वह ब्रह्मवादिनी थी जिसने कुछ वेद मन्त्रों की रचना की थी ? निम्नलिखित में कौन-सी वह ब्रह्मवादिनी थी जिसने कुछ वेद मन्त्रों की रचना की थी ?
वह ब्रह्मवादिनी थी जिसने कुछ वेद मन्त्रों की रचना की थी ?
1. हिन्द (भारत) की जनता के सन्दर्भ में ‘हिन्दू‘ शब्द का प्रथम बार प्रयोग किया थाः [1995,
(अ) यूनानियों ने (स) रोमवासियों ने
(स) चीनियों ने (द) अरबों ने
2. निम्नलिखित में कौन-सी वह ब्रह्मवादिनी थी जिसने कुछ वेद मन्त्रों की रचना की थी ? [1995,
(अ) लोपामुद्रा (स) गार्गी
(स) लीलावती (द) सावित्री
उत्तर : 2. (अ) लोपामुद्रा, घोषा, सिक्ता, विश्ववारा, अपाला और निवावरी आदि विदुषी स्त्रियों ने वेदमंत्रों (वैदिक ऋचाओं) की रचना की थी।
3. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिये हुए कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिएः [1995, सूची- I सूची-II
(संवत्सर) (किसी समय से गणना)
अ. विक्रम संवत्सर 1. 3102 ई. पू.
ब. शक संवत्सर 2 320 ई.
स. गुप्त संवत्सर 3. 78 ई.
द. कलि संवत्सर 4. 58 ई.पू.
5. 248 ई
कूटः
(अ) अ-2 ; ब-4 ; स-5 ; द-1
(स) अ-1 ; ब-3 ; स-2 ; द-4
(स) अ-4 ; ब-5 ; स-2 ; द-3
(द) अ-4 ; ब-3 ; स-2 ; द-1
4. गुप्त काल में लिखित संस्कृत नाटकों में स्त्री और शुद्र बोलते हैंः (अ) संस्कृत (स) प्राकृत [1995,
(स) पालि (द) सौरसेनी
5. अशोक का अपने शिलालेखों में सामान्यतः जिस नाम से उल्लेख हुआ है, वह है- [1995,
(अ) चक्रवर्ती (स) धर्मदेव
(स) धर्मकीर्ति (द) प्रियदर्शी
6. प्राचीन संस्कृत ग्रन्थों में प्राप्त ‘यवनप्रिय‘ शब्द द्योतक थाः [1995,
(अ) एक प्रकार की उत्कृष्ट भारतीय मलमल का
(ब) हाथी दाँत का
(स) नृत्य के लिए यवन राजसभा में भेजी जाने वाली नर्तकियों का
(द) कालीमिर्च का
7. अणुव्रत सिद्धान्त का प्रतिपादन किया थाः [1995,
(अ) महायान बौद्ध सम्प्रदाय ने
(स) हीनयान बौद्ध सम्प्रदाय ने
(स) जैन धर्म ने
(द) लोकायत शाखा ने
8. दर्शन की मीमांसा प्रणाली के अनुसार, मुक्ति निम्नलिखित में से किन साधनों से संभव है? [1995,
(अ) ज्ञान (स) भक्ति
(स) योग (द) कर्म
9. चोल काल के दौरान नटराज की कांस्य प्रतिमा, देवता को निरपवाद रूप से निम्नलिखित के साथ दिखाती हैः [1995,
(अ) आठ हाथ (स) छह हाथ
(स) चार हाथ (द) दो हाथ
10. प्राचीन भारत के विश्वोत्पत्ति (ब्वेतउवहवदपब) विषयक धारणाओं के अनुसार चार युगों के चक्र का क्रम इस प्रकार हैः [1996,
(अ) द्वापर, कृत, त्रेता और कलि
(स) कृत, द्वापर, त्रेता और कलि
(स) कृत, त्रेता, द्वापर और कलि
(द) त्रेता, द्वापर, कलि और कृत
11. देवदासी संस्था के प्रसंग में निम्नलिखित में से कौन-सा मन्दिर समाचारों में चर्चित रहा है? [1996,
(अ) जगन्नाथ मन्दिर, पुरी
(स) पशुपतिनाथ मन्दिर, काठमाण्डू
(स) कन्दरिया महादेव मन्दिर, खजुराहो
(द) चैसठ योगिनी मन्दिर, भेड़ाघाट
12. आरम्भिक वैदिक साहित्य में सर्वाधिक वर्णित नदी है। [1996,
(अ) सिन्धु (स) शुतुद्री
(स) सरस्वती (द) गंगा
13. निम्नलिखित में से कौन-सा आरम्भिक जैन साहित्य का भाग नहीं है? [1996,
(अ) थेरीगाथा (स) आचारांगसूत्र
(स) सूत्रकृतांग (द) वृहत्कल्पसूत्र
14. निम्नलिखित में से कौन-से तथ्य बौद्ध धर्म और जैन धर्म दोनों में समान रूप से विद्यमान थे? [1996,
1. तप और भोग की अति का परिहार
2. वेद प्रामाण्य के प्रति अनास्था
3. कर्मकाण्डों की फलता का निषेध
4. प्राणियों की हिंसा का निषेध (अहिंसा)
नीचे दिए हुए कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिएः
कूटः
(अ) 1,2,3 और 4 (स) 2,3 और 4
(स) 1,3 और 4 (द) 1 और 2
15. प्राचीन भारतीय समाज के प्रसंग में निम्नलिखित शब्दों में से कौन-सा शब्द शेष तीन के वर्ग का नहीं है? [1996,
(अ) कुल (स) वंश
(स) कोश (द) गोत्र
16. निम्नलिखित में से कौन गुप्तकाल में अपनी आयुर्विज्ञान विषयक रचना के लिए जाना जाता है? [1996,
(अ) सौमिल्ल (स) शुद्रक
(स) शौनक (द) सुश्रुत
17. निम्नलिखित में से किस मूर्तिकला में सदैव हरित स्तरित चट्टान (शिस्ट) का प्रयोग माध्यम के रूप में होता था? [1996,
(अ) मौर्य मूर्तिकला (स) मथुरा मूर्तिकला
(स) भरहुत मूर्तिकला (द) गान्धार मूर्तिकला
18. सूची-प् और सूची-प्प् को सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिये गए कुट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिएः
ख्1996,
सूची- I सूची-II
अ. विशाखदत्त 1. चिकित्सा
ब. वराहमिहिर 2. नाटक
स. चरक 3. खगोल विज्ञान
द. ब्रह्मगुप्त 4. गणित
कूटः
(अ) अ-1 ; ब-3 ; स-4 ; द-2
(स) अ-2 ; ब-1 ; स-3 ; द-4
(स) अ-2 ; ब-3 ; स-1 ; द-4
(द) अ-3 ; ब-4 ; स-1 ; द-2
19. प्राचीन भारत के निम्नलिखित ग्रन्थों में से किसमें पति द्वारा परित्यक्त
पत्नी के लिए विवाह विच्छेद की अनुमति दी गई है? [1996,
(अ) कामसूत्र (स) मानवधर्म शास्त्र
(स) शुक्र नीतिसार (द) अर्थशास्त्र
20. सूची प् को सूची प्प् से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिएः [1997,
सूची- I सूची-II
अ. गुप्त 1. बादामी
ब. चन्देल 2. पनमलै
स. चालुक्य 3. खजुराहो
द. पल्लव 4. देवगढ़
कूटः
(अ) अ-4 ; ब-3 ; स-1 ; द-2
(स) अ-4 ; ब-2 ; स-3 ; द-1
(स) अ-2 ; ब-3 ; स-4 ; द-1
(द) अ-3 ; ब-4 ; स-1 ; द-2
हल और उत्तर
1. (द) हिन्दू शब्द का प्रथम बार प्रयोग अरबों ने किया। अरबी लोग ‘स‘ के स्थान पर ‘ह‘ शब्द का प्रयोग करते थे अतः सिन्धु को उन्होंने हिन्दु कहा। अलबरूनी ने किताब-अल-हिन्द में भारतीयों के लिए हिन्दु शब्द का प्रयोग किया।
2. (अ) लोपामुद्रा, घोषा, सिक्ता, विश्ववारा, अपाला और निवावरी आदि विदुषी स्त्रियों ने वेदमंत्रों (वैदिक ऋचाओं) की रचना की थी।
3. (द) विक्रम संवत्सर 58 ई.पू. में मालवा के शासक विक्रमादित्य द्वाराप्रारम्भ किया गया। शक संवत् 78 ई. में कुषाण शासक कनिष्क द्वारा प्रारम्भ किया गया तथा यही आज भारत का राष्ट्रीय संवत् है। गुप्त संवत् की स्थापना 319-20 ई. में चन्द्रगुप्त प्रथम द्वारा की गई। कलि संवत्सर का प्रारम्भ 3102 ई. पू. से माना गया है। 248 ई. में कलचुरि संवत् का प्रारम्भ माना गया है।
4. (स) गुप्तकालीन नाटकों में निम्न सामाजिक स्तर के लोग (शूद्र) तथा स्त्रियाँ प्राकृत तथा उच्च सामाजिक स्तर के लोग संस्कृत बोलते हैं।
5. (द) अशोक के अधिकांश शिलालेखों एवं अभिलेखों में उसे प्रियदर्शी
ही कहा गया है। यद्यपि कुछ शिलालेखों में देवानाम् प्रिय तथा अशोक नाम का भी उल्लेख मिलता है।
6. (द) यवन इण्डो-ग्रीक थे। उन्हें काली-मिर्च बहुत अधिक पसन्द थी
इसलिये कालीमिर्च का नाम ही ‘यवनप्रिय‘ हो गया और तब से इसी ‘यवनप्रिय‘ नाम से जाना जाता है।
7. (स) जैन धर्म में पाँच महाव्रतों – अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य – के पालन का विधान है। जैन भिक्षु इसे कठोरता से पालन करते हैं। गृहस्थ जीवन व्यतीत करने वाले जैनियों के लिए भी ये पाँच नियम अनिवार्य हैं, किन्तु उनको कठोरता में कमी कर दी गयी है, इसीलिए इसे अणुव्रत कहा जाता है।
8. (द) मीमांसा का अर्थ खोज या छानबीन होता है। इसके दो भाग हैं। पूर्व मीमांसा और उत्तर मीमांसा। पूर्व मीमांसा धर्म की व्याख्या सद्गुणों, नैतिकता और कर्तव्य के रूप में करती है। मीमांसा दर्शनशास्त्र कर्म के सिद्धांत पर जोर देता है जिसके अनुसार ‘कर्म‘ मुक्ति का माध्यम बन सकता है।
9. (स) नटराज की चार हाथों वाली कांस्य प्रतिमा चोल काल की मूर्तिकला की सर्वोत्तम उदाहरण है।
10. (स) सृष्टि के सम्पूर्ण काल को चार युगों में बाँटा गया है, जिसका क्रम इस प्रकार है-कृत, त्रेता, द्वापर और कलियुग।
11. (अ) पुरी का जगन्नाथ मंदिर देवदासी संस्था के प्रसंग में चर्चित रहा है।
12. (अ) आरम्भिक वैदिक साहित्य (ऋग्वेद) में सर्वाधिक वर्णित नदी सिंधु है। दूसरी सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण एवं पवित्र नदी सरस्वती है। गंगा का सिर्फ एक बार एवं यमुना का तीन बार उल्लेख है।
13. (अ) ‘थेरीगाथा‘ बौद्ध साहित्य का भाग है जैन साहित्य का नहीं। जबकि आचारांगसूत्र, सूत्रकृतांग एवं वृहत्कल्पसूत्र जैन साहित्य के भाग है।
14. (स) बौद्ध एव जैन धर्म बौद्ध एवं जैन धर्म के सिद्धान्तों में कुछ समानताएं पाई जाती हैं। वेद प्रमाण्य के प्रति अनास्था, कर्मकाण्डों की फलता का निषेध तथा प्राणियों की हिंसा का निषेध (अहिंसा) जैसे सिद्धान्त दोनों धर्मों में समान रूप से विद्यमान थे। जैन धर्म में तप और भोग की अति का परिहार नहीं था, बल्कि इस पर अधिक बल दिया, जबकि बौद्ध धर्म ने तप और भोग के अति की निन्दा की तथा मध्यममार्ग का अनुसरण करने को कहा। ‘संल्लेखन‘ जैनधर्म के अतिवादी रूप का उदाहरण है।
15. (स) ‘कोष‘ शब्द खजाने के लिये प्रयुक्त किया जाता था और बाकी तीन शब्दों का सम्बन्ध परिवार से है।
16. (द) सुश्रुत, गुप्तकाल में अपनी आयुर्विज्ञान विषयक रचना ‘सुश्रुत संहिता‘ के लिए जाने जाते हैं। इनका आविर्भाव चरक के कुछ समय बाद हुआ था। इन्होंने शल्य चिकित्सा के 121 उपकरणों का उल्लेख किया है। इन्हें शल्य चिकित्सा एवं प्लास्टिक सर्जरी का जनक माना जाता है।
17. (स) भरहुत स्तूप तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक ने स्थापित करवाये थे। परन्तु दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में भी शुंग काल के दौरान इन स्तूपों पर कलात्मक कार्य प्रारम्भ हुए थे। भरहुत से प्राप्त अवशेषों में बुद्ध की पूर्व जन्म की जातक कथाओं के दृश्य तथा वृक्ष, वेदिकाएँ, पुष्प, जानवरों की आकृ तियाँ आदि रेखांकित कर बनाई गई हैं। भरहुत मूर्तिकला में सदैव हरित स्तरित चट्टान (शिस्ट) का प्रयोग माध्यम के रूप में होता था।
18. (स) विशाखदत्त का सम्बंध नाटक से है जिन्होंने ‘मुद्राराक्षस‘ नामक नाट्यग्रन्थ की रचना की थी। बाराहमिहिर का संबंध खगोल विज्ञान से है। इनकी वृहत्संहिता, वृहत्जातक, लघुजातक, पंचसिद्धांतिका आदि प्रसिद्ध रचनाएं हैं। चरक का सम्बंध चिकित्सा से है जिनकी प्रसिद्ध रचना चरकशास्त्र है। ब्रम्हगुप्त का संबंध गणित से है। इन्होंने ब्रह्मध्मसिद्धान्त की रचना की।
19. (द) अर्थशास्त्र में पति द्वारा परित्यक्त पत्नी के विवाह विच्छेद की अनुमति दी गई है। अर्थशास्त्र की रचना कौटिल्य द्वारा की गयी थी। यह राजनीतिशास्त्र पर लिखी गई पुस्तक है। विवाह विच्छेद के लिए अर्थशास्त्र में ‘मोक्ष‘ शब्द का प्रयोग किया गया है।
20. (अ) वंश एवं स्थान का सही सम्बन्ध इस प्रकार है-
वंश – स्थान
अ. गुप्त – देवगढ
ब. चन्देल – खजुराहो
स. चालुक्य – बादामी
द. पल्लव – पनमलै
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