फलन की परिभाषा क्या है , function definition in hindi | फलन किसे कहते हैं गणित भौतिक रसायन विज्ञान में

यहाँ जान लीजिये कि फलन की परिभाषा क्या है , function definition in hindi | फलन किसे कहते हैं गणित भौतिक रसायन विज्ञान में ?

फलन (function) : यदि दो चर राशियाँ x और y किसी दिए हुए नियम अथवा संक्रिया f से इस प्रकार सम्बन्धित हो कि x के प्रत्येक मान के लिए y का एक निश्चित मान प्राप्त हो तो y को x का फलन कहते हैं और इसे y = f(x) लिखकर प्रकट करते हैं | यहाँ x को स्वतंत्र चर और y को आश्रित चर कहते हैं |

‘y = f(x)’ को ‘y , x का फल है ‘ पढ़ा जाता है |

फलन का मान (value of the function) : माना y = f(x) एक फलन है | फलन का x = a के लिए मान f(x) में x के स्थान पर a रखने पर प्राप्त होता है जिसे f(a) द्वारा निरुपित करते हैं | दूसरे शब्दों में , f(a) फलन f(x) का मान है जबकि x = a

प्रश्न : यदि f(x) = 2x2 – 5x + 1 हो तो f(2) का मान बताओ ?

हल : f(2) = 2 x 22 – 5×2 +1 = 2×4 – 10 +1 = 8-10+1 = -1

समकोणिक निर्देशांक पद्धति (rectangular coordinate system) या कार्तीय पद्धति (cartesian system)

क्रमित युग्मों (x,y) के प्रथम घटक को भुज (abscissa) और द्वितीय घटक को कोटि (ordinate) मानकर एक क्रमित युग्म को कार्तीय तल पर एक बिंदु के रूप में प्रस्तुत किया जाता है |

कार्तीय पद्धति के अंतर्गत किसी समतल पर दो पारस्परिक लम्ब सरल रेखाएं XOX’ और YOY’ होती है जो एक दूसरे को बिंदु O पर काटती है |

रेखा XOX’ को X अक्ष (x axis) कहते हैं | रेखा YOY’ को Y अक्ष (y axis) कहते हैं | इन दोनों रेखाओं के युग्म को निर्देशांक (axes of reference) कहते हैं | परस्पर लम्ब होने के कारण सरल रेखाएं XOX’ और YOY’ समकोणाक्ष (rectangular axes) कहलाती है | दोनों निर्देशांकों के कटान बिंदु O को मूल बिंदु (origin) कहते हैं |

X अक्ष , Y-अक्ष और मूलबिंदु O सामूहिक रूप से निर्देश फ्रेम (frame of reference) कहलाते है | वह समतल जिस पर X अक्ष और Y अक्ष स्थित होते है , कार्तीय तल (cartesian plane) कहते हैं | इसे X-Y तल (एक्स वाई प्लेन) भी कहते हैं |

किसी क्रमित युग्म (x,y) की स्थिति किसी बिंदु P द्वारा व्यक्त की जाती है | इस प्रकार व्यक्त (x,y) को बिंदु P के कार्तीय निर्देशांक (cartesian co ordinates) कहते हैं |

O से OX दिशा में x धनात्मक और O से OX’ दिशा में x ऋणात्मक माना जाता है |

O से OY दिशा में y धनात्मक और O से OY’ दिशा में y ऋणात्मक माना जाता है |

मूल बिंदु के निर्देशांक (0,0) होते है |

X अक्ष पर स्थित प्रत्येक बिंदु की कोटि शून्य होती है |

Y अक्ष पर स्थित प्रत्येक बिंदु का भुज शून्य होता है |

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