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दाई से पेट छिपाना का अर्थ या मुहावरा दाई से पेट छिपाना dai se pet chipana meaning in hindi

dai se pet chipana meaning in hindi दाई से पेट छिपाना का अर्थ या मुहावरा दाई से पेट छिपाना क्या है ?

311. मिट्टी के मोल बिकना (सस्ता बिकना)- चार-चार रूपये में तो ये पेन मिट्टी के मोल बिक रहे हैं।
312. दम घुटना (साँस लेने से कठिनाई होना)- रेलगाड़ी में इतनी भीड़ थी कि हवा के बिना हमारा तो दम ही घुटने लगा था।
313. दाई से पेट छिपाना (जानने वाले से ही भेद छिपाना)- अरे दाई से पेट छिपाते होय मैं तो तुम्हारी रग-रग जानता
314. मुँह पर हवाइयाँ उड़ना (डरना)- डाकुओं को देखकर उसके मुँह पर हवाइयाँ चलने लगी।
315. मिट्टी में मिलना (तहस-नहस कर देना)- जिसने हमारे देश पर आक्रमण किया उसे हम मिट्टी में मिला देगें।
316. मुँह फुलाना (नाराज होना)- क्या बात है, जो तुम इतनी देरे से मुँह फुलाए बैठे हो।
317. दिन दूनी रात चैगुनी उन्नति करना (बहुत तीव्र गति से उन्नति करना)- बेटा, परमात्मा करे तुम दिन दूनी रात चैगुनी उन्नति करो।
318. होश सँभालना (समझने लायक होना)- पहले तो मैं छोटी थी पर जब से मैनें होश सँभाला, माँ को दुखी ही माया है।
319. फूला न समाना (बहुत प्रसन्न होना)- लाटरी में इनाम मिलने पर वह फूला नहीं समाया।
320. दो टूक जबाव देना (साफ-साफ जबाव देना)- मैंने सोहन से सौ रूपये उधार मांगे मगर उसने दो टूक जबाव दे दिया कि मेरे पास है ही नहीं।
321. मुँह की बात छीन लेना (दूसरे के दिल की बात कह देना)- यही मैं कहने वाला था कि आज पकौड़े तले जाएँ। तुमने तो मेरे मुँह की बात छीन ली।
322. रफूचक्कर होना (भाग जाना, चंपत होना)- सिपाही को आता देखकर चोर रफूचक्कर हो गया।
323. दंग रह जाना (आश्चर्य में पड़ जाना)- वैज्ञानिकों ने नए-नए अविष्कारों को देखकर साधारण मनुष्य दंग रह जाते हैं।
324. काया-पलट होना (बिल्कुल बदल जाना)- अमेरिका जाकर पल्लवी की ऐसी कायापलट हो गयी कि मैं तो उसे पहचान ही न सका।
325. कोर दबाना (लिहाज करना)- छोटा सा बालक नचिकेता इतना प्रतिभाशाली था कि बड़े-बड़े ऋषि-मुनियों की भी उससे कोर दबती थी।
326. दबे पाँव निकल जाना (चुपचाप चले जाना)- जैसे ही डाकुओं को पुलिस के आने की खबर मिली, वे दबे पाँव निकल भागे।
327. रंग लाना (प्रभाव दिखाना)- उसका कठोर परिश्रम एक दिन ही रंग लाएगा।
328. सिर पर कफन बाँधना (मरने का तत्पर रहना)- वीर पुरुष सदैव सिर पर कफन बाँधकर ही घर से निकलते है।
329. नाक काटना (इज्जत उतारना)- अपने कुकृत्यों से संजीव ने अपने माता-पिता की नाक कटा दी।
330. निठल्ला बैठना (खाली पड़े रहना)- निठल्ले बैठे-बैठे बंशी बस मोटा होता जा रहा है।
331. लहूलुहान हो जाना (घायल हो जाना)- मेजर प्रकाश ने शत्रु का वीरता से सम्मान किया पर आखिर लहूलुहान हाकर गिर पड़े।
332. लू उतारना (इज्जत उतारना)- जब मोहनलाल की लड़की गलत संगति में पकड़ी गई तो उनके दोस्तों ने उनकी अच्छी तरह लू उतारी।
333. नाम कमाना (यश प्राप्त करना)- सुभाषचंद्र बोस ने आत्म बलिदान सारे भारत में नाम कमाया।
334. नाक रगड़ना (खुशामद करना)- उस गरीब ने महेश के सामने बहुत नाक रगड़ी पर जालिम न माना।
335. लहू पसीना एक करना (बहुत परिश्रम करना)- आजकल मजदूरों का बुरा हाल है। बेचारों को लहू-पसीना एक करने के बाद भी भरपेट भोजन नसीब नहीं होता।
336. लाल-पीला होना (बहुत अधिक कोधित होना)- इस साधारण सी बात पर इतने लाल-पीले क्यों हो रहे हो? शांति से काम लो।
337. श्री गणेश करना (आरंभ करना)- शुभ कार्य का श्री गणेश करने में देर नहीं लगानी चाहिए।
338. सब्ज बाग दिखाना (लोभ दिखाकर बहकाना)- आजकल ठग युवतियों को सिनेमा में अभिनेत्री बनवाने का सब्ज बाग दिखाकर भगा ले जाते हैं।
339. साँप-छडूंदर की गति होना (दुविधा में पड़ना)- तुम्हारी तो साँप-छछूदर की गति हो रही है, घबराओ मत, एक निर्णय लो और आगे बढ़ जाओ।
340. रोंगटे खड़े हो जाना (भयभीत हो जाना)- स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को दिए जाने वाले कष्टों को सुनकर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं।