एक स्पष्ट एवं साफ-सुथरे चित्र के द्वारा परिपक्व मादा युग्मकोद्भिद के 7-कोशीय, 8-न्यूक्लिएट (केन्द्रक) प्रकृति की व्याख्या कीजिए।

प्रश्न 6. एक स्पष्ट एवं साफ-सुथरे चित्र के द्वारा परिपक्व मादा युग्मकोद्भिद के 7-कोशीय, 8-न्यूक्लिएट (केन्द्रक) प्रकृति की व्याख्या कीजिए। [Structure of angiospermic female gametophyte (Embryo Sac)]

उत्तर : आवृतबीजी मादा युग्मकोद्भिद (भ्रूणकोष) की संरचना और इसकी व्याख्या निम्नलिखित है –   मुख्य रूप से आवृतबीजी पादपों का मादा युग्मकोद्भिद (भ्रूणकोष) 7-कोशिकीय और 8-केन्द्रकीय होता है। क्रियाशील गुरुबीजाणु का केन्द्रक समसूत्री विभाजन द्वारा दो संतति केन्द्रक बना लेता है। ये विपरीत ध्रुवों पर चले जाते हैं। विपरीत ध्रुवों पर स्थित केन्द्रक दोबारा से दो बार समसूत्री विभाजन द्वारा 8-केन्द्रकीय संरचना बना लेते हैं। यह विभाजन वास्तव में मुक्त केन्द्रकीय होता है , क्योंकि विभाजन के तुरन्त पश्चात् कोशिका भित्ति नहीं बनती इसलिए इसे मुक्त केन्द्रकीय विभाजन कहा जाता है | 8-केन्द्रकीय संरचना में बीजाण्डद्वार की तरफ एक अण्ड कोशिका (egg cell) तथा दो सहायक कोशिकाएँ (synergids) मिलकर अण्ड उपकरण (egg apparatus) का निर्माण करती है। निभाग की तरफ तीन कोशिकाएँ प्रतिमुख (antipodals) कहलाती हैं। वृहद भ्रूणकोष में शेष बचे दो केन्द्रक को ध्रुवीय केन्द्रक (polar nuclei) कहा जाता हैं। दोनों ध्रुवीय केन्द्रक परस्पर मिलकर द्विगुणित द्वितीयक केन्द्रक (secondary nucleus) बना लेते हैं। इस तरह से परिपक्व भ्रूणकोष या मादा युग्मकोद्भिद 8-केन्द्रकीय तथा 7-कोशिकीय संरचना होती है।

आवृतबीजी मादा युग्मकोद्भिद (भ्रूणकोष) का नामांकित चित्र निम्न प्रकार बनाया जाता है –

इस चित्र में भ्रूण कोष के 1,2,4 और 8 केन्द्रकीय चरणों को बनाया गया है और परिपक्व भ्रूणकोष की संरचनात्मक व्याख्या को स्पष्ट किया गया है |