रूठी रानी के नाम से कौन प्रसिद्ध है ? रूठी रानी किसे कहते है

roothi rani ke naam se kaun prasidh hai ? रूठी रानी किसे कहते है ?

प्रश्न : रूठी रानी के नाम से कौन प्रसिद्ध है ?

उत्तर : ” उम्मादे भटियानी ” (Umade Bhattiyani) को रूठी रानी के नाम से जाना जाता है। इन्हें उमादे भी कहा जाता है। 

उमादे कौन थी और वह रूठी रानी के नाम से क्यों प्रसिद्द हुई ?

सन 1536 ईस्वीं में जोधपुर के राजा राव मालदेव राठौड़ का विवाह जैसलमेर के राजा लूणकरण की पुत्री उमादे से हुआ था। किसी कारण से जैसलमेर के राजा लूणकरण ने जोधपुर के राजा राव मालदेव राठौड़ को मारने की योजना बनाई और जब इस बात का पता उमादे को लगा तो उसने यह सूचना पुरोहित राघवदेव के द्वारा अपने पति मालदेव राठौड़ को सूचित करवा दिया। उमादे के पिता द्वारा  अपनी मौत की योजना बनाये जाने की सूचना पाकर मालदेव उमादे से भी शायद नाराज हो गया , उधर उमादे ने अपना पतिव्रता निभाकर भी वह मालदेव की नाराजगी से नाराज हो गयी। फिर नाराज भी ऐसी हुई कि इतिहास में उन्हें ‘रूठी रानी’ के नाम से ही प्रसिद्ध हो गयी। मालदेव ने नाराज होने के बाद उमादे अजमेर के तारागढ़ किले में चली गयी अथवा राजा के द्वारा वहां भेज दी गयी। और कभी लौटकर नहीं आई। लेकिन जब राजा को एक बार सूचना मिली की शेरशाह अजमेर पर आक्रमण करने वाला है इस सूचना के बाद उमादे को बुलाने का प्रयास किया गया लेकिन वह नहीं आई। फिर राजा ने ईश्वरदास को उमादे को मनाकर लाने के लिए भेजा , ईश्वरदास उमादे को जोधपुर आने के लिए मना भी लेता है लेकिन जोधपुर की रानियाँ नहीं चाहती थी कि वह वापस जोधपुर आये। इसलिए जोधपुर की रानियों के इस रूखे व्यवहार के कारण वह पुनः नाराज होकर उमादे गूंरोज चली गयी। जब जोधपुर के राजा मालदेव का देव लोक को गमन हुआ तो उमादे उनकी रानियों में से सती होने वाली पहली रानी थी अर्थात मालदेव के देहांत के बाद वह सबसे पहले सती हुई और अपनी पतिव्रता को सीद्ध किया। लेकिन वह जीवन भर अपने पति मालदेव से नाराज रही और यही कारण है कि इतिहास में उन्हें रूठी रानी के नाम से जाना जाता है। 

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