WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

उर्ध्वपातन क्या है , परिभाषा , का अर्थ चित्र (sublimation in hindi)

(sublimation in hindi) उर्ध्वपातन क्या है , परिभाषा , का अर्थ चित्र : प्रकृति में कुछ पदार्थ ऐसे होते है जिनको यदि गर्म किया जाता है तो वे ठोस अवस्था से सीधे ही वाष्प अवस्था में बदल जाते है , पदार्थ का ठोस अवस्था से सीधे वाष्प अवस्था में बदलने की क्रिया को ही उर्ध्वपातन कहते है और उन उस पदार्थ को जो उर्ध्वपातन का गुण रखता है उसे उर्ध्वपातज कहते है।

सामान्यतया जब ठोस पदार्थो को गर्म किया जाता है तो वे पहले द्रव अवस्था में बदलते है तथा फिर द्रव से वाष्प अवस्था में बदलते है लेकिन उर्ध्वपातज पदार्थों को गर्म (ताप देना) करने पर ये ठोस अवस्था से वाष्प अवस्था में बदल जाते है अर्थात उर्ध्वपातज पदार्थो में द्रव अवस्था नहीं पायी जाती है अर्थात वे ठोस से द्रव में नहीं सीधे वाष्प में अवस्था परिवर्तन करते है।
उर्ध्वपातन के उदाहरण : कपूर , आयोडीन इत्यादि।
जब हम कपूर या आयोडीन को गर्म करते है तो हम देखते है कि ये गर्म होने के बाद धीरे धीरे वाष्प बनकर उड़ने लगती है अर्थात इनकी मात्रा कम होने लगती है।
कहने का अभिप्राय यह है कि उर्ध्वपातन अभिक्रिया में मध्यस्थ द्रव अवस्था नहीं पायी जाती है , इसमें ठोस पदार्थ सीधे वाष्प अवस्था में परिवर्तित हो जाती है।
लेकिन सामान्य पदार्थो में ऐसा नहीं होता है , जैसे जब बर्फ को गर्म किया जाता है तो यह पिघलती है और ठोस अवस्था से द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाती है , और अब इसे और गर्म करने पर यह द्रव वाष्प अवस्था में बदलने लगता है लेकिन कपूर और आयोडीन में ऐसा नहीं होता है।