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Categories: BiologyBiology

दीप्तिकालिता किसे प्रभावित करती है ? दीप्ति कालिता मुख्य रूप से निम्नलिखित में से किसे प्रभावित करती है

दीप्ति कालिता मुख्य रूप से निम्नलिखित में से किसे प्रभावित करती है दीप्तिकालिता किसे प्रभावित करती है ?

18. दीप्तिकालिता किसे प्रभावित करती है ?
(अ) यह सभी (ब) फूल खिलने
(स) वनस्पति उगने (द) फल निकलने
S.S.C.  संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier-1) परीक्षा, 2015
उत्तर-(ब)
दीप्तिकालिता (Photoperiodism) मुख्यतः पौधों के फूल खिलने (Flowering) की क्रिया को प्रभावित करती है।
19. पत्तियां हरी क्यों दिखाई देती हैं?
(अ) हरे, प्रकाश का अवशोषण करती हैं
(ब) हरा, प्रकाश परावर्तित करती हैं
(स) दोनों
(द) कोई नहीं
S.S.C. स्टेनोग्राफर परीक्षा, 2014
उत्तर-(ब)
जब श्वेत प्रकाश पेड़-पौधों की पत्तियों पर पड़ता है तब यह हरे रंग को छोड़कर अन्य सभी रंगों को अवशोषित कर लेती हैं तथा केवल हरे रंग को ही परावर्तित होने देती हैं, जिस कारण हमें पत्तियां हरी दिखाई देती हैं।
20. पराबैंगनी (UV) क्षति से पादपों की रक्षा करने वाला वर्णक है-
(अ) फाइकोसायनिन
(ब) कैरोटिनॉइड
(स) पर्णहरित (क्लोरोफिल)
(द) पर्णपीत (जैन्थोफिल)
S.S.C.CPO परीक्षा, 2012
उत्तर-(*)
क्लोरोफिल एवं कैरोटिनॉइड वर्णक (Pigment) दोनों पराबैंगनी (UV) क्षति से पादपों की रक्षा करने में सहायक होते हैं।
21. प्रकाश-संश्लेषण के लिए इसकी जरूरत होती है-
(अ) धूप (ब) जल
(स) पर्णहरित (क्लोरोफिल) (द) उपर्युक्त सभी
S.S.C.CPO परीक्षा, 2012
उत्तर-(द)
प्रकाश-संश्लेषण के लिए धूप, जल और पर्णहरित (क्लोरोफिल) सभी की आवश्यकता होती है। प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया के द्वारा पौधे अपना भोजन बनाते हैं।
22. क्लोरोफिल का खनिज घटक है-
(अ) आयरन (ब) मैग्नीशियम
(स) कैल्शियम (द) पोटैशियम
S.S.C.CPO परीक्षा, 2008
उत्तर-(ब)
क्लोरोफिल प्रायः सभी हरे पौधों, शैवाल तथा साइनोबैक्टीरिया में पाया जाने वाला हरे रंग का वर्णक होता है, जिसका खनिज घटक मैग्नीशियम (Mg) है। क्लोरोफिल के विभिन्न प्रकार तथा उनका रासायनिक सूत्र निम्नलिखित है-
क्लोरोफिल ए – C55 H72O5N4 Mg
क्लोरोफिल बी – C55 H70O6N4 Mg
क्लोरोफिल सी, – C35 H30O5N4 Mg
क्लोरोफिल सी, – C35 H28O5N4 Mg
क्लोरोफिल डी – C54 H70O6N4 Mg
23. क्लोरोफिल में क्या पाया जाता है?
(अ) लोहा (ब) मैग्नीशियम
(स) कोबॉल्ट (द) जस्ता
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2013
उत्तर-(ब)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
24. निम्नलिखित का मिलान कीजिए-
सूची-i                   सूची-ii
(अ) क्लोरोफिल (i) पादप रोग
(ब) नॉस्टोक (ii) प्रकाश-संश्लेषण पिगमेंट
(स) वाष्पोत्सर्जन (iii) डाइएजोट्रॉफ
(द) गेहूं का किट्ट (iv) पादप सतह से पानी की कमी

(अ) (ब) (स) (द)
(अ) (i अ) (iii) (i) (ii)
(ब) (ii) (i अ) (iii) (i)
(स) (iii) (iअ) (ii) (i)
(द) (ii) (iii) (iअ) (i)
S.S.C. संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier-I) परीक्षा, 2015
उत्तर-(द)
सही सुमेलन है –
सूची-i सूची-ii
क्लोरोफिल – प्रकाश-संश्लेषण पिगमेंट
नॉस्टोक – डाइएजोट्रॉफ
वाष्पोत्सर्जन – पादप सतह से पानी की कमी
गेहूं का किट्ट – पादप रोग
25. प्रकाश-संश्लेषण की लगभग उलटी प्रक्रिया है-
(अ) स्टार्च का पाचन (ब) लोहे को जंग लगना
(स) फलों का पकना (द) लकड़ी का जलना
S.S.C. F.C.I. परीक्षा, 2012
उत्तर-(द)
प्रकाश-संश्लेषण में CO2 ग्रहण की जाती है और O2 उत्सर्जित की जाती है जबकि लकड़ी के जलने में CO2 का उत्सर्जन होता है।
26. प्रकाशानुवर्ती संचलन, किसके द्वारा नियंत्रित किया जाता है?
(अ) ऑक्सिन (ब) जिबरेलिन
(स) साइटोकाइनिन (द) एथिलीन
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2013
उत्तर-(अ)
पादप हॉर्मोन, ऑक्सिन के उचित वितरण से पौधों के प्रकाशानुवर्ती संचलन को नियंत्रित किया जा सकता है।
27. बौने पौधों को किसके अनुप्रयोग से लंबा किया जा सकता है?
(अ) साइटोकिनिन (ब) डॉर्मिन
(स) ऑक्सिन (द) जिबरेलिन्स
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2015
उत्तर-(द)
बौने पौधों को जिबरेलिन्स के अनुप्रयोग से लंबा किया जा सकता है। जिबरेलिन्स की खोज जापान में हुई थी। जिबरेला फुजीकरोई नामक फफूंद के कारण ही इस रसायन का नाम जिबरेलिन पड़ा।
28. स्तंभ (तना) होता है प्रायः
(अ) धनात्मकतः प्रकाशानुवर्ती
(ब) ऋणात्मकतः प्रकाशानुवर्ती
(स) ऋणात्मकतः जियोट्रॉपिक
(द) धनात्मकतः ऐक्रोट्रॉपिक
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2014
उत्तर-(अ)
स्तंभ (तना) प्रायः धनात्मक: प्रकाशानुवर्ती होता है, जबकि जड, प्रायः ऋणात्मक प्रकाशानुवर्ती होती है।
29. पादपों और प्राणियों में यह अंतर है कि पादपों में-
(अ) चलन होता है
(ब) उपापचय होता है
(स) स्थानगत वृद्धि होती है
(द) अपचय होता है
S.S.C. मैट्रिक स्तरीय परीक्षा, 2008
उत्तर-(स)
पौधों में वृद्धि विशेष कोशिकाओं द्वारा होती है जो विशेष स्थानों पर स्थित होती है। जड़ व तनों के सिरे पर शीर्षस्थ विभज्योतक और अंतर्वेशी विभज्योतक के विभाजन से लंबाई में वृद्धि होती है। पार्वीय विभज्योतक द्वारा मोटाई में वृद्धि होती है। जंतुओं में वृद्धि एक विशेष स्थान पर न होकर सब स्थानों पर होती है।
30. मूल परजीवी के रूप में व्यवहार करने वाला पौधा है-
(अ) फाइकस (ब) सैन्टेलम
(स) कस्कुटा (द) यूफोर्बिया
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2013
उत्तर-(स)
सामान्यतः प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया द्वारा पौधे अपना भोजन स्वयं बनाते हैं हालांकि कुछ पौधे ऐसे भी हैं, जो अपने भोजन के लिए अंशतः या पूर्णतया दूसरों पर निर्भर होते हैं। इस प्रकार ये अंशतः या पूर्णतः जड़ या तनों के परजीवी बन जाते हैं। कस्कुटा (अमरबेल, डोडर) एक तने का पूर्ण परजीवी है। जड़ों पर पूर्ण रूप से परजीवी के रूप में पाए जाने वाले पौधे हैं-ओरोबैंके, रैफ्लेशिया, स्ट्रिगा, बैलानोफोरा आदि। सैन्टेलम एक मूल परजीवी है जो अंशतः परजीवी है।
31. स्वपोषित थैलोफाइटों वाले पादपों को क्या कहते हैं?
(अ) शैवाल (ब) लाइकेन
(स) फंजाई (द) ब्रायोफाइट
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2013
उत्तर-(अ)
जो पौधे फूल तथा बीज नहीं उत्पन्न करते उनको ‘क्रिप्टोगैम‘ कहते हैं। शैवालों का वर्गीकरण क्रिप्टोगैम के थैलोफाइटा वर्ग में किया गया है। इनमें पर्णहरित पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। ये स्वपोषी होते हैं अर्थात् पौधों के समान सूर्य के प्रकाश की उपस्थिात में प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।
32. पादप द्वारा बड़ी मात्रा में अपेक्षित तत्त्व है-
(अ) कैल्शियम (ब) नाइट्रोजन
(स) फॉस्फोरस (द) सल्फर
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2010
उत्तर-(ब)
पादप द्वारा बड़ी मात्रा में अपेक्षित तत्त्व नाइट्रोजन है। निम्नतम आवश्यक पोषक तत्त्व तथा प्रतिशत मात्रा निम्नलिखित है-
नाइट्रोजन – 1.5 प्रतिशत
पोटैशियम – 1 प्रतिशत
कैल्शियम – 0.5 प्रतिशत
मैग्नीशियम – 0.2 प्रतिशत
फॉस्फोरस – 0.2 प्रतिशत
सल्फर – 0.1 प्रतिशत
33. निम्नलिखित में से कौन-सा पादप रंजक रक्त एवं सुदूर-रक्त प्रकाश क्षेत्र में अवशोषित हो जाता है?
(अ) फाइटोक्रोम (ब) क्रिप्टोक्रोम
(स) कैरोटिनॉइड (द) क्लोरोफिल
S.S.C. संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier-I) परीक्षा, 2013
उत्तर-(अ)
फाइटोक्रोम एक पादपवर्णक है जो लाल प्रकाश के लिए प्रकाशग्राही होता है। यह पुष्पन, तंद्रावस्था, पत्ती निर्माण और बीज अंकुरण जैसी कई विकासात्मक प्रक्रियाओं में शामिल रहता है।
34. निम्नलिखित में से किस उर्वरक में फसलों के लिए आवश्यक सभी पोषक पाए जाते हैं?
(अ) DAP (ब) यूरिया
(स) सुपरफॉस्फेट (द) कम्पोस्ट
S.S.C.  मैट्रिक स्तरीय परीक्षा, 2006
उत्तर-(द)
कम्पोस्ट का अपनी उच्च गुणवत्ता के कारण प्रमुख उर्वरक के रूप में उपयोग किया जाता है। इसमें फसलों के आवश्यक सभी पोषक पाए जाते हैं।
35. यीस्ट, महत्त्वपूर्ण स्रोत है-
(अ) विटामिन ठ का (ब) इन्वर्टेस का
(स) विटामिन ब् का (द) प्रोटीन का
S.S.C.  संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2013
उत्तर-(ब)
यीस्ट, इन्वर्टेस का महत्त्वपूर्ण स्रोत है।
36. निम्न में कौन कीटाहारी पादप है?
(अ) बालानोफोरा (ब) रेफलेसिया
(स) ओरोबांशि (द) ड्रोसेरा
S.S.C.  मल्टी टास्किंग परीक्षा, 2013
उत्तर-(द)
ड्रोसेरा (äosera) एक कीटाहारी पादप (Carnivorous Plant) है।
37. कुछ पौधों के बीज अंकुरित नहीं हो पाते यदि वे फल-भक्षी पक्षियों के पाचन क्षेत्र से न गुजरें। इसका कारण है-
(अ) शीतनिष्क्रियता (ब) बीज आवरण अपारगम्यता
(स) अनुर्वरता (द) कायिक जनन
S.S.C. CPO परीक्षा, 2006
उत्तर-(ब)
कुछ पौधों के बीज का आवरण बहुत कठोर होता है। फल-भक्षी पक्षियों के पाचन क्षेत्र से गुजरने पर उसकी कठोरता कम हो जाती है जिससे बीज का अंकुरण संभव होता है।
38. बीज प्रसुप्तति किससे नियंत्रित होती है?
(अ) एबसिसिक अम्ल (ब) जिबेरेलिक अम्ल
(स) इंडोल एसिटिक अम्ल (द) इथीलीन
S.S.C. मल्टी टास्किंग परीक्षा, 2013
उत्तर-(अ)
बीजों के अंकुरण के लिए जिबेरेलिक अम्ल जिम्मेदार है। यह बीजों के लिए हॉर्मोन के रूप में काम करता है, जबकि एबसिसिक अम्ल बीजों की प्रसुप्तति के लिए जिम्मेदार है।
39. बीज किसके बिना अंकुरित हो सकता है?
(अ) उपयुक्त आर्द्रता (ब) उपयुक्त ताप
(स) पर्याप्त प्रकाश (द) ऑक्सीजन की उपलब्धता
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2012
उत्तर-(स)
बीज का अंकुरण बिना प्रकाश के भी संभव है। अतः उपयुक्त प्रकाश न होने पर भी बीज अंकुरित हो जाता है।
40. नर-पुष्प और स्त्री-पुष्प दोनों को जन्म देने वाला पादप कहलाता है-
(अ) द्विलिंगी (उभयलिंगी) (ब) एकलिंगाश्रयी
(स) उभयलिंगाश्रयी (द) एकसंगमनी
S.S.C. CPO परीक्षा, 2012
उत्तर-(स)
नर पुष्प एवं मादा पुष्प दोनों को जन्म देने वाला पादप उभयलिंगाश्रयी (Monoecious) कहलाता है।
41. पुंकेसर अपने पराग-कोशों से और पत्तियों से भी किसमें परस्पर मिले होते हैं?
(अ) लिलिएसी (ब) कंपोजिटी
(स) यूफार्बियेसी (द) लेग्युमिनोसी
S.S.C. संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier-I) परीक्षा, 2014
उत्तर-(अ)
लिलिएसी कुल के फूल पौधों में पुंकेसर अपने पराग-कोशों से और पत्तियों से भी परस्पर मिले होते हैं।
नोट- कर्मचारी चयन आयोग द्वारा जारी उत्तर पत्रक में इस प्रश्न का उत्तर (ब) दिया गया था जो कि त्रुटिपूर्ण है। परिणाम घोषित करने से पूर्व इस प्रश्न का उत्तर परिवर्तित किए जाने की संभावना है।
42. लिलिएसी का वह सदस्य जो जालिकारूपी शिराविन्यास दर्शाता है, यह है-
(अ) ऐलियम (ब) सिला
(स) स्माइलेक्स (द) ऐलो
S.S.C.  संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier-I) परीक्षा, 2014
उत्तर-(स)
लिलिएसी का वह सदस्य जो जालिकारूपी शिराविन्यास दर्शाता है, यह स्माइलेक्स है।
43. पौधे के किस भाग को श्केसरश् के रूप में इस्तेमाल किया जाता है?
(अ) बाह्य दल (ब) पंखुड़ी
(स) पुंकेसर (द) वर्तिका तथा वर्तिकाग्र
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2012
उत्तर-(स)
पौधे के पुष्प में धागे जैसे महीन भाग को केसर के रूप में प्रयोग किया जाता है। पुष्प का पुरुष (डंसम) हिस्सा पुंकेसर तथा स्त्री (थ्मउंसम) हिस्सा स्त्रीकेसर कहलाता है। पुंकेसर (Stamen) में ही तंतु और परागकोष उपस्थित रहता है। इसी तंतुरूपी भाग को केसर के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।
44. बुलबिल्स किसमें भाग लेते हैं?
(अ) लैंगिक जनन (ब) कायिक जनन
(स) खाद्य भंडारण (द) श्वसन
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2014
उत्तर-(ब)
बुलबिल्स, कायिक जनन में भाग लेते हैं। कुछ पौधों की पति अक्षों पर बल्ब की तरह छोटी संरचना पाई जाती है। बुलबिल्स कहते हैं।
45. कीटभक्षी पादप ऐसी मिट्टी में उगते हैं जिसमें किसकी होती है?
(अ) कैल्शियम (ब) नाइट्रोजन
(स) मैग्नीशियम (द) जल
S.S.C. मल्टी टास्किंग परीक्षा, 2018
उत्तर-(ब)
यूट्रीकुलेरिया का पौधा नाइट्रोजन की कमी वाले मृदा में उगता है। नाइट्रोजन की कमी की पूर्ति कीटों के भक्षण द्वारा करने के कारण यूट्रीकुलेरिया को कीटभक्षी पौधा कहते हैं।
46. कीटभक्षी पौधे किस तत्त्व की कमी वाली मिट्टी में उगते हैं?
(अ) सोडियम (ब) कैल्शियम
(स) नाइट्रोजन (द) मैग्नीशियम
S.S.C.C.P.O. परीक्षा, 2013
उत्तर-(स)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
47. कौन-सा पौधा कीट पकड़ता है?
(अ) आस्ट्रेलियन एकेशिया (ब) स्माइलैक्स
(स) नेपन्थस (द) नीरियम
S.S.C.F.C.I. परीक्षा, 2012
उत्तर-(स)
उपर्युक्त विकल्पों में से नेपन्थस कीटभक्षी पौधा है, इसे ‘घटपर्णी‘ (Pitcher plant) के नाम से भी जाना जाता है। इसकी पत्तियां घड़े के आकार की होती हैं तथा कीटों के बैठने पर तुरंत बंद हो जाती हैं।
48. निम्नलिखित में से कौन-सा पादप कीटभक्षी नहीं है?
(अ) नेपेन्थीज (घटपर्णी) (ब) यूट्रीकुलेरिया
(स) ड्रासेरा (द) कस्कुटा
S.S.C. मल्टी टास्किंग परीक्षा, 2013
उत्तर-(द)
कीटभक्षी पौधे नेपेन्थीस (घटपर्णी), यूट्रीकुलेरिया, ड्रोसेरा, एल्ड्रोवेन्डा, डायोनिया पिंग्विकुला इत्यादि हैं। कस्कूटा स्तंभी परजीवी है जिस सामान्य भाषा में अमरबेल कहते हैं।
49. जल बिंदुओं के के रूप में जल की हानि क्या कहलाती है?
(अ) सवण (ब) वाष्पोत्सर्जन
(स) बिंदु स्राव (द) वाष्पीकरण
S.S.C. संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier-I) परीक्षा, 2014
उत्तर-(स)
जल बिंदुओं के रूप में जल की हानि ‘बिंदु स्राव‘ कहलाती है। बिंदु स्राव की
घटना अधिकतर रात्रि में होती है। यह किसी भी सुरक्षा कोशिका की सहायता से नियंत्रित नहीं होती है। यह कुछ ही पौधों में होती है। जैसे-घास, टमाटर आदि।

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