अपवर्तन की परिभाषा क्या है , स्नेल का नियम , उदाहरण Refraction in hindi

निम्न को समझाइये

1. अपवर्तन (Refraction)- जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम से प्रवेश करती है तो अपने पथ से विचलित हो जाती है। इस घटना को अपवर्तन कहते है।

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2.  अपवर्तन का नियम – (स्नेल का नियम) (Snell’s law) – आपतन कोण की ज्या और अपवर्तन कोण की ज्या का अनुपात किन्हीं दो माध्यमों के लिए नियत होता है। इस नियंताक को पहले मायध्म के सापेक्ष दूसरे माध्यम का अपवर्तनाक कहते है।

N21 = Sin i  /Sin r

नोट:-

1. किसी पदार्थ का अपवर्तनांक पदार्थ की प्रकृति पर तरंग दैध्र्य पर ताप निर्भर करता है।

2. अपवर्तन की घटना में आवृत्ति में परिवर्तन नहीं होता है। परन्तु वेग और तरंग दैध्र्य बदल जाती है।

3. C = V λ  सूत्र से यदि वेग बढ़ता है तो तरंग देैध्र्य का मान भी बढ़ता है और यदि वेग घटता है तो तरंग दैध्र्य का मान भी घटेगा।

4. विरल माध्यम की अपेक्षा सघन माध्यम में प्रकाश का वेग कम होता है। इस आधार पर हवा, जल, काँच में सबसे ज्यादा वेग हवा में जल में और उसके बाद काँच में होगा।

5. जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम से जाती है तो अभिलम्ब से दूर हटती है तो यदि विरल से सघन में जाती है तो अभिलम्ब के पास आतीहै।

6. निर्वात का अपवर्तनाक का मान 1 हवा का मान 1.00029 जल का अपवर्तनाक 4/3 और का अपवर्तनांक सबसे अधिक 2.4 होता है।

अपवर्तन के उदाहरण (Examples of refraction) समझाइए।

(1) जल में डूबे हुए सिक्का का ऊपर उठा दिखाई देना:- सिक्के को जल के ऊपर से देखते है तो सिक्के से आने वाली किरण जल से हवा में जाने के कारण अभिलम्ब से दूर हटती है। इसलिए सिक्का ऊपर उठा हुआ दिखाई देता है यदि वास्तविक गहराई n  और आभासी गहराई n’ है तो

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(2)  सूर्योउदय और सूर्यास्त के समय सूर्य क्षैतिज से नीचे होने पर भी दिखाई देता है

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जब सूर्य क्षैतिज से नीचे हैं तो सूर्य से आने वाली किरणे जब विरल से सघन माध्यम में प्रवेश करती है तो अभिलम्ब के पास आने के कारण  मुडती जाती है और मनुष्य को सूर्य क्षैतिज से ऊपर उठा हुआ दिखाई देता है इसलिए सूर्योस्त के समय में और सूर्योदय के समय में 2 मिनट की वृद्वि हो जाती है इस प्रकार दिन के समय कुल 4 मिनट की वृद्वि हो जाती है।

(3)  काँच की पट्टिका पर तीर्यक किरण को आपतित कराते हैं तो निर्गत किरण आपतित के समानान्तर होती है। परन्तु निर्गत किरण और आपतित किरण में बस दूरी से विस्थापन हो जाता है जिसे पाॅश विस्थापन कहते है।