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रखो और निकालो किसकी नीति है ? ‘रखो और निकालो‘ निम्न में से किसकी नीति है hire and fire policy of which economy

hire and fire policy of which economy in hindi रखो और निकालो किसकी नीति है ? ‘रखो और निकालो‘ निम्न में से किसकी नीति है ?

पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में कीमत निर्धारित किसके द्वारा होती है?
(अ) मांग और पूर्ति (ब) सरकारी प्राधिकारी
(स) बाजार में क्रेता (द) बाजार में विक्रेता
S.S.C.F.C.I. परीक्षा, 2012
उत्तर-(अ)
पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में कीमत निर्धारण पूर्ति और मांग (Supply and Demand) के द्वारा होता है।
‘रखो और निकालो‘ निम्न में से किसकी नीति है?
(अ) पूंजीवाद (ब) समाजवाद
(स) मिश्रित अर्थव्यवस्था (द) पारंपरिक अर्थव्यवस्था
S.S.C. स्टेनोग्राफर परीक्षा, 2011
उत्तर-(अ)
‘रखो और निकालो‘ (Hire and Fire) पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की नीति है।
साम्यवाद के अनुसार समाज का मुख्य दुश्मन कौन है?
(अ) निजी संपत्ति (ब) पूंजीवादी वर्ग
(स) धर्म (द) मूल्य
S.S.C. संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier-I) परीक्षा, 2015
उत्तर-(अ)
साम्यवाद, मार्क्सवाद का उन्नत रूप है। मार्क्स ने पूर्ण समाजवाद की स्थापना की चार अवस्थाएं बताई हैं-
1. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था 2. श्रम की तानाशाही 3. समाजवादी समाज 4. साम्यवादी समाज।
साम्यवाद समाज का मुख्य दुश्मन निजी संपत्ति को मानता है। साम्यवाद का उद्देश्य पूंजीपतियों का संपत्ति पर से अधिकार समाप्त करना होता है क्योंकि यही एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति का शोषण करने हेतु प्रेरित करता है।
किसी देश के अनुकूल व्यापार शेष का आशय है-
(अ) निर्यात की अपेक्षा आयात अधिक है
(ब) आयात की अपेक्षा निर्यात अधिक है
(स) आयात और निर्यात बराबर हैं
(द) आयात बढ़ रहा है और निर्यात कम हो रहा है
S.S.C.F.C.I. परीक्षा, 2017
उत्तर-(ब)
किसी देश के अनुकूल व्यापार शेष (Favourable Balance of Trade) का आशय आयात की अपेक्षा निर्यात के अधिक होने से होता है।
साउथ-साउथ संवाद निम्नलिखित में से किससे जुड़ा है।
(अ) विकासशील देशों में सहकारिता
(ब) शस्त्र सम्मेलन
(स) विकसित तथा विकासशील देशों के बीच शिखर बैठक
(द) उपर्युक्त में से सभी
S.S.C. संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier-I) परीक्षा, 2011
उत्तर-(अ)
14-16 दिसंबर, 1978 को तीसरी दुनिया (साउथ-साउथ) के बारे में सोचने वालों के एक छोटे समूह की बैठक अरुशा (तंजानिया) में संपन्न हुई जिसका उद्देश्य ‘नई अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था‘ पर आधारित उत्तर-दक्षिण संवाद की अनौपचारिक समीक्षा करना था। इस बैठक की प्रायोजक ‘थर्ड वर्ल्ड फाउंडेशन, लंदन‘ नामक संस्था थी।
किसी देश का आर्थिक विकास किस पर निर्भर है?
(अ) प्राकृतिक संसाधन (ब) पूंजी निर्माण
(स) बाजार का आकार (द) उपर्युक्त सभी
S.S.C. मल्टी टास्किंग परीक्षा, 2011
उत्तर-(द)
किसी देश के आर्थिक विकास के लिए प्राकृतिक संसाधन, पूंजी निर्माण एवं बाजार का आकार इत्यादि महत्त्वपूर्ण कारक होते हैं।
किसी आंकड़ा-संचय में रिकॉडों का वृक्षाकार संचय क्या कहलाता है?

(अ) जालक्रम मॉडल (ब) श्रेणीबद्ध मॉडल
(स) संबंधात्मक मॉडल (द) बहु-आयामी मॉडल
S.S.C. स्टेनोग्राफर परीक्षा, 2011
उत्तर-(ब)
रिकॉर्डों का वृक्षाकार संचय श्रेणीबद्ध मॉडल (Hierarchical) अथवा पदानुक्रमिक आंकड़ा-संचय भी कहलाता है जो कि एक पुराना प्रचलित डाटाबेस मॉडल है।
वह आंकडा-संचय कौन-सा है, जिसमें अभिलेखों को वृक्षाकार रचना में व्यवस्थित किया जाता है?
(अ) अभिलक्ष्यी आंकड़ा-संचय
(ब) जालक्रम आंकड़ा-संचय
(स) पदानुक्रमिक आंकड़ा-संचय
(द) संबंधपरक आंकड़ा-संचय
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2013
उत्तर-(स)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने निम्नलिखित में से किससे संबंधित करार को अंतिम रूप देने का निर्णय लिया है?
(अ) व्यापार और निवेश (ब) बौद्धिक संपदा
(स) पारंपरिक ज्ञान (द) उपर्युक्त सभी
S.S.C. स्नातक स्तरीय परीक्षा, 2010
उत्तर-(अ)
भारत तथा संयुक्त राज्य अमेरिका ने व्यापार और निवेश से संबंधित करार को अंतिम रूप देने का निर्णय लिया है जबकि प्रारंभ में भारत तथा अमेरिका के बीच बौद्धिक संपदा तथा पारंपरिक ज्ञान को लेकर गतिरोध बना हुआ था।
किसने कहा है कि अल्पावधि में उपभोग प्रवृत्ति स्थिर होती है?
(अ) कीन्ज (ब) हिक्स
(स) ऐरो (द) स्टिग्लिट्ज
S.S.C. स्नातक स्तरीय परीक्षा, 2006
उत्तर-(अ)
उपभोग की औसत प्रवृत्ति को किस रूप में परिभाषित किया जाता है?

(अ) कुल उपभोग झ् कुल जनसंख्या
(ब) कुल आय झ् कुल उपभोग
(स) उपभोग में परिवर्तन झ् आय में परिवर्तन
(द) कुल उपभोग झ् कुल आय
S.S.C. संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier-I) परीक्षा, 2014
उत्तर-(द)
औसत उपभोग प्रवृत्ति कुल उपभोग तथा कुल आय का अनुपात
है- APC= C/Y
कीन्सवादी उपभोग फलन किसके बीच संबंध दर्शाता है?
(अ) कुल उपभोग और कुल जनसंख्या का
(ब) कुल उपभोग और सामान्य मूल्य स्तर
(स) कुल उपभोग और कुल आय
(द) कुल उपभोग और ब्याज दर
S.S.C. संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier-I) परीक्षा, 2014
उत्तर-(स)
कीन्स ने केवल अल्पकालीन उपभोग फलन का प्रतिपादन किया था। उनके अनुसार, अल्पकाल में आय तथा उपभोग में निम्नलिखित संबंध पाए जाते हैं
(i) C = Co ़ bY (उपभोग तथा आय का संबंध आनुपातिक नहीं है)।
(ii) जैसे-जैसे आय बढ़ती है, सीमांत उपभोग प्रवृत्ति तथा औसत उपभोग
प्रवृत्ति कम होती जाती है।
(iii) APC is Greater than MPC (APC > MPC)।
अल्पावधि में जब आय में वृद्धि होती है, तो उपभोग की औसत प्रवृत्ति में सामान्यतः-
(अ) वृद्धि होती है (ब) गिरावट आती है
(स) स्थिरता बनी रहती है (द) उतार-चढ़ाव आता है
S.S.C. संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier-I) परीक्षा, 2014
उत्तर-(ब)
अल्पावधि में APC और MPC की प्रवृत्ति गिरने की होगी (यदि आय बढ़ती है तो)।
फर्मे जो भुगतान बाहर वालों को उनकी वस्तुओं और सेवाओं के लिए करती हैं, कहलाते हैं-
(अ) वास्तविक लागत (ब) आर्थिक लागत
(स) सुस्पष्ट लागत (द) अंतर्निहित लागत
S.S.C. स्टेनोग्राफर परीक्षा, 2011
उत्तर-(स)
जो भुगतान बाहर वालों को उनकी वस्तुओं व सेवाओं के लिए फर्मों द्वारा किया जाता है, उसे ‘सुस्पष्ट लागत‘ कहते हैं।
बड़ी फर्मों की कम संख्या वाले बाजार को क्या कहते हैं?
(अ) द्वि-अधिकार (ब) प्रतिस्पर्धा
(स) अल्पाधिकार (द) एकाधिकार
S.S.C. मल्टी टास्किंग परीक्षा, 2013
उत्तर-(स)
बड़ी फर्मों की कम संख्या वाले बाजार को अल्पाधिकार (Oligopoly) कहते हैं। द्वि-अधिकार (Duopoly) अल्पाधिकार की विशेष स्थिति है जिसमें दो फर्म शामिल होती हैं। एकाधिकारिक प्रतियोगिता (Monopolistic Competition) बाजार को प्रतिस्पर्धा बाजार भी कहते हैं, जहां बड़ी संख्या में फर्म मौजूद होती हैं।
नई फर्मों को बाजार में प्रवेश नहीं करने दिया जाता –
(अ) पूर्ण प्रतियोगिता में (ब) अल्पाधिकार में
(स) एकाधिकारी प्रतियोगिता में (द) एकाधिकार में
S.S.C. स्नातक स्तरीय परीक्षा, 2006
उत्तर-(द)
एकाधिकार की स्थिति में बाजार में एक ही उत्पादक अथवा फर्म होती है इसलिए उद्योग एवं फर्म पर्यायवाची होते हैं। एकाधिकार की स्थिति वस्तु की पूर्ति पर पूर्ण नियंत्रण करती है तथा अल्पकाल एवं दीर्घकाल दोनों ही स्थिति में नई फर्मों के प्रवेश पर प्रभावी प्रतिबंध लगाए जाते हैं।
किस बाजार स्थिति में फर्मों की अधिक्षमता होती है?
(अ) पूर्ण प्रतिस्पर्धा (ब) एकाधिकारी प्रतिस्पर्धा
(स) द्वि-अधिकार (द) अल्पाधिकार
S.S.C. स्नातक स्तरीय परीक्षा, 2010
उत्तर-(ब)
एकाधिकार एवं एकाधिकारिक प्रतिस्पर्धा बाजार स्थिति में फर्मों में अधिक्षमता (Excess capacity) पायी जाती है। ये फर्मे अपने स्थापित उत्पादन क्षमता का पूर्ण दोहन न करके उससे कम पर उत्पादन करती ही हैं जिससे फर्म में आधिक्य क्षमता रह जाती है ताकि वे उपभोक्ताओं से वस्तु की लागत से अधिक कीमत वसूल सकें।
एकाधिकार शक्ति की मात्रा को मापना होता है, फर्म-
(अ) के सामान्य लाभ के रूप में
(ब) के अधिसामान्य लाभ के रूप में
(स) के सामान्य और अधिसामान्य दोनों लाभों के रूप में
(द) की विक्रय कीमत के रूप में
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा 2010
उत्तर-(ब)
एकाधिकार शक्ति को मापने के संबंध में अर्थशास्त्रियों ने विभिन्न विधियों का प्रतिपादन किया है। वेन द्वारा एकाधिकार शक्ति की माप में, एकाधिकार शक्ति वास्तव में कितनी होगी यह बात असामान्य लाभ (Super Normal Profit =AR-AC) की मात्रा पर निर्भर करेगी।
पूर्ण बाजार स्थिति कब विद्यमान होती है?
(अ) जब फर्म एक-दूसरे से स्वतंत्र न हों।
(ब) जब बड़ी संख्या में क्रेता और विक्रेता हों।
(स) जब बड़ी संख्या में फर्म हों और अल्प संख्या में क्रेता हों।
(द) जब किसी उद्योग में अल्प संख्या में फर्म हों।
S.S.C. स्टेनोग्राफर परीक्षा, 2014
उत्तर-(ब)
उत्पादन सामाजिक दृष्टि से आदर्श स्तर पर होता है-
(अ) एकाधिकारी प्रतियोगिता के अंतर्गत
(ब) एकाधिकार के अंतर्गत
(स) अल्पाधिकारी प्रतियोगिता के अंतर्गत
(द) पूर्ण प्रतियोगिता के अंतर्गत
S.S.C. स्नातक स्तरीय परीक्षा, 2006
उत्तर-(द)
पूर्ण प्रतियोगिता में उत्पादक और उपभोक्ता दोनों ही कीमत लेने वाले (Price Taker) होते है। इस कारण उत्पादक को यह लाभ योग द्वारा निर्धारित कीमत पर उत्पादन की विवशता तथा प्रतियोगिता की उपस्थिति की दक्षता को अधिकतम प्रचालन करेगा तथा मुनाफा कमाने के लिए अपने (Operations) कम लागत पर ही समायोजित करेगा। उपभोक्ता को फायदा यह होता है कि वह उद्योग द्वारा निर्धारित कीमत पर क्रय की विवशता के कारण उत्पाद को दक्षतापूर्ण में उपयोग/उपभोग करेगा। ऐसी स्थिति में अनुचित लाभ के अवसर समाप्त हो जाएंगे जिससे ओवर सप्लाई या शाॅर्टेज की संभावना नहीं रह जायेगी अतः स्पष्ट है कि उत्पादन सामाजिक दृष्टि से आदर्श होगा।
पूर्ण प्रतिस्पर्धा बाजार के अंतर्गत फर्मे होती हैं प्राय:
(अ) कीमत बनाने वाली (ब) कीमत देने वाली
(स) कीमत लेने वाली (द) कीमत नियत करने वाली
S.S.C.F.C.I. परीक्षा, 2012
उत्तर-(स)
पूर्ण प्रतिस्पर्धा बाजार के अंतर्गत फर्मे प्रायः कीमत लेने वाली होती है।
विभिन्न बाजार संरचनाएं और फर्मों की स्थिति
पूर्ण प्रतियोगिता कीमत लेने वाली P = MC बाजार में
प्रवेश उपलब्ध
एकाधिकारी कीमत बनाने वाली P > MC बाजार में
प्रतियोगिता प्रवेश उपलब्ध
अल्पाधिकार कीमत बनाने वाली P > MC अवरोध
एकाधिकार कीमत बनाने वाली P>MC अनुपलब्ध
नोट -जहां P = Price , MC = Marginal Cost
पूर्ण स्पर्धा में कीमत-ग्रहीता कौन होता है?
(अ) खरीददार (ब) उद्योग
(स) सरकार (द) फर्म
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2012
उत्तर-(द)
पूर्ण स्पर्धा (Perfect Competition) में कीमत ग्रहीता फर्म होती है।