यहाँ हम द्रव्य की अवस्थाएँ अध्याय 5 महत्वपूर्ण बिंदु कक्षा 11 रसायन विज्ञान , STATES OF MATTER in hindi class 11 chemistry important points ?
स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण बिन्दु
- आदर्श गैस- जो समस्त ताप व दाब पर गैस नियमों का पालन करे।
- बॉयल का नियम- स्थिर ताप पर किसी गस की निश्चित मात्रा का आयतन उसके दाब के व्यक्रमानुपाती होता है (V – P/V या PV = स्थिरांक)
- चार्ल्स गैलसाक का नियम- स्थिर दाब पर किसी गैस की निश्चित मात्रा का आयतन उसके परमताप T(T = T0C + 273) के समानुपाती होता है v« T याV/P = स्थिरांक)
- संयुक्त गेस समीकरण– बॉयल व चार्ल्स नियम का योग(V- 1/P या PV/T = स्थिरांक )
- ऐबोगेड़ो का नियम- ताप व दाब की समान परिस्थितियों में समस्त गैसों के समान आयतन में अणुओं की संख्या समान होती है।
- मोल- किसी पदार्थ की वह मात्रा जिसमें अणुओं की संख्या उतनी हो जितनी C12 के 0.012 किग्रा में कार्बन परमाणुओं की है।
- एक मोल का आयतन- NTP पर समस्त गैसीय पदार्थों के एक मोल का आयतन 22.4 लिटर होता है। जगुआ की
- आदर्श गैस समीकरण बॉयल, चार्ल्स व ऐवोगैड्रो नियम का योग PV = nRT
- गैसों का अणु गति सिद्धान्त- PV= 1/3 mnv2
- डाल्टन का आंशिक दाब नियम- P = p1 + p2 + p3 …..
- ग्राहा का विसरण नियम- r1 /r2 = D2 /D1
12 वास्तविक गैसेंजो केवल उच्च ताप व कम दाब पर ही आदर्श गैस नियमों का पालन करे।
13 आदर्श आचरण से विचलन के कारण दो- (i) कम ताप व अधिक दाब पर गैस के आयतन की तलना में। अणुओं का आयतन नगण्य नहीं होता (ii) गैस के अणुओं के मध्य विभिन्न प्रकार के आकर्षण बल होते है अतः गैसों का दाब अपेक्षा (अन्तराण्विक आकर्षण बलों की अनुपस्थिति में) से कम हो जाता है।
- अपवर्जित आयतन-आयतन का वह भाग जहां अणुओं का स्वतन्त्र विचरण सम्भव न हो।
- वाण्डर बाल्स गैस समीकरण – n मोल के लिए (P + an2 /V2 ) (V – ab) = nRT
- समतापी वक्र—स्थिर ताप पर दाब व आयतन के मध्य का वक्र।
- क्रान्तिक घटना क्रान्तिक अवस्था आने की घटना जिसमें गैस व द्रव अवस्था के मध्य कोई सीमा-रेखा न हो।
- क्रान्तिक ताप-ताप की वह अधिकतम सीमा, जिससे उच्च ताप होने पर गैसों का द्रवण सम्भव नहीं है।
- क्रान्तिक दाब—क्रान्तिक ताप पर दाब का वह न्यूनतम मान जिस पर गैस का द्रवण सम्भव हो।
- क्रान्तिक आयतन-क्रान्तिक ताप व क्रान्तिक दाब पर गैस के एक मोल का आयतन।
- अवस्था की सततता—क्रान्तिक ताप पर गैसों के द्रवण के दौरान गैस की वह अवस्था जिस पर द्रव तथा गैसीय अवस्था में भेद न किया जा सके।
- क्रान्तिक स्थिारांक (Tc, Pc तथा Vc ) एवं वाण्डर वाल्स स्थिरांक (a व b) में सम्बन्ध Vc = 3b: Pc = a/27b2; TC = 8a /27Rb
- वाण्डर वाल्स स्थिरांक (a व b) तथा क्रान्तिक स्थिरांकों में सम्बन्ध a = 27R2T2/64PC; b = RTC/8PC
- क्रान्तिक स्थिरांकों में पारस्परिक सम्बन्ध PCVC/RTC = 3/8 = 0.375
- बॉयल ताप व क्रान्तिक ताप में सम्बन्ध TB = 3.375 TC
- समानीत अवस्था समीकरण – समानीत ताप (ɸ = T/TC) समानीत दाब (π = P/PC) व समानीत आयतन (ɸ = V/VC) में सम्बन्ध दर्शाने वाली समीकरण (π + 3/ ɸ2) = 80 जिसे सभी गैसों पर समान रूप से लागू किया जा सके।
- आण्विक वेगों का मक्सवेल वितरण नियम 1/N0 . Dn /Dc = 4 π (m/2 πkT)3/2 e-r(mc2/2kT)c2
- प्रायिकतम वेग—जिस वेग के अणुओं की संख्या अधिकतम हो, इसका मान = a = 2RT/M 29. औसत वेग-समस्त अणुओं के वेग का औसत, इसका मान c = 8RT/ πM
- वर्ग माध्य मल बेग-समस्त अणुओं के वेगों के वर्ग के औसत का वर्गमूल, इसका मान c = 3RT/M
- माध्य मुक्त पथ-टक्करों से पहले किसी अणु द्वारा तय की गयी दूरी का औसत।
- संघटन आवति_एक सेकण्ड में किसी गस के 1cc में विद्यमान अणओं के मध्य परस्पर टक्करों की संख्या
- दो अणओं के मध्य की निकटतम दूरी के समय उनके केन्द्रों के मध्य की दूरी।
- गैसों का द्रवीकरण-क्रान्तिक ताप से कम ताप पर दाब बढ़ाने से गैसों का
- शीतलन के सिद्धान्त-1) जूल-टॉमसन प्रभाव-गसा का यदि एक छोटे छिद्र में से उच्च दाब से निम्न दाब __की ओर प्रसारित किया जाए तो शीतलन होता है। (ii) वाष्पीकरण। विचुम्बकन।
- गैसों के द्रवण की विधियां (1) फेराडे विधि जिसमें हिम-मिश्रण द्वारा शीतलन होता है। (ii) लिण्डे विधि जो जल-टॉमसन प्रभाव पर आधारित है। (iii) क्लॉड बिधि जिसमें जूल-टॉमसन प्रभाव के साथ-साथ रुद्धोष्म प्रसार का भी उपयोग किया जाता है। (iv) अनुचुम्बकीय लवण के विचुम्बकन द्वारा शीतलन करके गैसों का द्रवण सम्भव है।
- द्रवित गैसों का प्रमुखतः प्रशीतन (refrigeration) में, कीटनाशी के रूप में तथा वेल्डिंग, आदि में उपयोग किया जाता है।