पोषण किसे कहते है | पोषण की परिभाषा क्या है nutrition meaning in hindi definition

what is nutrition meaning in hindi definition ? पोषण किसे कहते है | पोषण की परिभाषा क्या है ? अर्थ और मतलब क्या है ? कितने प्रकार का होता है ?

पोषण की परिभाषा : वह प्रक्रिया जिसके द्वारा प्रत्येक प्राणी उन तत्वों को प्राप्त करता है जिसके द्वारा वह अपनी वृद्धि , पुनर्निर्माण आदि को पूर्ण करता है उसे पोषण कहते है। उदाहरण के लिए मनुष्य पोषण के रूप में खाना (भोजन) खाता है , भोजन के द्वारा मनुष्य को अपने शरीर की वृद्धि और अन्य क्रियाओं को संपन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार के तत्व जैसे विटामिन , प्रोटीन , कार्बोहाइड्रेट आदि प्राप्त होते है। अत: कहा जा सकता है कि प्रत्येक जीव अपनी जैविक क्रियाओं को संपन्न करने के लिए पोषण के रूप में विभिन्न तत्वों को ग्रहण करता है , इस क्रिया को ही पोषण कहते है। अर्थात पोषण एक जैविक क्रिया है जिसके द्वारा वह अपनी गतिशीलता को बनाये रखता है , इसी जैविक क्रिया के द्वारा प्राणी अपनी वृद्धि और पुनर्निर्माण आदि को भी पूर्ण करता है। पोषण क्रिया में प्राणी अथवा जीव जिन आवश्यक तत्वों को ग्रहण करता है उन आवश्यक तत्वों को पोषक तत्व कहते है , अर्थात पोषक तत्व वे तत्व होते है जिनके द्वारा कोई जीव अपनी गतिशीलता को बनाये रखता है और इन तत्वों को ग्रहण करने पर ही प्राणी अथवा जीव में वृद्धि आदि क्रियायें संपन्न होती है। पोषण : वह क्रिया जिसके द्वारा जीव भोजन ग्रहण करता है और इस भोजन का उपयोग अपनी वृद्धि , उपापचय और पुनर्निर्माण आदि क्रियाओं के लिए करता है उसे पोषण कहा जाता है। पोषण की क्रिया में भोजन को अन्दर ग्रहण करना , भोजन का पाचन , भोजन का अवशोषण और उत्सर्जन आदि चरण शामिल किये जा सकते है। 

परिभाषा : वह प्रक्रिया जिसके द्वारा प्राणी या जीव भोजन ग्रहण करता है और इस भोजन को शरीर की सभी कोशिकाओं तक पहुंचाकर ऊर्जा उत्पन्न करता है , इस प्रक्रिया को ही पोषण कहते है। इस भोजन का प्रयोग शरीर या कोशिकाएं ऊर्जा उत्पन्न करने में करते है और इस ऊर्जा के द्वारा शरीर अथवा जीव की अन्य क्रियाएँ संपन्न होती है। 

nutrition in hindi : पोषण या न्यूट्रीशन वह प्रक्रिया होती है जिसके द्वारा जानवर (जीव) अथवा कोई पौधा (वनस्पति) भोजन ग्रहण करता है। calorie deficit calculator भोजन से यहाँ तात्पर्य पोषक तत्वों से है , इनमें कार्बोहाइड्रेट , वसा , प्रोटीन , विटामिन आदि शामिल होते है। सामान्यतया यह देखा गया है कि जीवों के दैनिक जीवन में काम आने वाली ऊर्जा का लगभग 80 से 90% भाग उन्हें वसा और बाकी 10-15% भाग प्रोटीन पोषक तत्वों के द्वारा प्राप्त होता है। 

पोषण के प्रकार ? (types of nutrition in hindi)

मुख्य रूप से जंतुओं में दो प्रकार का पोषण पाया जाता है अथवा दो प्रकार से जंतु पोषण प्राप्त करते है ये दोनों तरीके निम्नलिखित प्रकार है –1. स्वपोषी पोषण : जब कोई जीव अथवा वनस्पति आदि अपना भोजन सूर्य की उपस्थिति में और कार्बन डाई ऑक्साइड और पानी का उपयोग कर स्वयं के शरीर में कार्बन भोजन का निर्माण कर लेते है , ऐसे जीवों को स्वपोषी पोषण कहते है और इस प्रकार भोजन निर्माण की क्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते है। अर्थात ऐसे जीव जो प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया द्वारा अपना भोजन अथवा पोषण बना लेते है उन्हें स्वपोषी पोषण कहा जाता है। 2. विषमपोषी पोषण : वे जन्तु अथवा जीव जो सूर्य की ऊर्जा को संचित नहीं रख सकते है अर्थात स्वयं अकार्बनिक पदार्थो के माध्यम से अपने शरीर में कार्बनिक भोजन बनाने में असमर्थ होते है उन्हें विषमपोषी कहते है। इस प्रकार के जीव पहले से निर्मित भोजन जैसे पादप , जन्तु आदि का उपयोग भोजन के रूप में करते है या हम कह सकते है कि अपने भोजन के लिए पादप अथवा जन्तुओं के ऊपर निर्भर होते है , ये जीव इन पदार्थों को अर्थात निर्मित भोजन को ग्रहण करते है और शरीर में इस निर्मित भोजन अर्थात अकार्बनिक भोजन का विघटन आदि होता है जिसके माध्यम से या इसके फलस्वरूप इन जन्तुओं को ऊर्जा प्राप्त होती है , इस प्रकार पोषण प्राप्त करने की विधि को विषमपोषी पोषण कहते है। नोट : पोषण के रूप में ही मनुष्य या सभी जंतु , पादप आदि आहार के रूप में पोषक तत्वों को ग्रहण करते है जिसके फलस्वरूप उन्हें ऊर्जा प्राप्त होती है और वे अपनी दैनिक क्रियान्वयन संपन्न करने में समर्थ हो पाते है। अत: शरीर की उचित वृद्धि और पुनर्निर्माण के लिए जन्तु अथवा प्राणी को उचित रूप से पोषण का सेवन करना चाहिए और पोषण में उचित मात्रा में पोषक तत्वों को समावेश करना चाहिए ताकि प्राणी की वृद्धि आदि उचित रूप से होती रहे , यदि भोजन में पोषक तत्वों की उचित मात्रा उपस्थित नहीं होती है तो शरीर का विकास आदि अवरुद्ध हो जाता है। उचित पोषण न मिलने के कारण शरीर में विभिन्न प्रकार की विकृतियाँ उत्पन्न हो सकती है।