electrostatics meaning in hindi , इलेक्ट्रोस्टैटिक या स्थिरवैद्युतिकी की परिभाषा क्या है ? हिंदी में इलेक्ट्रोस्टाटिक्स परिभाषा :-
स्थिर विद्यु तिकी : विज्ञान की किस शाखा के अंतर्गत स्थिर आवेशों के द्वारा उत्पन्न विभिन्न प्रकार के बलों , क्षेत्रों तथा विभव के बारे में अध्ययन किया जाता है |
हम हमारे दैनिक जीवन में यह देख सकते हैं कि जब हमारा शरीर किसी विद्युत रोधी वस्तु के साथ घर्षण करता है अर्थात रगड़ा जाता है तो हमारे शरीर से आवेशों का विसर्जन उन विद्युत रोधी पृष्ठों पर रगड़ के कारण उत्पन्न होकर एकत्रित हो जाता है |
ऐसा देखने के लिए हम यह देख सकते हैं कि शुष्क मौसम में जब हम ऊनी वस्त्रों को उतारते हैं तो उतारते समय चटचट की आवाज आसानी से सुनी जा सकती है तथा साथ ही छोटी-छोटी चिंगारियां भी देखी जा सकती है|
सेजल शुष्क मौसम होता है और शुष्क हवा चलती रहती है तो कुछ दूरी से चली आ रही कार का दरवाजा खोलने पर लोहे की छड़ को पकड़ने पर तो हल्का सा विद्युत का झटका अनुभव होता है |
इन सभी उदाहरणों से हम कह सकते हैं कि हमारे शरीर से जब विद्युत रोधी पदार्थ को रगड़ा जाता है तो हमारे शरीर से आवेश विद्युत रोधी पदार्थ में रगड़ के कारण उत्पन्न और एकत्रित हो जाता है |
विद्युत रोधी पदार्थ पर उत्पन्न और एकत्रित यह आवेश केवल उसी स्थान पर एकत्रित रह सकता है जहां पर यह उत्पन्न हुआ है क्योंकि विद्युत रोधी पदार्थ में आवेश का चालन नहीं होता है अतः इस प्रकार के आवेश को हम स्थिर आवेश कहते हैं और स्थिर आवेश के कारण उत्पन्न विभिन्न प्रकार के बल , क्षेत्र , विभव आदि के बारे में अध्ययन करने वाली शाखा को हम स्थिर विद्युत की कहते हैं | जिसके अंतर्गत हम जो आवेश स्थिर अवस्था में होते हैं और अपने कारण किसी प्रकार का बल उत्पन्न करते हैं या किसी प्रकार का विद्युत क्षेत्र उत्पन्न करते हैं या किसी प्रकार का विद्युत विभव उत्पन्न करते हैं और विज्ञान की किस शाखा में हम इन सब चीजों का अध्ययन करते हैं उस शाखा को स्थिर विद्युत की कहा जाता है |
इसे अंग्रेजी में इलेक्ट्रोस्टेटिक कहा जाता है |
इलेक्ट्रोस्टेटिक या स्थिरविद्युतिकी , भौतिक विज्ञान की एक शाखा होती है जिसमें उन आवेशों का अध्ययन किया जाता है जो विराम अवस्था में अर्थात स्थिर अवस्था में रहते हैं |
भौतिक विज्ञान की शाखा में जो आवेश स्थिर अवस्था में रहते हैं या जिनमें न के बराबर प्रयोग होता है उनके द्वारा या उनसे जुड़ी विभिन्न प्रकार की परिघटना हो या गुणों से संबंधित जो अध्ययन किया जाता है उस शाखा को इलेक्ट्रोस्टेटिक या स्थिर विद्युत की कहते हैं |
इलेक्ट्रोस्टेटिक या स्थिर विद्युतकी , हम इसके नाम में ही देख सकते हैं कि यह स्थिर अवस्था में रहने वाले आवेशों के बारे में बताता है जैसे जब एक प्लास्टिक की छड़ को रेशम के साथ रगड़ा जाता है तो रेशम का कपड़ा छोटे छोटे कागजों के टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित करने लगता है अर्थात यह रेशन कार्ड कपड़ा आवेशित हो जाता है प्लास्टिक की छड़ पर जो आवेश होता है उसे ऋण आवेश कहते |
स्थिर वैद्युतिकी : इसके बारे में अध्ययन करने से पूर्व समझे कि आवेश तीन तरह से रह सकता है –
स्थिर अवस्था में
एक समान गतिशील अवस्था में
त्वरित गतिशील अवस्था में।
जब आवेश विराम अवस्था में होता है उस स्थिति में विभिन्न आवेश एक दुसरे पर बल आरोपित करते है और आवेशो के मध्य पाए जाने वाले इस बल के कारण ही हमें निम्नलिखित परिघटनाएं देखने को मिलती है –
जब एक कांच की छड को रेशम के कपडे से रगडा जाता है तो रेशम के कपडे में कागज के छोटे टुकडो को अथवा हलके तिनको को आकर्षित करने का गुण आ जाता है।
इसी तरह से जब किसी गुब्बारे में हवा भरकर इस गुब्बारे को कपडे से रगड़कर दिवार के पास ले जाया जाया है तो यह दिवार से चिपक जाता है।
इस प्रकार से स्थिर आवेश के कारण कई प्रभाव उत्पन्न होते है और इन सभी प्रभावों का अध्ययन भौतिक विज्ञान की एक शाखा के अंतर्गत किया जाता है जिसे स्थिर वैद्युतिकी कहते है।
स्थिर वैद्युतिकी की परिभाषा : भौतिक विज्ञान की वह शाखा जिसमे स्थिर अवस्था में स्थित आवेश और इसके कारण उत्पन्न प्रभावों का अध्ययन किया जाता है स्थिर वैद्युतिकी कहलाती है।
स्थिर वैद्युतिकी का दैनिक जीवन में बहुत योगदान है , इसके अनुप्रयोग अंतर्गत निम्नलिखित है –
फोटोस्टेट मशीन स्थिर वैद्युतिकी पर ही आधारित होती है।
इसके अतिरिक्त कंप्यूटर प्रिंटर , विद्युत मेमोरी और भूकंप लेखी (सिस्मोग्राफी) भी स्थिर वैद्युतिकी पर ही आधारित है अथवा स्थिर वैद्युतिकी के अनुप्रयोग है।