एपेक का पूरा नाम क्या है | एपेक की स्थापना कब हुई थी | अपेक किसे कहते है APEC in Hindi अध्यक्ष
(APEC in Hindi) एपेक का पूरा नाम क्या है | एपेक की स्थापना कब हुई थी | अपेक किसे कहते है अध्यक्ष और मुख्यालय कहाँ स्थित है ?
एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग परिषद (एपेक)
5 नवम्बर 1989 को एपेक की स्थापना हुई। इसकी स्थापना में एशियान के सदस्यों ने हिस्सा लिया था। एपेक में एशियान देशों के अलावा संयुक्त राज्य अमरीका, जापान, कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया शामिल है। 1990 के जुलाई में उद्घाटन बैठक मे अवसर पर यह फैसला लिया गया था कि चीन, ताईवान व हांगकांग की सदस्यता के सवाल को लेकर उनसे फिर बातचीत की जानी चाहिए । यूरोपीय समुदाय व एपेक के संबंधों का सवाल भी 1991 की मीटिंग के बाद से ही एजेंडे पर है। एपेक के गठन पर एशियान के देशों की प्रतिक्रिया अलग-अलग है। अगर सिंगापुर इसके प्रति उत्साहित नजर आ रहा है, तो इंडोनेशिया का कहना है एशियान का अंतक्षेत्रीय आर्थिक सहयोग पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए न कि बाहरी आर्थिक संबंधों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ।
बोध प्रश्न 1
टिप्पणी क) अपने उत्तर के लिए नीचे दिए गए स्थान का प्रयोग कीजिए।
ख) इस इकाई के अंत में दिए गए उत्तरों से अपने उत्तर की तुलना कीजिए।
1) क्षेत्रीय संगठनों के क्या कारण अथवा आधार रहे हैं?
2) मौस्ट्रिस्ट संधि की मुख्य विशेषताओं की परीक्षा कीजिए।
3) एशियान के किन्हीं तीन लक्ष्यों को सूचीबद्ध कीजिए।
क्षेत्रीय संगठन: यूरोपियन समुदाय, एशियन,
एपेक, सार्क दक्षेस, ओ.आई.सी. तथा ओ.ए. यू.
इकाई की रूपरेखा
उद्देश्य
प्रस्तावना
यूरोपियन यूनियन
उद्भव, इतिहास तथा उद्देश्य
संस्थाएँ और अंग
विश्व राजनीति में इसको भूमिका और भविष्य
दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रसंघ (एशियन)
लक्ष्य एवं उद्देश्य
संस्थाएँ या संरचना
अधिकार, कार्य और भूमिका
एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग परिषद (एपेक)
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस)
लक्ष्य और उद्देश्य
संरचना एवं कार्य
उपलब्धियाँ और संभावनाएँ
इस्लामिक सम्मेलन संगठन (ओ आई सी)
लक्ष्य और उद्देश्य
ओ आई सी के अंग (निकाय)
अफ्रीको एकता संगठन (ओ ए यू)
उद्देश्य और सिद्धांत
अंग और संस्थाएँ
भूमिका और कार्य
सारांश
शब्दावली
कुछ उपयोगी पुस्तकें
बोध प्रश्नों के उत्तर
उद्देश्य
इस इकाई में हमने महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठनों की चर्चा की है। संयुक्त राष्ट्र की तरह ये संगठन न केवल क्षेत्रीय स्तर पर, अपितु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी निर्णायक राजनीतिक अथवा आर्थिक भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। जैसे जैसे दुनिया में अंतरनिर्भरता बढ़ रही है, वैसे वैसे राष्ट्रों की सीमाएँ क्षीण होती जा रही है तथा खास क्षेत्र अपने अपने संगठन बना रहे हैं। यह प्रक्रिया आज भी जारी है। इस इकाई को पढ़ने के बाद आपः
ऽ छह क्षेत्रीय संगठनों अथवा समूहों के उद्भव, उद्देश्य अथवा कार्य तथा संरचना को समझ सकेंगे,
ऽ क्षेत्रीय अथवा अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में उनकी भूमिका का सिहांवलोकन कर सकेंगे, और
ऽ उनकी महत्वपूर्ण उपलब्धियों और कमियों को जान सकेंगे।
प्रस्तावना
वैश्विक अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के विपरीत, क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगठनों व संस्थाओं का गठन देशों के किसी खास समूह जो एक दूसरे से भूगोल, संस्कृति अथवा इतिहास से जुड़े होते हैं, के बीच विशिष्ट अथवा सीमत कार्यों के निष्पादन के लिए किया जाता है। आर्थिक और राजनीतिक संबंधों अथवा राजनीतिक विचारधारा और संस्थाओं की एकरूपता की गरज से किसी खास क्षेत्र के राज्य एक दूसरे से समूहों अथवा संगठनों के तौर पर जुड़ते हैं। अंतर्राष्ट्रीय समन्वय और अंतर्राष्ट्रीय संघीय व्यवस्थाओं के लाभों को पहचानने में ऐसे क्षेत्रीय संगठनों का अनुभव सरकार अथवा कौम के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। ऐसा अनुभव उन्हें यह भी बता सकता है कि बड़े और व्यापक पैमाने के कार्यों को पूरा करने के लिए वे किस तरह अपने समन्वयकारी राजनीतिक व्यवहारों और अपनी क्षमताओं का विकास करें।
द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद दुनिया के कई क्षेत्रों में क्षेत्रीय संगठनों की स्थापना हुई है। इस इकाई में कतिपय महत्वपूर्ण संगठनों की चर्चा की गई है।
शब्दावली
क्षेत्रीय एकीकरण ः वह प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत राष्ट्र समूह अथवा दूसरी राजनीतिक इकाइयाँ अपनी राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को दरकिनार बृहत्तर क्षेत्रीय पहचान का निर्माण करते हैं
मुक्त व्यापार क्षेत्र ः ऐसा क्षेत्र जहाँ वस्तुओं व उत्पादों का बिना तटकर व सीमाशुल्क के निर्बाध आवागमन संभव हो पाता है।
साझा बाजार ः एक सीमाई संघ जहाँ श्रम व पूँजी का बेरोकटोक आदान प्रदान किया जा सके। उत्पाद और कारक का एकीकरण निर्धारित क्षेत्र की विशेषता होती है।
नस्लवाद ः श्वेत अल्पसंख्यक प्रशासन के दौरान दक्षिण अफ्रीका में नस्लवादी भेदभाव की अधिकारिक नीति । फिछले 50 सालों से जारी इस शासन व्यवस्था का स्थानापन 1994 के मई महीने में नेल्सन मंडेला की अगआई में स्थापित प्रथम लोकतांत्रिक सरकार द्वारा हुआ।
कुछ उपयोगी पुस्तकें
बेनेट,ए लोरॉय, 1918 इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन्स – प्रिसिपुल्स एण्ड इश्युज,चैथा संस्करण
(डगलवुड्स क्लिफ्स,एन जे पंटिस हॉल इंटरनेशनल)।
बोचार्ट,क्लौस दायतेर, 1995 यूरोपीय एकीकरण – यूरोपीय संघ का उद्भव व विकास।
(लक्जामबर्ग: यूरोपीय समुदाय के अधिकारिक प्रकाशन का कार्यालय) ।
इलाजर, डेनियल जे, (संपादित), 1994 विश्व की संघीय व्यवस्था ए हैंडबुक ऑफ फेडेरल, कान्फेडरेशन एण्ड आटोनॉमी अरेंजमैंट्स,दूसरा संस्करण (लंदन: लॉगमैन)
सारांश
क्षेत्रीय संगठनों की प्रासंगिकता पर चर्चा से इस इकाई की शुरुआत की गयी है । इस इकाई में छह प्रकार के महत्वपूर्णण क्षेत्रीय संगठनों का सर्वेक्षण किया गया और प्रत्येक के निर्माण की अलग कहानी व अलग कारण थे। हमने देखा कि अलग-अलग कारणों अथवा कारकों जैसे पडोसी राज्यों के छोटे समहों के बीच उनके हितों, परंपराओं व मूल्य बोधों की एकरुपता की वजह से ये संगठन अस्तित्व में आये। इसके अलावा यह दर्शाता है कि भौगिलिक क्षेत्र में सीमित कुछेक राज्यों में राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक समन्वयन स्थापित करना जितना आसान है उतना वैश्विक स्तर पर नहीं। साथ ही इस इकाई में हमें महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठनों की उपलब्धियों और उनकी कमियों से वाकिफ होने में भी मदद मिली है।
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