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त्रिसंलयन क्या है ? यह कहाँ और कैसे सम्पन्न होता है ? त्रि-संलयन में सम्मिलित न्यूक्लीआई का नाम बताएँ।

प्रश्न 11. त्रिसंलयन क्या है ? यह कहाँ और कैसे सम्पन्न होता है ? त्रि-संलयन में सम्मिलित न्यूक्लीआई का नाम बताएँ।
उत्तर : त्रिसंलयन (triple fusion in hindi) – पराग नलिका दो केन्द्रकों को भ्रूणकोष में मुक्त करती है। भ्रूणकोष में एक नर युग्मक अण्ड कोशिका (egg cell or female gamete) से मिलकर युग्मनज (zygote) बनाता है। इसे सत्य निषेचन या संयुग्मन (syngamy) कहा जाता हैं। दूसरा नर युग्मक द्विगुणित द्वितीयक केन्द्रक (secondary nucleus) या दो अगुणित ध्रुवीय केन्द्रकों (polar nuclei) से मिलकर त्रिगुणित (triploid) प्राथमिक भ्रूणपोष केन्द्रक (primary endospermic nucleus) बना लेता है। यह भ्रूणकोष में सम्पन्न होता है। इस क्रिया को त्रिसंलयन (triple fusion) कहते हैं।

त्रिसंलयन में सम्मिलित केन्द्रक निम्नलिखित है –

एक नर युग्मक

दो ध्रुवीय केन्द्रका
आवृतबीजी पौधों में संयुग्मन (syngamy) तथा त्रिसंलयन (triple fusion) को सम्मिलित रूप से द्विनिषेचन (double fertilization) कहा जाता हैं। युग्मनज से भ्रूण और प्राथमिक भ्रूणपोष केन्द्रक से भ्रूणपोष (endosperm) का विकास होता है।

अन्य उत्तर इस प्रकार समझा जा सकता है –

जब परागण क्रिया होती है तो परागण क्रिया के द्वारा परागण वर्तिकाग्र पर पहुँच जाते है , यहाँ ये परागण कण अंकुरित होने के कारण परागनलिका का निर्माण कर लेते है | इस परागनलिका में जनन कोशिका विभाजित हो जाती है और विभाजन के कारण ये दो नर नर युग्मक का निर्माण कर लेती है | इसके पश्चात यह परागनलिका इन नर युग्मकों को भ्रूणकोष में पहुंचा देती है | अब ये नर युग्मक इस भ्रूणकोष में अंड कोशिका से मिलकर युग्मनज का निर्माण कर लेते है , इस क्रिया को संयुग्मन कहा जाता है |

दूसरा नर युग्मक द्वितीयक केन्द्रक से मिलकर या दो अगुणित ध्रुवीय केन्द्रकों से मिलकर त्रिगुणित प्राथमिक भ्रूण कोष केन्द्रक का निर्माण कर लेते है , इसी क्रिया को ही त्रि संलयन क्रिया कहा जाता है | अत: हम कह सकते है कि त्रि संलयन में निम्नलिखित का निर्माण होता है –

एक नर युग्मक और दो ध्रुवीय केंद्रक