को संघनित किया जाता है तो यह गहरे नीले रंग के द्रव में परिवर्तित हो जाती है और इसको अधिक ठंडा करने पर यह काले ठोस के रूप में परिवर्तित हो जाता है।
  • ओजोन , वायु की तुलना में भारी होता है।
  • ओजोन गैस जल में कुछ मात्रा में घुलती है लेकिन कुछ कार्बनिक विलायको जैसे कार्बनिक टेट्राक्लोराइड आदि में यह तेजी के साथ घुलती है।
  • ओजोन उदासीन लक्षण वाली होती है अर्थात यह लिटमस के रंग में परिवर्तन नहीं करती है।
  • ओजोन ज्यादा स्थायी नहीं होता है , यह कमरे के ताप पर भी धीरे धीरे ऑक्सीजन अणु और एक ऑक्सीजन परमाणु में अपघटित हो जाता है।

ओजोन के उपयोग

  • ओजोन का उपयोग जल को कीटाणुरहित करने के लिए किया जाता है।
  • जहाँ अधिक भीड़ होती है वहां वातावरण अधिक दूषित रहता है , जैसे रेलवे स्टेशन आदि , ऐसी जगहों की वायु को शुद्ध करने के लिए भी ओजोन का इस्तेमाल किया जाता है।
  • उद्योग क्षेत्र में रेशम और संश्लेषित कपूर आदि को बनाने के लिए भी ओजोन का उपयोग किया जाता है।
  • कपड़ो , तेल , स्टार्च आदि के लिए विरंजक के रूप में भी इसे इस्तेमाल किया जाता है।
  • इसे प्रयोगशाला में ऑक्सीकारक के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।