रक्त दाब किसे कहते हैं ? बीपी की परिभाषा क्या है रक्तचाप के बारे में जानकारी blood pressure in hindi

blood pressure in hindi रक्त दाब किसे कहते हैं ? बीपी की परिभाषा क्या है रक्तचाप के बारे में जानकारी ?

रक्त दाब (B.P.) : रक्त द्वारा रक्त वाहिनियों की दीवारों पर लगाया गया दाब रक्त दाब कहलाता है | परिसंचरण तंत्र में रक्त का दबाव निम्नलिखित पर निर्भर करता है –

  • ह्रदय और रक्त वाहिनियों के संकुचन और शिथिलन के कारण परिसंचरण स्थान में परिवर्तन |
  • रक्त वाहिनियों से निकलने और प्रवेश करने वाले रक्त की मात्रा |
  • कुल रक्त आयतन |
  • रक्त की श्यानता |
  • रक्त वाहिनियों का लचीलापन |

सिस्टोलिक दबाव (S.P.) : सिस्टोलिक अवस्था के दौरान रक्त का दाब | यह अधिकतम होता है और यह धमनियों में रक्त की गति के लिए जिम्मेदार होता है | डायस्टोलिक दबाव (D.P.)डायस्टोलिक अवस्था के दौरान रक्त का दाब है जबकि रक्त ह्रदय में आता है | सामान्य सिस्टोलिक दाब = 120 mm Hg

सामान्य डायस्टोलिक दाब = 80 mm Hg

B.P. 120/80 द्वारा प्रदर्शित किया जाता है | उच्च रक्त दाब में सिस्टोलिक दाब 150 mm Hg से उच्च और डायस्टोलिक दाब 100 Hg mm से उच्च होता है | निम्न रक्त दाब में सिस्टोलिक दाब 100 mm Hg से निम्न और डायस्टोलिक 50 Hg mm से कम होता है | उच्च BB 220/120 से मस्तिष्क की रक्त वाहिनियाँ फट सकती हैं |

उच्च B.P. सामान्यता वृद्धावस्था में धमनियों की कठोरता , मोटापा , शारीरिक और मानसिक तनाव , धूम्रपान आदि से सम्बन्धित है |

रक्त दाब Sphygmomanometer द्वारा ज्ञात किया जाता है |

Mean arterial pressure : यह सम्पूर्ण ह्रदय स्पंदन के दौरान औसत धमनी दाब है जो कि दैहिक धमनियों द्वारा रक्त प्रवाह की औसत दर द्वारा ज्ञात किया जाता है | रक्त कम समय के लिए सिस्टोलिक अवस्था में और लम्बे समय के लिए डायस्टोलिक अवस्था में बचा रहता है | इसलिए मीन दाब (mean pressure)डायस्टोलिक दाब के समीप होता है | यह महाधमनियों में 100mm Hg छोटी धमनियों के जंक्शन पर 85 mm Hg और arteries और केशिकाओं के जंक्शन पर 30 mm Hg केशिकाओं के venous end पर 10 mm Hg और दायें आलिन्द में venae cavaeकी ओपनिंग के समीप 10 mm Hg होता है |

स्पन्दक दाब (pulse pressure) – सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दाब के मध्य का अंतर स्पन्दक दाब कहलाता है |

स्पन्दक दाब = सिस्टोलिक दाब – डायस्टोलिक दाब = 120 – 80 = 40 mm Hg

रक्त परिसंचरण के प्रकार :

तीन प्रकार का संचरण पाया जाता है –

  • फुफ्फुसीय परिसंचरण : pulmonary circulation
  • दैहिक परिसंचरण : systemic circulation
  • पोर्टल परिसंचरण : portal circulation

Main arteries and veins w.r.t. organ

Supplying artery organ Collecting vein
Carotid à Head à Jugular vein
Subclavianà Arms à Subclavian vein
Intercostal artery à Intercostal muscles à Intercostal vein
Phrenic artery à Diapharagmà Phrenic vein
Hepatic artery à Liver à Hepatic vein
Gastric à Stomach à Superior mesenteric
Splenic à Spleen à Splenic vein
Superior mesenteric artery à Small intestine à Superior mesenteric
Interior mesenteric artery à Colon à Inferior mesenteric vein
Renal artery à Kidney à Renal vein
Gonadial artery à Gonads à Gonadial vein
Ext. lilac artery à Legs à Ext. lilac veins
Int. llaic arteryà

(Hypogastric)

Urinary bladder à Int. lilac vein

 

निवाहिका तंत्र :

यकृत निवाहिका तंत्र –posterior mesenteric , anterior mesenteric , duodenal and lienogastricजुड़कर यकृत निवाहिका शिरा बनाते हैं | यह रक्त को यकृत में डालती है | यह रक्त हिपैटिक शिरा द्वारा संग्रहित किया जाता है और post caval में डाला जाता है जो ह्रदय में चला जाता है |

मछलियों , एम्फिबियन्स में वृक्क निवाहिका तंत्र भी पाया जाता है जो कि रेप्टाइल्स और पक्षियों में हासित होता है और स्तनधारियों में अनुपस्थित होता है |

दो कोरोनरी धमनियां दाई , दाई आरोही महाधमनी (ascending aorta)में शाखित होती हैं | बायीं कोरोनरी धमनी बाएँ निलय के नीचे से गुजरती है और अग्र अंत: निलयी और circumflex branches में विभाजित होती है | यह अग्र निलयी खाँच में स्थित होती है और दोनों निलयों की दीवार को और अन्त:निलय पट को शुद्ध रूधिर की आपूर्ति करती है | circumflex branch कोरोनरी पट में स्थित होती है और बाएँ आलिन्द और बाएँ निलयी की दीवार को ऑक्सीजनित रूधिर वितरित करती है |

दायीं कोरोनरी धमनी दायें आलिन्द को छोटी शाखाओं की आपूर्ति करती है | यह दायें आलिन्द के आगे नियमित होती है और पश्च अन्त:निलयी और मार्जिनल शाखाओं में विभाजित होती है | पश्च अंत: निलयी शाखा पश्च अन्त:निलयी खाँच को अनुसरित करती है और दोनों निलयों की दीवारों को और अन्तरनिलयी पट को ऑक्सीजनित रक्त की आपूर्ति करती है | कोरोनरी खाँच में मार्जिनल शाखा दायें निलय की मायोकार्डियम को ऑक्सीजनित रक्त की आपूर्ति करती है |

शरीर के अधिकांश भाग एक से अधिक धमनियों से शाखाएँ प्राप्त करता है जहाँ दो अथवा अधिक धमनी समान भाग को सप्लाई करती हैं | ये सामान्यतया जुड़ी होती हैं | यह जुड़ाव anastomoses कहलाता है | यह रक्त को एक निश्चित अंग अथवा ऊत्तक तक पहुंचाने के लिए एकांतर पथ प्रदान करता है | मायोकार्डियम बहुत से एनास्टोमोसस युक्त होता है | एक आदमी में यदि ह्रदय पेशियाँ सामान्य आपूर्ति से 10 – 15% कम रक्त प्राप्त करे तो भी जीवित रहस सकती है लेकिन इस व्यक्ति में क्रिया क्षमता बहुत कम होती है |