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पुनर्जागरण के उदय के कारण , इटली में पुनर्जागरण के कारण क्या थे वर्णन कीजिये विशेषताएं बताइए
जाने पुनर्जागरण के उदय के कारण , इटली में पुनर्जागरण के कारण क्या थे वर्णन कीजिये विशेषताएं बताइए ?
प्रश्न: पुनर्जागरण के उदय के क्या कारण थे ?
उत्तर:
1. 1453 में कुस्तुनतुनिया पर तुर्कों का अधिकार।
2. व्यापारिक समृद्धि जिससे कलाओं को संरक्षण प्राप्त हुआ।
3. धर्मयुद्ध जिससे पूर्व का ज्ञान एवं उन्मुक्त वातावरण से परिचय हुआ।
4. कागज व मुद्रण यंत्र का आविष्कार जिससे ज्ञान का प्रचार-प्रसार हुआ।
5. मंगोल साम्राज्य का उदय जिससे संस्कृतियों का मेलजोल बढ़ा।
6. मानववाद का प्रचार जिससे मानव के प्रति विस्तृत सोच बढ़ी।
7. वैज्ञानिक चेतना का विकास जिससे ज्ञान-विज्ञान एवं भौगोलिक खोजों का विकास।
8. पांडित्यवाद (Scolstic) विचारधारा का प्रादुर्भाव जिससे तर्कवाद का प्रसार हुआ।
प्रश्न: उन अनुकूल परिस्थितियों को बताइए जिनके फलस्वरूप पुनर्जारण हुआ।
उत्तर:
1. धर्मयुद्ध (11वीं शताब्दी) जिससे यूरोप के बाहर के क्षेत्रों के साथ यूरोपवासियों का सम्पर्क व नवीन दृष्टि को बल मिला।
2. भौगोलिक खोजें व नवीन क्षेत्रों के साथ संबंध जिससे नवीन दृष्टि को बल मिला। (पनर्जागरण भौगोलिक खोजों से प्रेरित था व भौगोलिक खोजे, पुनर्जागरण का परिणाम भी थी)
3. व्यापार व वाणिज्य का विकास व उससे जुड़े मध्यम वर्ग का उदय।
4. कुलीन तंत्र का पतन।
5. प्रगतिशील शासकों की भूमिका।
6. अतीत से प्रेरणा विशेष रूप से इटली के सन्दर्भ में।
7. आर्थिक समृद्धि की वृद्धि व इससे सांस्कृतिक गतिविधियों को बल।
8. छापेखाने का आविष्कार व साहित्यिक लेखन को बल।
9. कुस्तुन्तुनिया का पतन व यहां के सांस्कृतिक आदर्शों का यूरोप में प्रसार।
प्रश्न: पुनर्जागरण इटली में आरम्भ क्यों हुआ ?
उत्तर: इटली रैनेसा का जन्मस्थल (पालना) कहा जाता है। इसे पुनर्जागरण का प्रवेशद्वार भी कहा जाता है। इटली में रैनेसा के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे –
ऽ इटली के नगर प्राचीन रोमन ज्ञान व संस्कृति के केन्द्र थे जैसे – रोम, फ्लोरेंस वेनिस आदि।
ऽ इटली का मानववाद का केन्द्र होना।
ऽ इटली के धनी नगर (व्यापार का केन्द्र होना) – मिलान, नेपल्स, फ्लोरेंस, वेनिस आदि।
ऽ रोम अब भी सम्पूर्ण पश्चिमी यूरोपीय ईसाई जगत् का मुख्य केन्द्र था। ईसाई धर्म का सर्वोच्च धर्मगुरु पोप रोम में ही निवास करता था।
ऽ अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण इटली ने भूमध्यसागरीय व्यापार पर अपना एकाधिकार जमा रखा था।
ऽ क्रूसेड से लौटने वालों का इटली आकर रुकना।
ऽ पोप निकोलस पंचम का सहयोग। जैसे – सेंटपीटर के गिरजे का निर्माण, वेटिकन पुस्तकालय की स्थापना, समस्त रोम का निर्माण। वेनिस, फ्लोरेंस और मिलान में विश्वविद्यालय स्थापित किए गए।
ऽ रोम का लैटिन साहित्य का केन्द्र होना।
ऽ इटली में विभिन्न जातियों का होना।
ऽ ग्रीस के विद्वानों का इटली की ओर पलायन।
ऽ फ्लोरेंस के मेडिची परिवार एवं मिलान के स्फोरजॉस परिवार द्वारा कला को प्रोत्साहन। कैसिमो मैडिसी और उसके पौत्र फ्लोरेन्जों कैसिमो ने अपने धन का उपयोग लगभग 10,000 दुर्लभ ग्रंथों को एकत्र करने एवं उनका अनुवाद कराने में किया।
ऽ इटली की समृद्धि से व्यापारिक मध्यम वर्ग का उदय हुआ।
ऽ इटली में अकेले फ्लोरेंस नगर ने ही सर्वाधिक कलाकारों और साहित्यकारों को प्रश्रय दिया। दांते, पैट्रार्क, बुकासियो, एंजेलो, लिओनार्दो, गिबेर्ती, मैकियावेली आदि इसी नगर की देन हैं।
प्रश्न: पुनर्जागरण की विशेषताएं बताइए।
उत्तर: पुनर्जागरण की निम्नलिखित विशेषताएं थी।
ऽ पुष्टि के लिए प्रयोग का महत्व स्थापित होना।
ऽ मानववाद अर्थात् मानव जीवन, उसकी समस्याओं, उसके महत्व आदि पर विचार।
ऽ सहज सौन्दर्य की उपासना।
ऽ परम्पराओं का मान्यताओं को तर्क की कसौटी पर कसना।
ऽ बोलचाल की भाषा में साहित्य की रचना।
ऽ मध्यकालीन विषयों का प्रभाव।
ऽ व्यक्तित्व का स्वतंत्र विकास।
ऽ वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास।
प्रश्न: पुनर्जागरण एक मनोदशा थी। विवेचना कीजिए।
उत्तर:
1. पुनर्जागरण अतीत में रूचि का प्रतीक और भविष्य को समझने का दृष्टिकोण था।
2. पुनर्जागरण अज्ञात को समझने के प्रति एक चेतना थी।
3. पुनर्जागरण चिन्तन की स्वतंत्रता का परिचायक। स्वतंत्र सोच का परिचायक था।
4. पुनर्जागरण एक उत्सुकतापूर्ण दृष्टि का परिचायक जिसमें परीक्षण व जांच तर्क के तत्वों का निहित होना।
5. एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण, एक विवेकपूर्ण दृष्टिकोण, एक तर्कसंगत दृष्टिकोण था।
6. पुनर्जागरण की दृष्टि का केन्द्रबिन्दु मानव जिसके अन्तर्गत मानव गरिमा की स्थापना पर बल दिया गया। मानव के प्रति यह दृष्टिकोण एक नवीन दृष्टि का परिचायक था।
इस नवीन दृष्टि की अभिव्यक्ति विभिन्न क्षेत्रों में जैसे – कला, साहित्य, विज्ञान आदि में हुई।
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