WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

भँवर धाराओं के उपयोग application of eddy currents in hindi

application of eddy currents in hindi भँवर धाराओं के उपयोग : कहीं कही भंवर धाराएं अवांछनीय है जैसे इनकी वजह से ऊष्मा उत्पन्न हो जाती है जिससे ऊर्जा की क्षति होती है , तो कही पर इनका बहुत उपयोग है , हम यहाँ इनके उपयोग के बारे में अध्य्यन करेंगे की इनका उपयोग कहा और क्यों किया जाता है।

1. प्रेरण भट्टी में : प्रेरण भट्टी में इनका उपयोग होता है , भट्टी में धातु को प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र में रख दिया जाता है , जिससे धातु में भंवर धाराएँ उत्पन्न हो जाती है।  भंवर धारा उत्पन्न होने से ऊष्मा उत्पन्न हो जाती है तथा इस ऊष्मा का मान इतना अधिक होता है की रखी हुई धातु पिघल जाती है।

2. उत्तको की सिकाई करने में : रोगी के उत्तको की सिकाई करने के लिए , जिस उत्तक की सिकाई करनी है उस भाग पर कुण्डली लपेटकर उसमे धारा प्रवाहित की जाती है जिससे उत्तको में भंवर धाराएँ उत्पन्न हो जाती है और इसके कारण ऊष्मा उत्पन्न हो जाती है जिससे उत्तको की सिकाई हो पाती है।

3. रुद्ध दोल धारामापी में :  धारामापी बनाने के लिए ताम्बे के तार को एलुमिनियम के फ्रेम पर लपेटा जाता है , जब कुण्डली विक्षेपित होती है तो तो एलुमिनियम के फ्रेम में भंवर धाराएं उत्पन्न हो जाती है जो कुण्डली में विक्षेप का विरोध करती है जिससे कुण्डली उपयुक्त स्थिति पर विक्षेपित होकर रुक जाती है।

4. विद्युत रेलगाड़ियों में ब्रेक के लिए : विद्युत रेलगाड़ियों में ब्रेक के रूप में भंवर धाराओ का उपयोग किया जाता है।

ट्रेन के पहियें के पास एक धातु का ड्रम लगा होता है , जो हमेशा पहियें के साथ साथ घूमता है , जब ट्रेन में ब्रेक लगाने होते है तो पहियें के पास चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न किया जाता है जिससे धातु के ड्रम में भंवर धाराएं उत्पन्न हो जाती है और ये पहियें की गति का विरोध करती है जिससे ट्रेन रुक जाती है।

5. वाहनों में ब्रेक के रूप में : वाहनों के पहियें के चारो ओर धातु का ड्रम लगा होता है इसी के साथ पहियें का सम्बन्ध चुम्बक गेयर से होता है , जब वाहन में ब्रेक लगाने होते है तो धातु के ड्रम के पास लगे चुम्बक गेयर को एक्टिव किया जाता है जिससे ड्रम में भंवर धारा उत्पन्न हो जाती जो पहियें की गति का विरोध करता है और वाहन रुक जाता है।