WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

डीएनए फिंगर प्रिंटिंग किसे कहते हैं | डीएनए फिंगर प्रिंटिंग क्या है समझाइए की विधि what is the process of fingerprint in hindi

what is the process of fingerprint in hindi डीएनए फिंगर प्रिंटिंग किसे कहते हैं | डीएनए फिंगर प्रिंटिंग क्या है समझाइए की विधि ?

डीएनए फिंगर प्रिटिंग (DNA Finger Printing)
प्रत्येक व्यक्ति के डीएनए में पुनरावृत्ति क्षारक क्रम एक विशिष्ट प्रकार का उपस्थित होता है जो उस व्यक्ति विशेष की खास पहचान का होता है इन्हें टेन्डम रिपीट (Tandem repeats) भी कहते हैं।
प्रत्येक जीव में इनका पैर्टन, लम्बाईं तथा पुरावृत्ति नम्बर विशिष्ट होते हैं।
उदाहरण ड्रोसोफिला।
ड्रोसोफिला में डीएनए के निम्न सरल अनुक्रम पाये जाते हैं
ACAACT, ACAACT, ACAACT
यह सरल अनुक्रम सेट डीएनए सेन्ट्रोमीयर अथवा टीलोमीयर स्थलों पर उपस्थित होते हैं।
डीएनए में क्षार युग्म पुनरावर्ती (Base pairs in DNA)
जीव (organism) विशिष्ट (Unique) पुनरावर्ती (Repetitive)
ड्रोसोफिला मेलेनोगेस्टर 13,000 5,600

ड्रोसोफिला, चूहा तथा केकड़ा (mouse and crab) में निम्न लिखित क्षार युग्मों की पुनरावर्ती की मिलियन (repeated base pair sequence) प्रतियाँ पाई जाती हैं-.
क्ेकड़ा (Crab)- 5′- A TATA t~ -3′
3′- TAt~ A TA -51
5′- At~ CCAt~ Cc~ -3′
3′- TAGG TAGG – 5′

ड्रोसोफिला (äosophila)- . 5- A c~ A A c~ t~ -3′
| | | | | |
3′- t~ G t~ t~ G A -5′
चूहा (Mouse)- 5′- G A A A A A t~ G A -3′
| | | | | | | | |
3′- c~ t~ t~ t~ t~ t~ A c~ t~ -5′

एक ही जाति में इनकी एकसमान विशिष्ट स्थिति (remarkable relative uniformity) पायी जाती है परन्तु किसी भी दूसरी जाति से इनमें अनेक विभिन्नतायें मिलती हैं।
डीनएन फिंगर प्रिटिंग का आविष्कार एलेक जैफरीज (Alec Jffereys) ने 1986 में किया । व्यक्ति विशेष के डीएनए फिंगर प्रिटिंग में उसके जीनोम के बहुरूपिता विस्थलों (polymorphic loci) का सम्पूर्ण विवरण होता है।
जैफरीज ने सर्वप्रथम डीनएन प्रोब की श्रृंखला का प्रयोग किया। यह डीएनए के छोटे क्षारक क्रम होते हैं जो इनसे मैच (match) करते हुए क्षारक अनुक्रमों का चयन कर लेते हैं। आविण्क प्रोब के प्रयोग द्वारा विशिष्ट पुनरावृत्ति डीएनए की पहचान कर लेते हैं जो व्यक्ति विशेष की पहचान होती है।
मानव के रक्त में लगभग 99.9 प्रतिशत क्षारक अनुक्रम सभी में समान होते हैं परन्तु मात्र 0.1 प्रतिशत विषमता पायी जाती है जिसे सेटेलाइट डीएनए कहते हैं। डीनएन के फिंगर प्रिटिंग में इसी सेटेलाइट डीनएन की भिन्नता ज्ञात करते हैं। यह सेटेलाइट डीएनए साधारण अनुक्रम वाले छोटे क्षार युग्म (base pairs) होते हैं जिनकी अनेक प्रतिलिपियां (copies) डीएनए में उपस्थित होती हैं अतः इन्हें पुनरावृर्ती (repetitive) डीएनए भी कहा जाता है। यह शेष गुणसूत्रीय डीएनए से सघनता के आधार पर आसानी से सीसियम क्लोराइड ब्ेब्स, सघनता अथवा अल्ट्रासेन्ट्रीफ्यूगेशन (CsCl, density centrifugation) के द्वारा पट्टिका (band) के द्वारा अलग किया जा सकता है। मुख्य डीएनए का उच्च स्थिति (high pek) व सेटेलाइट डीनएन पुनरावर्ती डीएनए की निम्न स्थिति (low peak) प्राप्त होती है ।
फिंगर प्रिटिंग की विधि (Procedure of Finger Printing)
1. सर्वप्रथम जिस व्यक्ति की फिंगर प्रिटिंग करनी है उसके डीएनए को प्राप्त करने के लिए रक्त, वीर्य, ऊतक अथवा मृत
हड्डियों का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए सूक्ष्म मात्रा में डीएनए की आवश्यकता रहती है।
2. प्राप्त डीनएन को रेस्ट्रीक्शन एन्जाइम (restriction eæyme) से उपचारित करते हैं जिससे डीएनए का विलगन हो
सके।
3. तत्पश्चात् जैल इलेक्ट्रोफोरेसिस द्वारा डीएनए के विघटन का आंकलन करते हैं।
4. जैल में डीएनए का विकृतिकरण (denaturation) करने के पश्चात् इसे नाइट्रोसेल्यूलोज फिल्टर पर स्थानान्तरित कर दिया जाता है।
5. फिल्टर पर स्थानान्तरित करने के पश्चात् फिल्टर को 80°C तक गर्म किया जाता है। ऐसा करने से डीएनए फिल्टर पर निश्चलित (immobilçed) हो जाते हैं।
6. फिल्टर को निश्चिलित डीएनए को रेडियोचिन्हित अन्वेशी (radioisotope) से संकण करते हैं।
7. मुक्त अन्वेषी प्रोब में अलग कर लिया जाता है तथा संकरित स्थलों को ऑटोरेडियोग्राफी द्वारा चिन्हित कर लिया जाता है।
8. चिन्हित स्थल बैण्ड के रूप में प्राप्त होते हैं।
9. विभिन्न प्रकार के जो बैण्ड प्राप्त होते हैं इन्हें ही फिंगर प्रिटिंग कहा जता है।
10. प्रत्येक व्यक्ति के यह फिंगर प्रिटिंग के आधार पर उस व्यक्ति की पहचान की जा सकती है। यह प्रयोग एकदम विश्वसनीय है क्योंकि किसी भी व्यक्ति की फिंगर प्रिटिंग दूसरे से मेल नहीं खा सकती हैं।
फिंगर प्रिटिंग के प्रयोग (Applications of Finger Printing)
1. फोरेंसिक औषधि (forensic medicine) में फिंगर प्रिटिंग एक वरदान सिद्ध हुई है।
2. फसलों की किस्मों के पेटेन्ट में काम आती है।
3. फसलों की विभिन्न जातियों की पहचान सुरक्षित रखी जाती है।
4. सूक्ष्मजीवों के विभेदों (strains) की पहचान में भी सहायक सिद्ध हुई है।
5. बिछुड़े बच्चे को मां बाप. से पहचान करवाने में भी फिंगर प्रिटिंग काम में आती है। बच्चे मे दोनों जनको के बैण्ड पाये जा सकते हैं। हैदराबाद में सर्वप्रथम यह कार्य प्रयोगशाला में आरम्भ हुआ।
चित्र 3 रू डीएनए बैण्ड (bands) द्वारा संतान के जनकों का सत्यापन
6. अपराध जगत में अपराधियों की पहचान के लिए फिंगर प्रिटिंग ही एकमात्र तकनीक है जिसका अचूक पहचान करने के
लिए प्रयोग हो रहा है। इसके लिए सेम्पल सम्पूर्ण भारत से अब तक हैदराबाद भेजे जाते रहे हैं। अब यह अन्य शहरों में भी उपलब्ध है।
चित्ररू चित्र प्प् में अपराधी का रक्त सेम्पल मैच कर रहा है जो अपराधी की पहचान दर्शाता है
7. इस फिंगर प्रिटिंग का उपयोग आनुवंशिक सलाह (genetic counselling) में भी हो रहा है।
8. अस्थि मज्जा प्रतिरोपण (bone marrow transplant) में दाता कोशिकाओं की जानकारी इत्यादि . प्राप्त करने के लिए भी फिंगर प्रिटिंग का प्रयोग किया जाता है।
9. मारेजाने अथवा चोरी चले जाने की शिकायत पर पशुओं की पहचान भी फिंगर प्रिटिंग के द्वारा ही की जाती है।
सैटेलाइट डीएनए (Satellite DNA)
पुनरावर्ती अनुक्रम यूकेरियोट का प्रमुख गुण है। इस डीनएन में जीवों के स्तर पर विभिन्नता उत्परिवर्तन (mutation) के फलस्वरूप उत्पन्न होती है । रेडियोलेबल VNTR प्रोब के प्रयोग द्वारा सदर्न ब्लॉट संकरण तकनीक से नॉन कोडिंग जीन में जो परिवर्तन होते हैं वह पीढ़ी दर पीढ़ी में जनक से संतति में अपरिवर्तित गमन करते हैं क्योंकि यह पुनर्योगज (recombination) प्रक्रिया में भाग नहीं लेते। सर्वप्रथम उत्परिवर्तन (mutation) नॉन कोडिंग जीन में ही होते हैं । कोडिंग (coding) जीन में परिवर्तन बाद में परिलक्षित होते हैं। इसी उत्परिवर्तन (mutation) के कारण जो भिन्नता उत्पन्न होती है उसी कारण बहरूपता (polymorphism) प्रकट होती है जो फिंगर प्रिटिंग का प्रमुख आधार है।
यह आनुवंशिक बहुरूपता नॉनकोडिंग सेटेलाइट डीनएन के कारण होती है। इन्हें विभिन्न नम्बर ऑफ टेन्डम रिपीट (V NTR) कहते हैं।
प्रश्न (Questions)
(।) बहुविकल्पी प्रश्न (Multiple Choice Questions)
1. जीन की अनेक प्रजातियां बनना कहलता है
(ं) एम्पलीफिकेशन (इ) ट्रांसक्रिप्शन
(ब) ट्रांसलेशन (क) कोई नहीं
Forming many copies of genes is called
;a) Amplificaiton ;b) Transcription
;c) Translation ;d) None
2. पी.सी.आर. तकनीक की खोज की थी- ,
(ं) कैरी म्यूलिस (इ) र्मागन
(ब) खुराना (क) उपरोक्त में से कोई नहीं
PCr~ technique was discovered by
;a) Karry Mullis ;b) Morgan
;c) Khurana ;d) None of the above
3. डीनएन ने विकृतिकरण हेतु कितना तापक्रम जरूरी होता है
(ं)50-60°C (इ)70-80°C
(ब)90-98°C (क) 100-110°C
For denaturation of DNA how much temperature is required
;a) 50&60°c~ ;b)70&80°C
;c) 90&98°c~ ;d) 100&110°C
उत्तर (Answers)
1. (ं), 2. (इ) 3. (ब)
(ठ) रिक्त स्थान भरिए (Fill In the Blanks)
1. विकृतिकृत डीनएन ……………… ण्ण्होता है।
Denatured DNA is…………………..
2. सर्वप्रथम उत्परिवर्तन ………………….. ण्ण्जीन में होते हैं।
Initially mutations occur in ………………… ..genes.
3. पी.सी.आर. द्वारा किसी जीव के ………………… ण्ण्की अनेक प्रतियां प्राप्त की जा सकती है।
By use of PCr~ many copies of…………………..can be obtained.
उत्तर (Answers)
1. एकसूत्री (single stranded), 2. नॉन कोडिंग (non coding), 3. जीन (gene)
(ब) सत्यध्असत्य (True or False)
1. पीसीआर द्वारा आनुवंशिक रोगों की पहचान हो सकती है।
Genetic diseases can be recognçed with the help of PCR.
2. मात्रात्मक पीसीआर द्वारा टार्गेट डीनएन की मात्रा ज्ञात की जा सकती है।
With the help of quantitative PCr~ amount of target DNA-can be obtained.
3. पीसीआर तकनीक नॉल व. रस्का ने विकसित की थी।
PCr~ technique was developed by Knoll and Ruska.
उत्तर (Answers)
1. सत्य (True), 2. सत्य (True), 3. असत्य (False)
(क्) अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
1. जीन आवर्धन की परिभाषा दीजिए।
Define gene amplification.
2. पीसीआर तकनीक का एक कार्य लिखिये।
Write one function of PCr~ technique.
3. पीसीआर तकनीक विकृतिकरण चरण में क्या होता है।
What happens in denaturation step of PCr~ technique.
(म्) टिप्पणियां लिखिऐं (Write Short Notes)
1. पीसीआर की आवश्यकतायें।
Requirements of PCR.
2. जीन आवर्धन की प्रक्रिया
Process of gene amplification.
3. डीएनए व फिंगर प्रिटिंग के अनुप्रयोग।
Applicaitons of DNA finger printing.
4. सैटेलाइट डीएनए पर टिप्पणी लिखिये। ..
Write a short note on satellite DNA-
5. फिंगर प्रिटिंग की विधि पर टिप्पणी लिखिये।
Write a short note on process of finger printing- j
6. विभिन्न प्रकार के पीसीआर रूपान्तरण पर टिप्पणी लिखिये।
Write a short note on modification.
(थ्) निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)
1. पॉलीमरेज श्रृंखला अभिक्रिया को विस्तार से समझाइये।
Explain polymerase chain reaction in detail
2. डीएनए फिंगर प्रिटिंग पर लेख लिखिये।
Write an essay on DNA finger printing-