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0.01 kg द्रव्यमान का एक कण निम्न स्थितिज ऊर्जा क्षेत्र में गतिशील V(x) = 0.08 X2J/kg यहाँ x, m में है।

उदाहरण- 7. 0.01 kg द्रव्यमान का एक कण निम्न स्थितिज ऊर्जा क्षेत्र में गतिशील

. V(x) = 0.08 X2J/kg यहाँ x, m में है। यदि कुल ऊर्जा 8 x 10-4 Jहो तो विस्थापन-समय सम्बन्ध स्थापित कीजि

हल : कण की कुल स्थितिज ऊर्जा

U =mV(x) = 0.01 x 08 x2 J

= 8 x 10-4 x2 J

लेकिन U = 1/2 kx2

k = 16×10-4 N/m

0 =k_16x104

ω0 = k/m = 16 x 10-4/0.01 = 0.4 rad/s

दोलक की कुल ऊर्जा

E = 1/2 ma2 ω02 = 8 x 10-4 J

A2 = 2 x 8 x 10-4/0.01 x 0.42 = 1

A = 1 m

दोलक के गति का समीकरण

x = a sin (ω0t + φ)

a तथा ω0 का मान रखने पर

x = sin (0.4t + φ)

उदाहरण- 8. एक सरल आवर्ती दोलक का विस्थापन x = a sin ωt द्वारा निरूपित किया जाता है। यदि विस्थापन x व वेग v के मानों को समकोणिक अक्षों पर आलेखित किया जाये तो सिद्ध कीजिए कि

  • (x,v) बिन्दुओं का रेखा पथ दीर्घवृत्त होगा, तथा
  • यह दीर्घवृत्त नियत ऊर्जा का पथ निरूपित करता है।

हल : (i) स. आ. गति का विस्थापन

X = a sin ω t

कण का वेग

V = dx/dt = ωa cos ωt

= ω a 1- sin2 ωt = ωa 1 – x2/a2

= v2 = ω2 (a2 – x2) = ω2a2 – ω2x2

Ω2a2 से भाग देने पर

V2/a2 ω2 + x2/a2 = 1

यह दीर्घवृत्त का समीकरण है। इसलिए (x,v) बिन्दुओं का रेखापथ दीर्घवृत्त होगा।

(ii) दीर्घवृत्त पथ पर स्थित कण के लिए

v2 = ω2a2 – ω2x2

या 1/2 mv2 = 1/2 m ω2a2 – 1/2 m ω2x2

1/2 mv2 + 1/2 m ω2x2 = 1/2 m ω2a2

कण की कुल ऊर्जा

E = 1/2 mv2 + 1/2 m ω2x2

= 1/2 m ω2a2 = नियत

अतः दीर्घवृत्त नियत ऊर्जा का पथ निरूपित करता है।

उदाहरण- 9. निर्दिष्ट समीकरण

1/2 mv2 + 1/2 kx2 = E

द्वारा व्यक्त दोलनों का आयाम तथा उनकी आवृत्ति ज्ञात कीजिए। यहाँ संकेताक्षरों के सामान्य अर्थ है।

हल : समीकरण 1/2 mv2 + 1/2 kx2 =E के पुर्नविन्यास से प्राप्त होता है।

V = k/m 2E/k – x2

V = dx/dt = k/m 2E/k – x2

Dx/2E/k – x2 = k/m dt

समाकलन करने पर,

Sin-1 {x/(2E /k)1/2} = t k/m + φ

X = 2E/k sin (tk/m + φ

इस समीकरण की तुलना सरल आवर्ती गति के समीकरण x = a sin(ωot + φ) से करने पर,

आयाम a = 2E/k

कोणीय आवृत्ति ωo = k/m

उदाहरण- 10. एक क्षैतिज बोर्ड 5m आयाम की क्षैतिज सरल आवर्ती गति कर रहा है। यदि बोर्ड 15 rev/min की दर से दोलन कर रहा है तो घर्षण गुणांक का वह कम से कम मान ज्ञात कीजिए जिसके लिए बोर्ड पर रखा एक पिण्ड उसकी गति के दौरान बिना फिसले स्थिर रह सके।

हल : बोर्ड के SHM की आवृत्ति

ωo = 2πn = 2π 15/60 = π/2 rad/s

बोर्ड के गति में माध्य अधिकतम त्वरण

Amax =Aωo2 = 1/2 x (π/2)2 = π2/8 m/s2

यदि बोर्ड में m द्रव्यमान का एक पिण्ड बिना फिसले स्थिर रहता है तो सीमान्त घर्षण बल का मान umg बल mamax से अधिक होना चाहिए, अर्थात्

Umg > mamax

U > amax/g

> π2/8 x 9.8

>0.126.

उदाहरण- 11. 100 gm द्रव्यमान का एक कण x अक्ष के अनुदिशF =-10x N बल के प्रभाव में गति कर रहा है। t = 2s पर कण मूल बिन्दु से गुजरता है तथा t = 4s पर उसका वेग 4m/ s है। कण के विस्थापन को व्यक्त करने वाले समीकरण को ज्ञात कीजिए। हल : कण पर लगा बल F=- kx =-10x

k = 10 N/m

कण का द्रव्यमान m= 100 gm = 0.1 kg

आवृत्ति ωo = k/m = 10/0.1 = 10 rad/s

माना कण के विस्थापन का समीकरण है

x = A sin (ωot + φ)

ωo का मान रखने पर

x = A sin (10t + φ)

  • t = 2 से. पर x = 0

10t + φ = 0

या 10 x 2 + φ = 0

φ =- 20

अतः अब विस्थापन का समीकरण होगा।

X = A sin 10 (t – 2)

(ii) कण का वेग

Dx/st = 10A cos 10 (t – 2)

लेकिन t = 4s पर dx/dt = 4m/s

4 = 10A cos 10 (4-2)

A = 0.4/cos20 = 0.4/cos64.80 = 0.4/0.4258

=0.94m

अतः कण के विस्थापन का समीकरण होगा

x = 0.94 sin 10 (t – 2)