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WPI और CPI में क्या अंतर है ? थोक मूल्य सूचकांक और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में अंतर consumer price index and wholesale price index difference in hindi ?

प्रश्न : WPI और CPI में क्या अंतर है ? थोक मूल्य सूचकांक और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में अंतर बताइए consumer price index and wholesale price index difference in hindi ? WPI and CPI in hindi

उत्तर :

WPI

CPI

1. इसका पूरा नामwholesale price index है जिसे हिंदी में थोक मूल्य सूचकांक है।

इसका पूरा नामconsumer price index है जिसे हिंदी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक कहते है।

2. इस विधि मेंवस्तुओं के मूल्य में आये परिवर्तन या वस्तुओं के मूल्य का मापन वस्तुओं के थोक मूल्य के आधार पर किया जाता है।

इस विधि में वस्तुओं के मूल्य में आये परिवर्तन या वस्तुओं के मूल्य का मापन वस्तुओं के उपभोक्ता मूल्य के आधार पर किया जाता है।

3. यह थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति मापन की विधि है।

यह उपभोक्ता आधारित मुद्रास्फीति मापन की विधि है।

4. यह थोक स्तर या उत्पादक स्तर पर की जाती है।

यह खुदरा स्तर पर या उपभोक्ता स्तर पर की जाती है।

5. यह उपभोक्ता द्वारा सीधे जुडी हुई विधि नहीं है अत: इस विधि के आधार पर यह पता नहीं लगाया जा सकता कि वस्तु का बाजार मूल्य क्या है।

यह प्रत्यक्ष रूप से उपभोक्ता से जुडी होती है अत: मुद्रास्फीति के प्रभाव का आम उपभोक्ता पर प्रभाव को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करती है।

6. इस विधि में सेवाओं के कीमतों में आये परिवर्तन को शामिल नहीं किया जाता है अर्थात सेवा क्षेत्र में मूल्य परिवर्तन को इस विधि द्वारा ज्ञात नहीं किया जा सकता है।

इसमें सेवा क्षेत्र में भी मूल्य परिवर्तन को शामिल किया जाता है। अर्थात इस विधि द्वारा सेवा के क्षेत्र में आये मूल्य परिवर्तन को भी ज्ञात किया जाता है।

7. यह सूचकांक वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार के कार्यालय के द्वारा प्रकाशित की जाती है |

यह सूचकांक मुख्यतः चार प्रकार का होता है जिसमें से तीन सूचकांक श्रम और रोज़गार मंत्रालय में श्रम ब्यूरो के द्वारा संकलित किया जाता है ये तीन सूचकांक औद्योगिक श्रमिकों के लिए , कृषि मजदुर के लिए और ग्रामीण मजदुर के लिए होते है |

इसमें चौथा सूचकांक ग्रामीण/शहरी/संयुक्त CPI होता है जिसे सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा संकलित किया जाता है |

8. WPI का आधार वर्ष 2017 में 2011-12 कर दिया गे है इससे पूर्व आधार वर्ष 2004-05 था जिसे 2017 में अखिल भारतीय WPI के लिये संशोधित कर दिया गया है |उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का आधार वर्ष 2012 है |

भारत में मुद्रास्फीति के मापन: हमारे देश भारत में मुद्रास्फीति के मापन के लिए मूल्य सूचकांक विधि अपनाई जाती है , अर्थात मुद्रास्फीति के मापन के लिए भारत में सूचकांक जारी किया जाता है | इन विधियों में निम्नलिखित चरण शामिल है –

  1. तुलना के लिए मूल्य का चुनाव किया जाता है |
  2. वस्तुओं की बास्केट का निर्धारण किया जाता है , अर्थात वस्तुओं की बास्केट में किन किन वस्तुओं को शामिल किया जायेगा और कुल कितनी वस्तुओं का शामिल किया जायेगा इसका निर्धारण इस चरण में किया जाता है |
  3. विभिन्न वस्तुओं के लिए भार का निर्धारण किया जाता है |

भारत देश में मुद्रास्फीति के मापन के लिए मुख्यत WPI और CPI सूचकांकों का प्रयोग किया जाता है |

WPI (wholesale price index) थोक मूल्य सूचकांक

यह मुद्रास्फीति संकेतक भारत में सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है |

इसे आर्थिक सलाहकार के कार्यालय (Office of Economic Advisor) द्वारा प्रकाश किया जाता है |

इसमें First point of bulk sale के सभी लेन देन शामिल किये जाते है | अर्थात इसमें थोक बिक्री से पहले बिंदु पर होने वाले लेन देनों को शामिल किया जाता है |

इस सूचकांक की अधिक आलोचना इसलिए की जाती है क्योंकि आम व्यक्ति किसी वस्तु को थोक मूल्य पर नहीं खरीदता है और यह विधि या सूचकांक थोक मूल्य पर आधारित होता है |

इसका आधार वर्ष 2011-12 है |

इसमें केवल वस्तुओं को शामिल किया जाता है , इसमें सेवाओं को सम्मिलित नहीं किया जाता है |

CPI (consumer price index) उपभोक्ता मूल्य सूचकांक

इस विधि या सूचकांक द्वारा आम जनता या खुदरा खरीददार की दृष्टि से वस्तुओं के मूल्य में परिवर्तन का पता लगाया जाता है |

यह सूचकांक Central Statistics Office (केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय) द्वारा प्रकाशित किया जाता है |

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का आधार वर्ष 2012 है |

अप्रैल 2014 में, RBI (रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया) ने मुद्रास्फीति के प्रमुख मापक के रूप में CPI (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) को अपनाया था।