संथाल विद्रोह का नेता कौन है | संथाल विद्रोह कब किस वर्ष में हुआ था | नेतृत्व किसने किया santhal rebellion in hindi

(santhal rebellion in hindi) संथाल विद्रोह का नेता कौन है | संथाल विद्रोह कब किस वर्ष में हुआ था | नेतृत्व किसने किया ?

संथाल विद्रोह (1855) 

संथालों का यह आंदोलन उन जमींदारों द्वारा दमन के खिलाफ था जो संथालों की भूमि पर नाजायज कब्जा किये हुए थे। यह आंदोलन गांव के महाजनों और अधिकारियों के भी खिलाफ था। इस आंदोलन का नेतृत्व दो भाइयों-सिदेंधू और कान्हू ने किया। उन्होंने भग्नाडीह में एक सभा करके यह ऐलान किया कि उनके दमन का अंत उनकी भूमि को उनके दमनकारियों से वापस लेकर किया जा सकता था। इस सभा में कोई 35,000 संथाला न उनके अंगरक्षकों का काम किया। सभा में यह ऐलान होने के बाद हजारों संथालों ने अपने पारंपरिक हथियार-धनुष, बाण, कुल्हाडी आदि-लेकर कलकत्ता के लिये कच कर दिया वे गवर्नर को एक याचिका देने की गरज से गये। पुलिस अधिकारियों ने उनका रास्ता रोककर उन्हें हिंमा के लिये भड़काया। कई संथाल अंग्रेजों के हाथों मारे गये। यह आंदोलन 60 दिन चला। संथालों के आंदोलन के कारण सरकार को उनके प्रति अपनी नीति बदलनी पड़ी। कोई 5000 वर्ग मील क्षेत्र को ‘नियमन हित जनपद बनाया गया, जिसे संथाल परगना के नाम से जाना गया। पृथक हुई भूमि को वापस लेने के लिये एक प्रशासनिक अध्यक्ष को नियुक्त किया गया।