रसायन विज्ञान में मापन (Measurements in Chemistry in hindi examples) अनिश्चित / संदेहपूर्ण अंक
यहाँ विस्तार से रसायन विज्ञान में मापन (Measurements in Chemistry in hindi examples) अनिश्चित / संदेहपूर्ण अंक के बारे में जानेंगे |
रसायन विज्ञान में मापन (Measurements in Chemistry)
हम जानते हैं कि प्रयोगशाला में किया गया प्रत्येक मापन त्रुटि व अनिश्चितता लिए हुए होता है जो मापन उपकरण की सीमाएँ पर निर्भर करता है।
हम यह भी जानते हैं कि गणना की गई किसी राशि का मान जिस सीमा तक सूचना प्राप्त कर सकते हैं, उससे अधिक परिशुद्ध ज्ञात नहीं कर सकते। वैज्ञानिक आँकड़ों के लिए एक विशेष शब्द (Significant figure) सार्धक अंकों का प्रयोग किया जाता है।
जब किसी मापन का परिमाण शुद्ध रूप से प्राप्त हो तब उस मापन में अर्थपूर्ण अंकों की संख्या सार्थक अंक कहलाता है। मापन की परिशुद्धता का अभिज्ञान सार्थक अंकों की संख्या से होता है। जिस मापन में सार्थक अंकों की संख्या अधिक है वह मापन उतना ही परिशुद्ध कहलाता है।
किसी मापन की संख्या लिखते समय अंतिम अंक से पहले के सभी अंक निश्चितता सहित ज्ञात होते हैं तथा अंतिम अंक में एक इकाई की अनिश्चितता रहती है। उदाहरण के लिए मान लें एक पठन जिसका मान 11.64 मापा गया है व जिसमें चार अंक है। इसमें से 1, 1 तथा 6 निश्चित अंक है तथा 4 अनिश्चित अंक हैं । अतः अंक इस प्रकार लिखे जाएगें।
1 1 6 4
निश्चित अंक अनिश्चित/संदेहपूर्ण अंक
ध्यान रहे कि समस्त अंक एक संख्या में सार्थक होते हैं लेकिन केवल अन्तिम अंक अनिश्चित या संदेहपूर्ण होता है जबकि शेष अंक निश्चित होते हैं । अतः 11.64 में सभी चार अंक सार्थक अंक है इनमें से 1, 1 और 6 निश्चित तथा 4 कुछ हद तक अनिश्चित अंक है। जिससे ± 0.1 ग्राम की अनिश्चितता है।
सार्थक अंक को संख्या में प्रस्तुत करने के नियम (Rules for reporting the significant figures in number)