WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

पठार किसे कहते हैं उदाहरण देकर समझाइए , पठार की परिभाषा क्या है plateaus in hindi definition

what is plateaus in hindi definition meaning example पठार किसे कहते हैं उदाहरण देकर समझाइए , पठार की परिभाषा क्या है ?

पठार (Plateaus)
ऽ पठार द्वितीय श्रेणी का उच्चावच है। यह भूपटल के एक तिहाई भाग पर विस्तृत है। सागरतल से कम से कम 300 मीटर ऊपर उठी हुई उच्च भूमि जिसका शिखर सपाट व चपटा होता है, पठार कहलाता है। पठार के किनारे वाले ढाल खड़े होते हैं।
ऽ पर्वतों के समान पठार भी नए या पुराने हो सकते हैं। भारत का दक्कन का पठार सबसे पुराने पठारों में से एक है। पूर्वी अफ्रीकी पठार (केन्या, तंजानिया व यूगांडा) और ऑस्ट्रेलिया का पश्चिमी पठार अन्य उदाहरण हैं।
ऽ तिब्बत विश्व का सबसे ऊंचा पठार है जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई 4000-6000 मीटर है।
ऽ पठार काफी उपयोगी हैं क्योंकि ये खनिजों के भंडार हैं। यही कारण है कि विश्व में खनन के अधिकांश क्षेत्र पठारी क्षेत्र में स्थित हैं। अफ्रीकी पठार सोने और हीरे की खान के लिए प्रसिद्ध हैं। भारत में लोहा, कोयला और मैंगनीज के विशाल भंडार छोटानागपुर पठार में पाए जाते हैं।

स्थलाकृति विकास
पृथ्वी की सतह अत्यंत ही विषम है और इन विषमताओं का निर्माण भी अलग-अलग प्रक्रियाओं द्वारा हुआ है। पृथ्वी की सतह पर पाई जाने वाली इन्हीं विषमताओं को स्थलाकृति कहते हैं। इन्हें निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
1. प्रथम श्रेणी: महाद्वीप और महासागरीय बेसीन
2. द्वितीयक श्रेणी: पर्वत, पठार, मैदान आदि
3. तृतीय श्रेणी: झील, नदी, घाटी, गार्ज, जल प्रपात, मौरेन, बालुकास्तूप।
महाद्वीप एवं महासागर
पृथ्वी पर सात महाद्वीप और चार प्रमुख महासागर हैं।
महाद्वीप
पृथ्वी की सतह पर स्थित विशाल भू-भाग को महाद्वीप कहते हैं । पृथ्वी के अधिकांश शुष्क क्षेत्र महाद्वीपों पर पाए जाते हैं। पृथ्वी पर कुल सात महाद्वीप हैं जो क्षेत्रफल के घटते क्रम में निम्न हैं:
1. एशिया 2. अफ्रीका 3. उत्तरी अमेरिका
4. दक्षिणी अमेरिका 5. अन्टार्कटिका 6. यूरोप
7. ऑस्ट्रेलिया
महासागर
पृथ्वी की सतह पर पाये जाने वाले विशाल जलीय भूभाग को महासागर कहा जाता है। सभी जलीय भाग आपस में जुड़े हुए हैं तथापि इन्हे पांच मुख्य भागों में विभाजित किया गया है जो आकार के घटते क्रम में निम्न हैः
1. प्रशान्त महासागर 3. अटलांटिक महासागर
2. हिन्द महासागर 4. आर्कटिक महासागर
पर्वत (Mountains)
पर्वत द्वितीय क्रम का उच्चावच कहलाता है। यह पृथ्वी की सतह का ऐसा ऊंचा उठा भाग होता है जिसकी ढाल तीव्र व शिखर क्षेत्र संर्कीण होता है ये सामान्यतः 600 मी से अधिक ऊंचे उठे क्षेत्र होते हैं कुछ पहाड़ 8000 मीटर से भी ऊंचे होते हैं। कुछ पर्वतों में स्थाई रूप से जमी हुई बर्फ की नदी होती है जिसे ग्लैसियर (Glacier) कहते हैं। कुछ पर्वत ऐसे हैं जो दृश्य नहीं है क्योंकि वे समुद्र के भीतर हैं।
ऽ पर्वतों का अध्ययन ओरोलॉजी (Orology) कहलाता है।
पर्वतों के प्रकार
1. वलित पर्वत: जब संपीडन बल के द्वारा चट्टानों में वलन का निर्माण होता है तो उसे वलित पर्वत कहते हैं। विश्व में वलित पर्वतों का सर्वाधिक विस्तार पाया जाता है। हिमालय, आल्पस, रॉकी, एंडीज, यूराल आदि वलित पर्वत के उदाहरण हैं।
नोट: भारत की अरावली श्रृंखला विश्व के सबसे प्राचीन वलित पर्वतों में से एक है।
2. ब्लॉक पर्वत: इस पर्वत का निर्माण तनावमूलक बल द्वारा होता है। तनावमूलक बल के द्वारा भूपटल का कुछ भाग ऊपर उठ जाता है एवं कुछ भाग नीचे धस जाता है। ऊपर उठे भाग को ब्लॉक पर्वत और बीच में धंसे भाग को रिफ्ट घाटी कहते हैं। वॉसजेस (फ्रांस), ब्लैक फॉरेस्ट (जर्मनी), सियरा नेवादा, साल्ट रेंज आदि इसके उदाहरण हैं।
3. ज्वालामुखी पर्वत: इन्हें संग्रहीत पर्वत (Mountain of accumulation) भी कहा जाता है। इनका निर्माण ज्वालामुखी उद्गार के परिणामस्वरूप निःसृत पदार्थों के जमाव से हुआ है। जैसे-माउंट किलिमंजारों (अफ्रीका), फ्यूजीयामा (जापान) आदि ।
4. अवशिष्ट पर्वत: इनका निर्माण प्रांरभिक पर्वतों (वलित, ब्लॉक या ज्वालामुखी) के अपरदन एवं घर्षण से होता है। अरावली पर्वत अवशिष्ट पर्वत का उदाहरण है। इसके अलावा नीलगिरि, पार्श्वनाथ, गिरनार, राजमहल, सिएरा (स्पेन) और कॉस्कील (न्यूयार्क) इसके उदाहरण हैं।
विश्व की प्रमुख पर्वत श्रृंखलाएं
श्रृंखला स्थान
एंडीज दक्षिण अमेरिका
हिमालय-काराकोरम-हिंदुकुश दक्षिण मध्य एशिया
रॉकी उत्तरी अमेरिका
ग्रेट डिवाइडिंग रेंज पूर्वी ऑस्ट्रेलिया
पश्चिमी घाट पश्चिमी भारत
कॉकेशस यूरोप, एशिया
अलास्का अमेरिका
आल्पस यूरोप
अपेनाईन यूरोप
उराल एशिया

विश्व के प्रमुख रेगिस्तान
रेगिस्तान क्षेत्रफल (किमी2) विस्तार क्षेत्र
1. सहारा 84,00,000 अल्जीरिया, चाड, लीबिया, माली, मारितानिया, नाइजर, सूडान, ट्यूनीशिया, मिस्र और मोरक्को
2. ऑस्ट्रेलियन 15,50,000 ग्रेट सैन्ड्री, ग्रेट विक्टोरिया, सिम्पसन, गिब्सन तथा स्टुअर्ट रेगिस्तानी क्षेत्र
3. अरेबियन 13,00,000 सऊदी अरब, यमन, सीरिया, एवं नाफुद क्षेत्र
4. गोबी 10,40,000 मंगोलिया और चीन
5. कालाहारी 5,20,000 बोत्सवाना (मध्य अफ्रीका)
6. टाकला माकन 3,20,000 सीक्यांग (चीन)
7. सोनोरन 3,10,000 एरीजोना एवं कैलिफोर्निया (अमेरिका तथा मैक्सिको)
8. नामिब 3,10,000 दक्षिणी अफ्रीका (नामीबिया)
9. कराकुम 2,70,000 तुर्कमेनिस्तान
10. थार 2,60,000 उत्तरी-पश्चिमी भारत और पाकिस्तान
11. सोमाली 2,60,000 सोमालिया (अफ्रीका)
12. अटाकामा 1,80,000 उत्तरी चिली (दक्षिणी अमेरिका)
13. काजिलकुम 1,80,000 उज्बेकिस्तान, कजाखिस्तान
14. दस्ते-ए-लुट 52,000 पूर्वी ईरान
15. मोजाब 35,000 दक्षिणी कैलिफोर्निया (संयुक्त राज्य अमेरिका)
16. सेचूरा 26,0000 उत्तरी-पश्चिमी पेरू (दक्षिणी अमेरिका)

नोट: काराकुम और काजिलकुम दोनों के सम्मिलित रूप को तुर्किस्तान मरुस्थल के नाम से भी जाना जाता है।

द्वीप (Islands)
द्वीप स्थलखंड का ऐसा भाग है जो जलीय भागों द्वारा चारों तरफ से घिरा रहता है। उत्पत्ति के आधार पर द्वीपों को पांच भागों में बांटा जा सकता हैः

विवर्तनिक द्वीप (Tectonic Island) ऐसे द्वीपों का निर्माण भूगर्भिक क्रियाओं के द्वारा भूमि के निम्मजन, उत्थान, भ्रंश घाटियों के निर्माण होने अथवा महाद्वीपीय भूभागों के अलग हो जाने से होता है। अटलांटिक एवं प्रशान्त महासागर में इस प्रक्रिया से अधिक द्वीपों का निर्माण हुआ है।

निक्षेपजनित द्वीप (Depositional Island)
विभिन्न कारकों (जैसे-नदियां, ग्लेसियर, महासागरीय धाराएं) के द्वारा अवसादों के जमाव से इन द्वीपों का निर्माण होता है।

अपरदनात्मक द्वीप (Erosional Island)
जब मुलायम चट्टानों का अपरदन हो जाता है तथा कठोर चट्टानें यथावत् रह जाती हैं तो इसके चारों ओर जल जमाव से द्वीप का निर्माण होता है, जिसे अपरदनात्मक द्वीप कहते हैं। ग्रीनलैंड द्वीप का निर्माण हिमानी अपरदन से हुआ है।

ज्वालामुखी द्वीप (Volcanic Islands) जब लावा का जमाव समुद्री सतह से बाहर हो जाता है तो इससे द्वीप का निर्माण होता है। हवाई द्वीप, अल्यूशियन द्वीप, आदि इसके उदाहरण हैं।

प्रवाल द्वीप (Coral Islands) प्रवाल कीटों के अस्थि-पंजरों से निर्मित द्वीप प्रवाल द्वीप कहलाता है। लक्षद्वीप, मालदीप, बरमूडा, आदि इसके उदाहरण है।
विश्व के सबसे बड़े द्वीप

द्वीप स्थान क्षेत्र (वर्ग किमी)
ग्रीनलैंड आर्कटिक महासागर 21,75,000
न्यू गुआना महासागर पश्चिमी प्रशांत 789,900
बोर्निआ हिन्द महासागर (हिन्द महासागर में सबसे बड़ा) (751,000)
मेडागास्कर हिन्द महासागर (587,041)
बैफिन द्वीप, कनाडा आर्कटिक महासागर (5,07,451)
सुमात्रा, इंडोनेशिया हिन्द महासागर (4,22,200)
होंशु, जापान उत्तरी प्रशांत (2,30,092)
ग्रेट ब्रिटेन उत्तरी अटलांटिक (2,29,849)
विक्टोरिया द्वीप, कनाडा आर्कटिक महासागर (2,17,290)
इलेसमेयर द्वीप, कनाडा आर्कटिक महासागर (1,96,236)

जलसंधियां (Straits)
जलसंधि दो अलग-अलग जलीय भागों को जोड़ती है एवं दो स्थलखंडों को अलग करती है। इसका अपना अलग व्यापारिक एवं सामरिक महत्त्व है।

विश्व की प्रमुख जलसंधियां
जलसंधि जोड़ती है स्थिति
मलक्का जलसंधि अंडमान सागर एवं दक्षिण चीनसागर इंडोनशिया-मलेशिया
पाक जलसंधि पाक खाड़ी एवं बंगाल की खाड़ी भारत-श्रीलंका
सुंडा जलसंधि जावा सागर एवं हिंद महासागर इंडोनेशिया
यूकाटन जलसंधि मैक्सिको की खाड़ी एवं कैरीबियन सागर मैक्सिको-क्यूबा
मेसिना जलसंधि भूमध्यसागर इटली-सिसली
ओरटो जलसंधि एड्रियाटिक सागर एवं आयोनियन सागर इटली अलबानिया
बाब-एल-मंडेब जलसंधि लाल सागर-अदन की खाड़ी यमन जिबूती
कुक-जलसंधि दक्षिण प्रशांत महासागर न्यूजीलैंड
मोजाम्बिक चैनल हिन्द महासागर मोजाम्बिक मालागासी
नार्थचैनल आयरिश सागर एवं अटलांटिक महासागर आयरलैंड-इंग्लैंड
टॉरेस जलसंधि अराफुरा सागर एवं पपुआ की खाड़ी पपुआ न्यूगिनी-आस्ट्रेलिया
बास जलसंधि टस्मान सागर एवं दक्षिण सागर ऑस्ट्रेलिया
बेरिंग जलसंधि बेरिंग सागर एवं चुकची सागर अलास्का-रूस
बोनी-फैसियो भूमध्य सागर कोर्सिका-सार्जीनिया
बास्पोरस जलसंधि काला सागर एव मरमरा सागर तुर्की
डर्डेनलेत्र जलसंधि मरमरा सागर एवं एजियन सागर तुर्की
डेविस जलसंधि बैफिनखाड़ी एवं अटलांटिक महासागर ग्रीनलैंड-कनाडा
डेनमार्क जलसंधि उत्तर अटलांटिक एवं आर्कटिक महासागर ग्रीनलैंड-आइसलैंड
डोबर जलसंधि इंग्लिश चैनल एवं उत्तरी सागर इंग्लैंड-फ्रांस
फ्लोरिडा जलसंधि मैक्सिको की खाड़ी एवं अटलांटिक महासागर सं रा अमेरिका-क्यूबा
हॉरमुज जलसंधि फारस की खाड़ी एवं ओमान की खाड़ी ओमान-ईरान
हडसन जलसंधि हडसन की खाड़ी एवं अटलांटिक महासागर कनाडा
जिब्राल्टर जलसंधि भूमध्य सागर एवं अटलांटिक महासागर स्पेन मोरक्को
मैगेलन जलसंधि प्रशांत एवं दक्षिण अटलांटिक महासागर चिली
मकास्सार जलसंधि जावा सागर एवं सेलीबीनसागर इंडोनेशिया
सुंगारू जलसंधि जापान सागर एवं प्रशांत महासागर जापान
तातार जलसंधि जापान सागर एवं ओखोटस्क सागर रूस
फोवेकस जलसंधि दक्षिणी प्रशांत महासागर न्यूजीलैंड
फार्मोसा जलसंधि द. चीन सागर-पू. चीन सागर चीन-ताइवान

झील (Lakes)
ऽ वह जलीय भाग जो पृथ्वी की सतह पर गर्त में संचित है तथा चारों तरफ से स्थलखंड से आवृत है, झील कहलाता है।
ऽ विवर्तनिक झीलें: टिटिकाका झील, कैस्पियन सागर
ऽ रिफ्ट घाटी झीलें: टंगानका, मलावी, रूडोल्फ, एडवर्ड, अल्बर्ट, मृत सागर।
ऽ ज्वालामुखी क्रिया से संबद्ध झीलें (क्रेटर झील, कॉल्डेरा झील):
ओरेगन झील, टोबा झील ।
ऽ नदी द्वारा निक्षेपण से निर्मित झील: गोखूर झील
ऽ समुद्री निक्षेप से निर्मित झील: लैगून, डेल्टा ।
ऽ कार्ट झील: युगोस्लावियाकी स्कुटारी झील
ऽ सर्क या टार्न झील: लाल टार्न झील (यूके)
ऽ केटल झील: ओक्रने (स्कॉटलैंड)

विश्व की महत्त्वपूर्ण झीलें
नाम देश
कैस्पियन सागर कजाकिस्तान, रूस, तुर्कमेनिस्तान
सुपीरियर अमेरिका-कनाडा
विक्टोरिया यूगांडा-केन्या-तंजानिया
अराल सागर कजाखिस्तान-अजरबैजान
हुरोन अमेरिका-कनाडा
मिशिगन अमेरिका
तनगायिका बुरूंडी-तंजानिया-जांबिया-जायरे
बैकल रूस
ग्रेट बीयर कनाडा
न्यासा तंजानिया-मोजांबिक-मलावी
ग्रेट स्लेव कनाडा
एरी अमेरिका-कनाडा
विन्निपेग कनाडा
ओंटारियो अमेरिका-कनाडा

विशेष अर्थों में सबसे बड़ी झीलें
(अं) ताजे पानी की सबसे बड़ी झील (पानी की मात्रा) बैकाल (साइबेरिया)
(ब) ताजे पानी की सबसे बड़ी झील सुपीरियर
(स) सर्वाधिक ऊंची नौगम्य झील टिटिकाका (बोलीविया)
(द) सबसे गहरी झील बैकाल (साइबेरिया)
(इ) सर्वाधिक खारे पानी की झील डॉन जुआन
(फ) सबसे नीची झील (समुद्र तल से 2500 फीट नीचे) मृतसागर
(ज) मेटेओरिक क्रेटर झील लोनार (महाराष्ट्र, भारत में)