पुस्तकालय शब्द की संधि है – पुस्तकालय में कौनसी संधि है pustakalaya shabd ka sandhi vichchhed in hindi

pustakalaya shabd ka sandhi vichchhed in hindi पुस्तकालय शब्द की संधि है – पुस्तकालय में कौनसी संधि है क्या है ?

विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्न
1. सभी श्रोता यथास्थान बैठे थे। रेखांकित (काला) शब्द व्याकरण की दृष्टि से क्या है?
उत्तराखण्ड टी.ई.टी.
(अ) अव्यय (ब) क्रिया-विशेषण
(स) संज्ञा (द) विशेषण
उत्तर-(अ) अव्यय,
ज्ञान-क्योंकि यह शब्द विकृत नहीं होता। यथा- राम यथास्थान बैठा था । सीता यथास्थान बैठी थी। लड़के यथास्थान बैठे थे।
2. कवि का स्त्रीलिंग शब्द है
उत्तराखण्ड टी.ई.टी.
(अ) कवीषा (ब) कवियत्री
(स) कवियित्री (द) कवयित्री
उत्तर-(द) कवयित्री
ज्ञान-यथा- महादेवी वर्मा हिन्दी की छायावादी कवयित्री हैं।
3. जटिल विशेषण के लिए उपयुक्त विशेष्य क्या है?
(अ) दृष्टि (ब) प्रश्न
(स) समस्या (द) स्थिति
उत्तर-(स) समस्या
ज्ञान-विशेष्य-उस शब्द को कहते हैं जिसकी विशेषता कोई विशेषण बताता है इसलिए विशेष्य – या तो संज्ञा होती है या सर्वनाम जटिल समस्या शब्द में ‘जटिल‘ विशेषण है और ‘समस्या‘ संज्ञा है।
4. मानव से बनी उपयुक्त भाववाचक संज्ञा है-
उत्तराखण्ड टी.ई.टी.
(अ) मनस्वी (ब) मानवता
(द) आदमीयत (स) मनुष्यत्व
उत्तर-(ब) मानवता
ज्ञान-‘ता‘ प्रत्ययान्त शब्द भाववाचक संज्ञा होते हैं। इसलिए मानव संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनेगी – मानवता ।
5. उत्तम पुरुष बहुवचन का सम्बन्ध कारक है-
(अ) तुम्हारा (ब) उसका
(स) मेरा (द) हमारा
उत्तर-(द) हमारा
ज्ञान-उत्तम पुरुष बहुवचन का सम्बन्ध कारक है- ‘हमारा‘ क्योंकि तुम्हारा‘ मध्यम पुरुष एकवचन का सम्बन्ध कारक है, ‘मेरा‘ उत्तम पुरुष एकवाचक और उसका अन्य पुरुष एकवचन का कारक है।
6. ‘परिश्रमी‘ किस प्रकार का विशेषण है ?
उत्तराखण्ड टी.ई.टी.
(अ) गुणवाचक (ब) संख्यावाचक
(स) परिमाणवाचक (द) सार्वनामिक
उत्तर-(अ) गुणवाचक
ज्ञान-परिश्रमी का अर्थ है परिश्रम करने वाला – यह गुणवाचक विशेषण का उदाहरण है।
7. ‘ध्यानपूर्वक‘ शब्द है
(अ) संज्ञा (ब) विशेषण
(स) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण (द) परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
उत्तर-(स) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
ज्ञान-‘ध्यानपूर्वक रीतिवाचक क्रिया विशेषण है क्योंकि उसने ध्यानपूर्वक पढ़ा । इस वाक्य में ध्यानपूर्वक पढ़ने (क्रिया) की रीति को बता रहा है।
8. कमरे में कोई छिपा हुआ है, में रेखांकित शब्द क्या है ?
(अ) प्रश्नवाचक सर्वनाम (ब) अनिश्चयवाचक सर्वनाम
(स) निजवाचक सर्वनाम (द) सम्बन्धवाचक सर्वनाम
उत्तर-(ब) अनिश्चयवाचक सर्वनाम
ज्ञान-कोई शब्द अनिश्चयवाचक, प्राणिबोधक है, अतः यह अनिश्चयवाचक सर्वनाम है।
9. मोहन प्रकाश जी …………………. हिन्दी पढ़ाते हैं। रिक्त स्थान की पूर्ति अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम से कीजिए।
(अ) मुझे (ब) तुम्हें
(स) उन्हें (द) हमें
उत्तर-(स) उन्हें
ज्ञान-मुझे – उत्तम पुरुषवाचक एक वचन सर्वनाम
तुम्हें – मध्यम पुरुषवाचक एक वचन सर्वनाम
उन्हें – अन्य पुरुषवाचक बहुवचन सर्वनाम
हमें – उत्तम पुरुषवाचक, बहुवचन सर्वनाम
10. हमें गरीबों पर दया करनी चाहिएय में रेखांकित शब्द है-
(अ) विशेषण (ब) अव्यय
(स) संज्ञा (द) सर्वनाम
उत्तर-(स) संज्ञा
11. सर्वनाम के कितने भेद होते हैं ?
उ.प्र.टी.ई.टी.
(अ) 4 (ब) 5
(स) 6 (द) 3
उत्तर-(स) 6
ज्ञान-सर्वनाम के छः भेद हैं- (1) पुरुषवाचक, (2) निश्चयवाचक,
(3) अनिश्चयवाचक, (4) संबंधवाचक, (5) निजवाचक, (6) प्रश्नवाचक सर्वनाम ।
12. ‘लड़का‘ किस प्रकार की संज्ञा है?
उ.प्र. बी.एड.
(अ) व्यक्तिवाचक (ब) जातिवाचक
(स) द्रव्यवाचक (द) भाववाचक
उत्तर-(ब) जातिवाचक
ज्ञान-लड़का-जातिवाचक संज्ञा है क्योंकि यह सभी ‘लड़का जाति‘ वालों का बोधक है।
13. वह धीरे-धीरे चल रहा था, इस वाक्य में रेखांकित शब्द है
(अ) विशेषण (ब) क्रिया विशेषण
(स) संज्ञा (द) सर्वनाम
उत्तर-(ब) क्रिया विशेषण
ज्ञान-धीरे-धीरे रीतिवाचक क्रिया विशेषण है क्योंकि यह चलना क्रिया की रीति (विशेषता) बता रहा है।
14. विशेषण कितने प्रकार के होते हैं?
उ.प्र.टी.ई.टी.
(अ) चार (ब) पाँच
(स) छह (द) आठ
उत्तर-(अ) चार
ज्ञान-विशेषण चार प्रकार के होते हैं – (1) गुणवाचक, (2) संख्यावाचक, (3) सार्वनामिक, (4) परिमाणवाचक विशेषण।
15. चाय में कुछ पड़ा है? इस वाक्य में रेखांकित शब्द व्याकरण की दृष्टि से क्या है?
उ.प्र.टी.ई.टी.
(अ) विशेषण (ब) सर्वनाम
(स) संज्ञा (द) अव्यय
उत्तर-(ब) सर्वनाम
ज्ञान-‘कुछ’ अनिश्चयवाचक अप्राणिबोधक सर्वनाम है।
 शब्द रचना
हिन्दी में नवीन शब्दों की रचना (निर्माण) सन्धि, समास, उपसर्ग, प्रत्यय द्वारा की जाती है।
सन्धि
दो शब्दों का मेल होने पर जब दो वर्ण पास-पास आते हैं, तब उनमें विकार सहित जो मेल होता है, उसे सन्धि कहते हैं।
सन्धि तीन प्रकार की होती है-v
1. स्वर सन्धि, 2. व्यंजन सन्धि, 3. विसर्ग सन्धि ।

  1. स्वर सन्धि के पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, यण, वृद्धि, अयादि स्वर सन्धि ।
    अ. दीर्घ सन्धि के उदाहरण-हिमालय (हिम+आलय), गिरीश (गिरि+ईश), रवीन्द्र (रवि +इन्द्र), कवीन्द्र (कवि + इन्द्र), वधु + उत्सव = वधूत्सव, शिव + आलय = शिवालय ।
    दीर्घ सन्धि के अन्य उदाहरण-कपि + ईश = कपीश, भू + ऊर्ध्व = भूल, विद्या + अर्थी = विद्यार्थी, परम + अर्थ = परमार्थ, महा + आत्मा = महात्मा, पुस्तक + आलय = पुस्तकालय, भानु + उदय = भानूदय।
    ब. गुण सन्धि के उदाहरण-मृगेन्द्र (मृग + इन्द्र), महेश (महा + ईश), सत्येन्द्र (सत्य + इन्द्र), गजेन्द्र (गज + इन्द्र), भाग्योदय (भाग्य + उदय), देवर्षि (देव + ऋषि), महा + ऋषि = महर्षि, नयन + उत्सव = नयनोत्सव।
    गुण सन्धि के अन्य उदाहरण-सुर + इन्द्र = सुरेन्द्र, रमा + ईश = रमेश, मानव + इन्द्र = मानवेन्द्र, यथा + इष्ट = यथेष्ट, शीत + ऋतु = शीतर्तु, सप्त + ऋषि = सप्तर्षि, आत्मा + उत्सर्ग = आत्मोत्सर्ग, पद + उन्नत्ति = पदोन्नति ।
    स. यण सन्धि के उदाहरण- इत्यादि (इति + आदि), स्वागत (सु + आगत), पित्रादेश (पितृ + आदेश), यद्यपि (यदि + अपि), अत्यधिक (अति + अधिक), प्रत्युपकार (प्रति + उपकार), अनु + एषण = अन्वेषण ।
    यण सन्धि के अन्य उदाहरण- अनु + इति = अन्विति, अति + उत्साह = अत्युत्साह, अति + औदार्य = अत्यौदार्य, तनु + अंगी =
    तन्वंगी, सु + अच्छ = स्वच्छ ।
    द. वृद्धि सन्धि के उदाहरण-एकैक (एक + एक), मतैक्य (मत + ऐक्य), सदैव (सदा + एव), महौध (महा + ओध), परमौषध (परम + ओषध)।
    वृद्धि सन्धि के अन्य उदाहरण-परम + ओजस्वी = परमौजस्वी, अधुना + एव = अधुनेव, महा + ओजस्वी = महौजस्वी, पुत्र + एषणा = पुत्रैषणा, एक + औषधि = एकौषधि।
    ए. अयादि सन्धि के उदाहरण-पवन (पो + अन), पावन (पौ + अन), नयन (ने + अन), नायक (नै + अक), नायिका (नै + इका), भो + अन = भवन, भौ + उक = भावुक ।
    अयादि सन्धि के अन्य उदाहरण- शै + अक = शायक, शे + अन = शयन, चे + अन = चयन, पौ + अक = पावक, पौ + अस = पावस ।
    2. व्यंजन सन्धि-व्यंजन के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मेल से उस व्यंजन में जो रूपान्तरण होता है, उसे व्यंजन सन्धि कहते हैं । यथाजगत् + नाथ (जगन्नाथ), सत् + चरित्र (सच्चरित्र), अनु + स्थान (अनुष्ठान), शरत् + चन्द्र (शरच्चन्द्र), आ + छादन (आच्छादन), षट् + मास = षण्मास।
    3. विसर्ग सन्धि-विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन का मेल होने पर जो विकार होता है, उसे विसर्ग सन्धि कहते हैं । यथा-मनः + रथ (मनोरथ), दुः + गम (दुर्गम), मनः + ज (मनोज), मनः + अनुकूल (मनोनुकूल), दुः + साहस (दुस्साहस), पुनः + च (पुनश्च), निः + पक्ष = निष्पक्ष, दुः + बल = दुर्बल।
    विसर्ग सन्धि के अन्य उदाहरण-मनः + योग = मनोयोग, निः + धन = निर्धन, तमः + गुण = तमोगुण, पुरः + कार = पुरस्कार, दुः़ दशा = दुर्दशा, दुः + आत्मा = दुरात्मा ।