हमारी app डाउनलोड करे और फ्री में पढाई करे
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now
Download our app now हमारी app डाउनलोड करे

उन्मील परागणी पुष्पों से क्या तात्पर्य है ? क्या अनुन्मील्य पुष्पों में परपरागण सम्पन्न होता है ? अपने उत्तर की सतर्क व्याख्या करें।

By   June 27, 2022

प्रश्न 7. उन्मील परागणी पुष्पों से क्या तात्पर्य है ? क्या अनुन्मील्य पुष्पों में परपरागण सम्पन्न होता है ? अपने उत्तर की सतर्क व्याख्या करें।
उत्तर : कुछ पादपों में दो प्रकार के पुष्प पाए जाते हैं –
(i) उन्मील परागणी पुष्प (Chasmogamous flowers) – ये सामान्य पुष्पों के समान होते हैं, इनके परागकोश (anther) और वर्तिकान (stigma) अनावृत (exposed) होते हैं। इनमें सामान्य पुष्पों की तरह परागण होता है।

(ii) अनुन्मील्य परागणी पुष्प (Cleistogamous flowers) – इस प्रकार के पुष्प सदैव बन्द रहते हैं। इन पुष्पों में परागकोश एवं वर्तिकाग्र एक-दूसरे के सम्पर्क में रहते हैं। इनमें सदैव स्वपरागण होता है, क्योंकि वर्तिकान को अन्य पुष्पों से परागकण ग्रहण करने का अवसर प्राप्त नहीं होता। अनुन्मील्य पुष्यों में बीज निर्माण प्रक्रिया सुनिश्चित होती है।
उदाहरण – वायोला (Viola), ऑक्सैलिस (Oxalis), कनकौआ (कोमेलीना-Commelina)|

सब्सक्राइब करे youtube चैनल

अत: हम उत्तर दे सकते है कि चूँकि अनुन्मील्य पुष्पों में स्वपरागण होता है इसलिए इनमे परपरागण सम्पन्न नहीं हो सकता है क्योंकि या हमेशा बंद रहते है और बंद रहने के कारण इनको अन्य पुष्पों से परागकण ग्रहण करने का अवसर प्राप्त नहीं हो पाता है |

उन्मील परागणी पुष्प और अनुन्मील्य परागणी पुष्प युक्त पादप का नामांकित चित्र निम्न है –