दलित किसे कहते हैं | दलित शब्द का अर्थ या मतलब किसे कहा जाता है परिभाषा क्या है dalit meaning in hindi
dalit meaning in hindi दलित किसे कहते हैं | दलित शब्द का अर्थ या मतलब किसे कहा जाता है परिभाषा क्या है ?
दलित कौन है और दलित आंदोलन क्या है?
दलित वे जन-समूह है जिन्होंने अस्पृश्यता समेत सामाजिक भेदभाव को झेला है वै बृहद् रूप से हमारे समाज के आर्थिक रूप से अलाभान्वित समूहों से संबंध रखते हैं। वे हमारे संविधान में अनुसूचित जाति श्रेणियों में रखे जाते हैं । उन्नीसवीं शताब्दी में ‘दलितों की श्रेणी‘ प्रथमतः ज्योतिबा फुले द्वारा प्रयोग किया गया। लोक प्रचलित रूप से इसका प्रयोग सत्तर के दशक में दलित पंथेर द्वारा किया गया। लेकिन यह प्रचलन में अभी हाल ही में आया है – अस्सी के दशकोपरांत ही। दलित अथवा अनसूचित जातियों हेतु प्रयुक्त हरिजनों‘ की श्रेणी का स्थान इसने ले ही लिया है। अस्सी के दशकोपरांत ‘दलित‘ शब्द ही सामान्य व्यवहार में आया गया है। हमारे संविधान में उनके हितों के संरक्षण हेतु विशेष प्रावधान हैं – सार्वजनिक नौकरियों, छात्रवृत्तियों, विधायी निकायों, इत्यादि में आरक्षण । सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार व अन्य संवैधानिक अधिकारों ने उन्हें राजनीतिक गतिविधि गयों में भाग लेने में सक्षम बना दिया है।
दलित आंदोलन जाति-आधारित भेदभाव तथा आर्थिक असमानता के मुद्दों को उठाता है। यह सामाजिक न्याय हेतु एक संघर्ष है। वे मुद्दे जिन पर दलित आंदोलन शुरू किया गया है, हैं: आत्म-सम्मान, महिलाओं का उत्पीड़न, वेतनों का भुगतान, बलात् श्रम अथवा बेगार, भूमि-विवाद, आरक्षण नीति का कार्यान्वयन, नौकरी में पदोन्नति, मतदान करने जैसे लोकतांत्रिक अधिकारों से इंकार, डॉ. भीमराव अम्बेडकर। उनकी प्रतिमा का अनादर, आदि । दलितजन इन मुद्दों पर विरोध-प्रदर्शन व आंदोलन विभिन्न तरीकों से करते हैं, जिनमें शामिल हैं – श्मुख्यतः अनौपचारिक तरीके, व्यक्तिगत, आधार पर, संगठित तरीकों, सत्याग्रह व मुकदमे के माध्यम से, इन्हें या तो संसद में अथवा विधान सभाओं में उठवाकर । दलित आंदोलनध् हलचल को प्रदर्शन, रैलियों, जुलूस जैसे सामूहिक कृत्य के माध्यम सेय हस्ताक्षर अभियान, विरोधस्वरूप मुद्रित-सामग्री, इत्यादि के माध्यम से भी व्यक्त किया जाता है। कभी-कभी उनका आंदोलन दलितों, पुलिस व समाज के उन तत्त्वों के बीच संघर्ष में परिणत होता है जो दलितों के हितों के प्रति विद्वेष रखते हैं।
सारांश
वे सामाजिक समूह जिन्होंने अस्पृश्यता समेत भेदभाव का सामना किया है, दलित कहलाते हैं। गत दो दशकों ने देश के विभिन्न भागों में दलित आंदोलन का उद्गमन देखा है। दलित आंदोलन पर्यावरणविदों, जनजातियों, महिलाओं तथा कृषकों व कामकारों जैसे अन्य सामाजिक समूहों के सामाजिक व राजनीतिक आंदोलनों का एक भाग के रूप में है। देश के विभिन्न भागों में दलितों के बहुसख्य सगठन – सामाजिक, सास्कृतिक व राजनीतिक, उद्गमित हुए हैं। बसपा‘ ऐसे ही संगठना का एक उदाहरण है। ये संगठन स्वायत्तशासी हैं और दलितों के मुद्दों के अनन्य रूप से उठाते हैं। दलित आन्दोलन के उद्भव हेतु कारणों में शामिल हैं – दलितों की एक ऐसी नई पीढ़ी का उदय जो अपने अधिकारों के प्रति अपेक्षाकृत अधिक संगठित और सचेत हैं, जनसंपर्क माध्यमों का विस्फोट और डॉ. भीमराव अम्बेडकर के विचारों व जीवन का प्रभाव । ‘बसपा‘ ही, किसी दलित पार्टी का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उदाहरण है जिसने उत्तर भारत में अपने लिए एक उपयुक्त जगह तराशी है। उत्तर प्रदेश में यह तीन बार राज्य सरकार का नेतृत्व करने में सफल रही है, ‘बसपा‘ की सफलता उसकी चुनावी रणनीति व लामबन्दी के पैटर्न पर आधारित है।
बोध प्रश्न 1
नोट: क) अपने उत्तर के लिए नीचे दिए रिक्त स्थान का प्रयोग करें।
ख) अपने उत्तरों की जाँच इकाई के अन्त में दिए गए आदर्श उत्तरों से करें।
1) ‘दलित‘ शब्द से आप क्या समझते हैं?
2) दलित आंदोलन द्वारा उठाए गए मुख्य मुद्दे क्या हैं?
बोध प्रश्न 1 उत्तर
1) दलित वे समूह हैं जिनसे अस्पृश्यता सहित सामाजिक भेदभाव किया जाता है। वे अधिकांशतः समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े समूहों से संबंधित हैं। वे हमारे संविधान में प्रतिष्ठापित अनुसूचित जातियों से संबंध रखते हैं।
2) ये सामाजिक न्याय से संबंधित हैं, और उनमें से कुछ आते हैं – सभी प्रकार के मतभेद के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन, आत्म-सम्मान के रक्षार्थ संघर्ष, पगारों का भुगतान, बलात् श्रम के विरुद्ध, भूमि-विवाद, आरक्षण नीति का क्रियान्वयन, डॉ. भीमराव अम्बेडकर के प्रति अनादर के विरुद्ध, वोट डालने जैसे लोकतांत्रिक अधिकारों से इंकार, इत्यादि।
दलित
इकाई की रूपरेखा
उद्देश्य
प्रस्तावना
दलित कौन है और दलित आंदोलन क्या है?
भारत में दलित आंदोलन
औपनिवेशिक काल में दलित आंदोलन
औपनिवेशोत्तर काल में दलित आंदोलन
सारांश
शब्दावली
कुछ उपयोगी पुस्तकें व लेख
बोध प्रश्नों के उत्तर
उद्देश्य
इस इकाई को पढ़ने के बाद, आप इस योग्य होंगे कि:
भारत में दलित आंदोलन का अर्थ समझ सकें,
दलित आंदोलन में शामिल मुद्दे/समस्या समझ सकें,
दलित आंदोलन के विभिन्न प्रकार जान सकें,
उन चरणों को जान सकें जिनसे होकर दलित आंदोलन गुजर चुका है, और
चुनावीय राजनीति में दलितों की भूमिका व उनके संगठनों का विश्लेषण कर सकें।
प्रस्तावना
पिछले कुछ दशकों में देश के विभिन्न हिस्सों में दलित आंदोलन की एक बाल-सी देखी गई। यह विभिन्न स्तरों यानी राज्य, स्थानीय व अखिल भारतीय स्तर, पर उनकी सामाजिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक गतिविधियों में प्रतिबिम्बित होती है। एक बड़ी संख्या में दलितों के सामाजिक व सांस्कृतिक संगठन, उनके राजनीतिक दल व नेता देश के विभिन्न भागों में उदमित हुए हैं। हालाँकि देश के अधिकतर भागों में वे स्वयं अपना हक कायम नहीं कर पाए हैं। अब भी उन क्षेत्रों में जहाँ अनुकूल परिस्थितियाँ विद्यमान हैं दलित स्वयं अपना हक कायम कर रहे हैं। वे देश की सामाजिक व राजनीतिक प्रक्रियाओं में एक निर्णायक शक्ति बन चुके हैं। समसामयिक दलित आंदोलन महिलाओं, जनजातियों, पर्यावरणविदों, कर्मियों व कृषकों जैसे अनेक अन्य सामाजिक समूहों के सामाजिक व राजनीतिक आंदोलनों के साथ हो रहा है।
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics