राष्ट्रपति का कार्यकाल कितना होता है | राष्ट्रपति का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है आंसर how much time period of president of india
how much time period of president of india in hindi राष्ट्रपति का कार्यकाल कितना होता है | राष्ट्रपति का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है आंसर ?
राष्ट्रपति का कार्यकाल तथा पदच्युति
भारत के राष्ट्रपति पद का कार्यकाल पाँच वर्ष होता है। उसका कार्यकाल भारत के मुख्य न्यायाधीश के तत्त्वावधान में एक शपथ-ग्रहण के उपरांत उसके पदभार ग्रहण करने की तिथि से आरंभ होता । है। यद्यपि संविधान कुछ नहीं कहता, राष्ट्रपति दूसरा कार्यकाल पाने की चेष्टा भी कर सकता है। उदाहरण के लिए, राजेंद्र प्रसाद, राष्ट्रपति के रूप में दोबारा फिर चुने गए, यद्यपि प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू राजेंद्र प्रसाद के दूसरे कार्यकाल के पक्ष में नहीं थे। परंतु परवर्ती को बड़ी संख्या में काँग्रेसी नेताओं का समर्थन प्राप्त था।
राष्ट्रपति अपने पद पर तब तक रहता है जब तक उसका उत्तराधिकारी पदभार ग्रहण नहीं कर लेता। तथापि, यदि राष्ट्रपति पद छोड़ना चाहता है, वह अपना त्याग-पत्र उपराष्ट्रपति को भेज सकता है। यदि राष्ट्रपति का पद रिक्त हो जाता है, उप-राष्ट्रपति कार्यभार संभालता है। परंतु राष्ट्रपति पद हेतु चुनाव पद रिक्त होने की तिथि के छः माह के भीतर करा लिए जाने चाहिए।
अनुच्छेद 56 व 61 में भारत के राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाने हेतु प्रक्रिया उल्लिखित है। इस संबंध में, संविधान पदच्युति हेतु आधार के रूप में ‘संविधान का उल्लंघन‘ निर्धारित करता है। महाभियोग की प्रक्रिया संसद के किसी भी सदन में आरंभ की जा सकती है और जिस सदन में यह प्रस्तावित है उसकी कुल सदस्य-संख्या के कम-से-कम दो-तिहाई द्वारा पारित होना चाहिए। यदि दूसरा सदन अभियोग की छानबीन करता है और उस सदन का दो-तिहाई बहुमत उसको दोषी पाता है, तब राष्ट्रपति प्रस्ताव पारित होने की तिथि से अपने पद से महाभियोग का सामना करता है। इस प्रकार, राष्ट्रपति को हटाने की प्रक्रिया मुश्किल है और संसद द्वारा इस अधिकार के दुरुपयोग से बचने के लिहाज से ऐसी बनाई गई है। आज तक किसी भी राष्ट्रपति पर महाभियोग नहीं लगाया गया है।
बोध प्रश्न 1
नोट: क) अपने उत्तर के लिए नीचे दिए गए रिक्त स्थान का प्रयोग करें।
ख) अपने उत्तरों की जाँच इकाई के अन्त में दिए गए आदर्श उत्तरों से करें ।
1) भारतीय गणतंत्र का राष्ट्रपति कैसे चुना जाता है, तीन वाक्यों में स्पष्ट कीजिए।
2) भारत के राष्ट्रपति की विधायी शक्तियाँ क्या हैं?
3) राष्ट्रपति की आपात्कालीन शक्तियों के क्या प्रभाव होते हैं?
बोध प्रश्न 1 उत्तर
1) राष्ट्रपति आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर निर्वाचक-मंडल के सदस्यों द्वारा और हस्तांतरणीय वोट के माध्यम से चुना जाता है। निर्वाचक-मंडल में होते हैं – संघीय संसद और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य।
2) संसद की बैठक बुलाना और सत्र का अवसान करना – लोकसभा भंग करना – अध्यादेश जारी करने का अधिकार- संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाना और उसे संबोधित करना – गैर धन-विधेयकों पर प्रतिषेधाधिकार – संसद के लिए सदस्यों को मनोनीत करने के अधिकार, आदि।
3) संसद को राज्य सूची में उल्लिखित समेत सभी विषयों पर कानून बनाने का अधिकार होगा -केन्द्रीय सरकार राज्य सरकार के लिए दिशा-निर्देश जारी कर सकती है – मौलिक अधिकारों से वंचित किया जा सकता है – लोकसभा की सामान्य अवधि एक वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है, आदि।
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