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मीटर सेतु की सहायता से प्रतिरोधों के श्रेणीक्रम एवं समान्तरक्रम संयोजन के नियमों का सत्यापन करना
उद्देश्य (Object):
मीटर सेतु की सहायता से प्रतिरोधों के श्रेणीक्रम एवं समान्तरक्रम संयोजन के नियमों का सत्यापन करना।
उपकरण (Apparatus):
मीटर सेतु, लेक्लाशी सेल, धारामापी, प्रतिरोध बॉक्स, दो प्रायोगिक प्रतिरोध तार, कंजी, विसी कुंजी तथा सयोजक तार आदि। परिपथ चित्र (Circuit Diagram):
सिद्धान्त (Theory):
(प) मीटर सेतु के सिद्धान्त से अज्ञात प्रतिरोध S = (100- l) / l × R .
जहाँ R = प्रतिरोध बॉक्स में प्रयुक्त ज्ञात प्रतिरोध (ओम)
l अज्ञात प्रतिरोध के लिए मीटर सेतु तार पर संतुलन लम्बाई (सेमी.)
(II) प्रतिरोधों के श्रेणीक्रम संयोजन के लिए तुल्य प्रतिरोध SS = S1 ़ S2
(III) प्रतिरोधों के समान्तर क्रम संयोजन के लिए 1/Sp = 1/S1 ़ 1/ S2
या तुल्य प्रतिरोध Sp = S1 S2 / S1 ़ S2
प्रश्न 8. आप इस प्रयोग में लेक्लांशी सेल ही क्यों काम में लेते हैं ?
उत्तर- यह रूक-रूक कर धारा देता है तथा प्राप्त धारा की प्रबलता कम होती है जिससे तार गर्म नहीं होता है।
प्रश्न 9. क्या इस प्रयोग में संचायक सैल लगा सकते है ?
उत्तर- नहीं
प्रश्न 10. मीटर ब्रिज में अविक्षेप की स्थिति तार के मध्य में ही लेने का प्रयत्न क्यों करते हैं?
उत्तर- उस समय प्रतिशत त्रुटि न्यूनतम होती है।
प्रश्न 11. शंट के लगाने से क्या लाभ है ?
उत्तर- शंट लगाने से संकेतक टूटने से बचता है तथा कुण्डली जलने से बचती है।
प्रश्न 12. संयुग्मी भुजाओं (conjugate arms) से क्या समझते हो ?
उत्तर- जिन भुजाओं की स्थितियों को आपस में बदलने पर ब्रिज के सन्तुलन अवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
प्रश्न 13. मीटर ब्रिज में ये भुजायें कौन-कौनसी है ?
उत्तर- सेल की भुजा तथा धारामापी की भुजा।
प्रश्न 14. मीटर ब्रिज में तार की लम्बाई एक मीटर ही क्यों लेते हैं ?
उत्तर- एक मीटर तार पर परिकलन आसान हो जाता है। बड़ा तार लेने पर मापन की यथार्थता बढ़ जाती है।
प्रश्न 15. मीटर ब्रिजधित ब्रिज कौनसा है ?
उत्तर- कैरीफोस्टर।
प्रश्न 16. मीटर कि योग में धारामापी को क्यों उपयोग में लाते है ?
उत्तर- इसकी मीटर सेतु की सन्तुलित स्थिति को उसके तार पर संतुलन बिन्दु प्राप्त करके ज्ञात करता हैं।
प्रश्न 17. क्या मीटर ब्रिज का तार ताँबे का लिया जा सकता है ?
उत्तर- नहीं ताँबे का विशिष्ट प्रतिरोध अत्यल्प होता है तथा प्रतिरोध ताप गुणांक अधिक होता है।
प्रश्न 18. मीटर ब्रिज की सहायता से क्या-क्या ज्ञात किया जा सकता है ?
उत्तर- (a) अज्ञात प्रतिरोध (b) किसी तार के पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध (c) प्रतिरोधों के श्रेणी क्रम एवं समान्तर क्रम संयोजन नियम।
प्रश्न 19. अविक्षेप की स्थिति में शंट क्यों हटा देते है ?
उत्तर- अविक्षेप स्थिति के निकट धारामापी में धारा बहुत कम प्रवाहित होती है तथा शंट लगे होने से अविक्षेप स्थिती का यथार्थतः पता नहीं चलता।
प्रश्न 20. मीटर ब्रिज में तांबे की मोटी पत्तियाँ क्यों लगाई जाती है ?
उत्तर- ताकि उनका प्रतिरोध नगण्य माना जा सके।
प्रश्न 21. संतुलन की अवस्था में धारामापी में धारा क्यों नहीं बहती ?
उत्तर- क्योंकि इस समय B तथा D बिन्दु के विभव बराबर होते हैं।
प्रश्न 22. धारामापी में धारा बहने से विक्षेप क्यों होता है ?
उत्तर- क्योंकि धारा बहने पर इसकी कुण्डली पर एक बलयुग्म कार्य करता है, जिससे कण्डली के घूमने के कारण संकेतक चलता है।
प्रश्न 23. धारामापी का संकेतक किस धातु का बना होता है ?
उत्तर- ऐल्यूमिनियम।
प्रश्न 24. क्या यह संकेतक लोहे का भी बना सकते हैं ?
उत्तर- नहीं, क्योंकि लोहे का होने पर धारामापी का चुम्बक इसे अपनी ओर आकर्षित करेगा।
प्रश्न 25. क्या इस प्रयोग में स्पर्शज्या धारामापी काम में ला सकते हैं, यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर- नहीं, क्योंकि इसे समायोजित करना पड़ेगा तथा इसकी सुई देर तक हिलती रहती है।
प्रश्न 26. संयोजी तारों पर धागा क्यों लिपटा रहता है ?
उत्तर- जिससे तारों के आपस में छु जाने पर बैट्री अथवा कोई भी परिपथ लघुपथित (Short Circuited) न हो।
प्रश्न 27. प्रतिरोध तो हम अमीटर व वोल्टमीटर से भी ज्ञात कर सकते हैं ? इस विधि में क्या विशेषता है ?
उत्तर- यह अविक्षेप स्थिति है। अतः विक्षेप पढने से होने वाली त्रुटि की सम्भावना नहीं है।
प्रश्न 28. किसी चालक का प्रतिरोध उसकी लम्बाई तथा अनप्रस्थ काट क्षेत्रफल पर किस प्रकार निर्भर करता है?
उत्तर- R ∝ l तथा R ∝ 1/A ़
प्रश्न 29. चालक के पदार्थ के विशिष्ट प्रतिरोध (प्रतिरोधकता) को परिभाषित कीजिए इसका SI मात्रक दीजिए।
उत्तर-. R = p l /A⇒ यदि l = 1, A = 1 तब p = R
अतः इकाई लम्बाई एवं इकाई अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल के तार का प्रतिरोध, तार के पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध कहलाता है
तथा विशिष्ट प्रतिरोध का SI मात्रक – ओम x मी.
प्रश्न 30. चालकों की प्रतिरोधकता किस कोटि की होती है?
उत्तर- यह 10-8 ओम मी. कोटि की होती है।
प्रश्न 31. एक ही पदार्थ के दो भिन्न-भिन्न ज्यामिती (भिन्न लम्बाई एवं भिन्न अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल) के तारों के लिए प्रतिरोध एवं प्रतिरोधकता में से कौनसी राशि भिन्न होगी?
उत्तर- प्रतिरोध, क्योंकि यह चालक को ज्यामिती पर भी निर्भर करता है जबकि प्रतिरोधकता समान होगी क्योंकि यह केवल चालक
के पदार्थ एवं ताप पर निर्भर करता है।
प्रश्न 32. एक चालक तार पर आरोपित विभवान्तर को दो भिन्न प्रकार से प्रयुक्त करते हैं जैसा कि चित्र में दिखाया गया है क्या, चालकों का प्रतिरोध समान प्राप्त होगा?
उत्तर- नही क्योकि दोनों स्थितियों में चालक की प्रयुक्त लम्बाई एवं अनुप्रस्थ काट भिन्न-भिन्न है।
प्रश्न 33. प्रश्न 32 की स्थिति में क्या प्रतिरोधकता समान प्राप्त होगी?
उत्तर- हा।
प्रश्न 34. चालक पदार्या की प्रनिराधकता एवं प्रतिरोध, ताप के साथ किस प्रकार परिवर्तित होते हैं?
उत्तर- ये दोनों ही ताप वृद्वि है तथा इनकी ताप पर निर्भरता को निम्नानुसार व्यक्त कर सकते हैं-
Pt = P0 (1़ α t ) तथा Rt = (1 ़ α t ) जहां α चालक के पदार्थ का ताप प्रतिरोध गुणांक है।
प्रश्न 35. चालकों के लिए ताप प्रतिरोध गुणांक की प्रकृति (धनात्मक या ऋणात्मक) किस प्रकार की होती है?
उत्तर- धनात्मक
प्रश्न 36. ताप प्रतिरोध गुणांक का मात्रक क्या होता है?
उत्तर- प्रति °C या प्रति केल्विन
प्रश्न 37. अर्द्धचालकों एवं कुचालकों के लिए ताप प्रतिरोध गुणांक किस प्रकृति (धनात्मक या ऋणात्मक) का होता है?
उत्तर- ऋणात्मक, क्योंकि इनकी प्रतिरोधकता एवं प्रतिरोध तापवृद्धि के साथ कम होती है।
प्रश्न 39. प्रतिरोधों के समान्तरक्रम संयोजन में कौनसी भौतिक राशि सभी प्रतिरोधों के लिए समान होती है।
उत्तर- विभवान्तर, सभी प्रतिरोधों के सिरों पर समान होता है।
प्रश्न 40. (क्षण भर में उत्तर दें) 1Ω 10 Ω एवं 100 Ω के तीन प्रतिरोध परस्पर समान्तर क्रम में जोड़े जाते हैं, तुल्य प्रतिरोध का मान होगा?
(a) > 100 Ω (b) < 100 Ω
(c) < 1 Ω (d) ढ 10 Ω
उत्तर- (ब)
प्रश्न 41. (तत्काल उत्तर दें) तीन समान प्रतिरोध (प्रत्येक 3 Ω) परस्पर समान्तर क्रम में जोड़े जाते हैं, तुल्य प्रतिरोध का मान होगा? उत्तर- 1Ω
प्रश्न 42. मेंगेनिन मिश्र धातु में कौन-कौनसी धातु होती है ?
उत्तर- (84% Cu, 12% Mn, 4% Ni).
प्रश्न 43. कान्सटेन्टन में किन-किन धातुओं का मिश्रण होता है ?
उत्तर- 60% Cu, 40% Ni
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