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सतत आवेश वितरण , continuous charge distribution in hindi रेखीय , पृष्ठ , आयतन आवेश वितरण

रेखीय , पृष्ठ , आयतन आवेश वितरण (continuous charge distribution in hindi) सतत आवेश वितरण : जब एक बहुत बड़ी संख्या में आवेश परस्पर एक दूसरे के निकट उपस्थित होते है तो इन आवेशों को संतत रूप से वितरित माना जाता है।

मान लीजिये एक छड़ पर 1 नैनो कूलाम आवेश उपस्थित है इसका तात्पर्य यह है की उस छड़ पर1010बिन्दु आवेश उपस्थित है यदि किसी बिंदु पर इस छड़ के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करनी पड़े तो कूलॉम के अध्यारोपण सिद्धान्त से यदि प्रत्येक आवेश के कारण उस बिन्दु पर वैधुत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात की जावे तथा फिर सभी आवेशों के कारण प्राप्त विधुत क्षेत्रों का सदिश योग किया जाए तो यह प्रक्रिया बहुत ही जटिल हो जाती है।
इस प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए हम आवेश की सतत मानते है तथा आवेश घनत्व की अवधारणा उपयोग करते हुए कलन विधि द्वारा उस बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करते है जो की बहुत आसान है।
मान लीजिये किसी वस्तु पर q आवेश उपस्थित है तो इसे हम बहुत सारे सूक्ष्म आवेशों dq में बाँट लेते है।
यदि यह आवेश एक विमा में विचरित करता है तो इसे रेखीय आवेश वितरण (लम्बाई के अनुदिश) , अगर आवेश दो विमाओ में विचरित करता है तो इसे पृष्ठ आवेश वितरण (क्षेत्रफल के अनुदिश) तथा यदि आवेश तीन विमाओं में विचरित करता है तो इसे आयतन वितरण (आयतन के अनुदिश) कहते है।
इन्हे संक्षिप्त में निम्न प्रकार समझाया जा सकता है।
(1) रेखीय आवेश वितरण (linear charge distribution) :
जब आवेश लम्बाई के अनुदिश या एक रेखा के रूप में वितरित होता है , यह रेखा बहुत पतली मानी जाती है तथा पूरा आवेश इस पतली तार की सतह (परिधि) पर वितरित माना जाता है।
आवेश के इस प्रकार के वितरण को रेखीय आवेश वितरण कहा जाता है।
माना dq रेखीय घनत्व का आवेश रेखीय रूप में वितरित है यहाँ dq (आवेश अल्पांश ) की लम्बाई को यदि dx मानी जाए तो इसेλसे व्यक्त करते है।
रेखीय आवेश वितरण की परिभाषा
λ= dq /dx
कुल आवेश dq =λ.dx
= रेखीय आवेश वितरण x लम्बाई
मात्रक = कुलाम /m
(2) पृष्ठ आवेश वितरण (surface charge distribution) :
जब आवेश दो विमाओं में वितरित रहता है या क्षेत्रफल के अनुदिश आवेश के वितरण को पृष्ठ आवेश वितरण कहते है।
माना किसी किसी शीट पर आवेश वितरित है जिसकी मोटाई अत्यंत अल्प हो अर्थात आवेश केवल दो विमाओं में हो , यदि इस पर आवेश वितरित होगा तो यह इसी लम्बाई व चौड़ाई के अनुदिश वितरित होगा अतः यह द्विविमी वितरण या पृष्ठ आवेश वितरण को क्षेत्रफल आवेश वितरण कहते है।
इसेσसे व्यक्त करते है।
माना dq पृष्ठीय आवेश घनत्व क्षेत्रफल dA के अनुदिश वितरित है तो
आवेश वितरण की परिभाषा से
σ= dq /dA
कुल आवेश dq =σ. dA
मात्रक =C/m2
(3) आयतन आवेश वितरण (volume charge distribution)
जब आवेश तीनों विमाओ में विलगित है अर्थात लम्बाई , चौड़ाई तथा ऊंचाई वाली वस्तुओ पर , यदि आवेश वितरित है तो इस प्रकार के वितरण को आयतन कहते है।
इसेρसे व्यक्त करते है इसका मात्रकC/m3होता है।
माना dq आवेश आयतन अल्पांश dV में वितरित है तो आयतन आवेश वितरण की परिभाषा से
ρ = dq /dV
अल्पांश पर कुल आवेश dq =ρ.dV
सतत आवेश का वितरण : आवेश का अविरत एक विमीय , द्वि विमीय तथा त्रि विमीय हो सकता है। एक विमीय वितरण को आवेश का रेखीय वितरण (लीनियर चार्ज डिस्ट्रीब्यूशन ) , द्वि-विमीय वितरण को आवेश का पृष्ठीय वितरण (सरफेस चार्ज डिस्ट्रीब्यूशन ) और त्रि-विमीय वितरण को आवेश का आयनिक वितरण (वॉल्यूम चार्ज डिस्ट्रीब्यूशन) कहते है। निरंतर प्रभारी वितरण |