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Xe के यौगिको की संरचनाएँ , XeF2 संकरण , XeF4 , XeF6 , XeOF2 , XeO2F2 , XeOF4 , XeO3 ,छल्ला परिक्षण
1. XeF2 :
Sp3d संकरण
Sp3d संकरण होने के कारण आकृति त्रिकोणीय द्विपिरामिड होनी चाहिए लेकिन तीन स्थानों पर loan pair (L.p) आने से आकृति तीन स्थानों पर l.p. इलेक्ट्रॉन आने से आकृति रेखीय हो जाती है।
Sp3d2
संकरण के कारण आकृति अष्टफलकीय होनी चाहिए लेकिन दो स्थानों पर loan pair इलेक्ट्रोन आने से आकृति वर्ग समतलीय हो जाती है।
3. XeF6 :
Sp3d3 संकरण
Sp3d3 संकरण होने के कारण आकृति पञ्चभुजीय द्विपिरामिडी होनी चाहिए लेकिन एक स्थान पर l.p. इलेक्ट्रॉन आने के कारण आकृति विकृत अष्टफलकीय हो जाती है।
4. XeOF2 :
3 σ + 2l.p = 5 (sp3d)
sp3d संकरण के कारण आकृति त्रिकोणीय द्विपिरामिड होनी चाहिए लेकिन दो l.p. इलेक्ट्रॉन होने के कारण आकृति T shape हो जाती है।
5. XeO2F2 : 4 σ +
1 L.p = 5 (sp3d)
sp3d संकरण के कारण आकृति त्रिकोणीय द्विपिरामिडी होनी चाहिए लेकिन एक स्थान पर loan pair (L.P) इलेक्ट्रोन आने से आकृति K shape हो जाती है।
6. XeOF4 : 5 σ +
1 l.p = 6 (sp3d2)
sp3d2 संकरण होने के कारण आकृति अष्टफलकीय होनी चाहिए लेकिन एक स्थान पर l.p. इलेक्ट्रोन आने से आकृति वर्ग पिरैमिड हो जाती है।
7. XeO3 : 3 σ + 1 l.p = 4 (sp3)
sp3 संकरण होने के कारण आकृति चतुष्टफलकीय होनी चाहिए लेकिन एक स्थान पर loan pair इलेक्ट्रोन आने से आकृति त्रिकोण पिरेमिडी हो जाती है।
प्रश्न : PCl5 की भारी पानी (D2O) के साथ अभिक्रिया दीजिये।
उत्तर : PCl5 + D2O → 2DCl (ड्यूटीरियम क्लोराइड) + POCl3
प्रश्न : PCl3 नमी की उपस्थिति में धूम देता है क्यों ?
उत्तर : PCl3 नमी से क्रिया करके HCl गैस बनाता है , इस HCl गैस के कारण धूम उत्पन्न होती है।
PCl3 + H2O → 3HCl + H3PO3
छल्ला परिक्षण / भूरी वलय परिक्षण (brown ring test) : छल्ला परिक्षण अम्लीय मूलक NO3– (नाइट्रेट) की उपस्थिति ज्ञात करने के लिए किया जाता है।
प्रयोग | प्रेक्षण | निष्कर्ष |
एक परखनली में NO3– (नाइट्रेट) युक्त यौगिक का जलीय विलयन + ताजा बना FeSO4 विलयन + परखनली की दिवार के सहारे – सहारे सान्द्र H2SO4 डालने पर | दोनों विलयनो के मिलने के स्थान पर भूरे रंग की वलय बनती है। | ये वलय NO3– (नाइट्रेट) समूह की उपस्थिति को इंगित करती है। |
छल्ला परिक्षण की आयनिक अभिक्रिया निम्न प्रकार है –
[Fe(H2O)6]2+ + NO → [Fe(H2O)5(NO)]2+ + H2O
प्रश्न : एक्वारेजिया की Au व Pt धातु के साथ अभिक्रिया दीजिये।
उत्तर : Au के साथ :
Au + 4Cl– + NO3– + 4H+ → AuCl4– + NO + 2H2O
Pt के साथ :
3Pt + 18Cl– + 4NO3– + 16H+ → 3PtCl62- + 4NO + 8H2O
प्रश्न : अन्तरा हैलोजन यौगिको की जल अपघटन अभिक्रिया दीजिये।
उत्तर : अंतरा हैलोजन यौगिक जल अपघटित होकर छोटे हैलोजन के संगत हैलाइड व बड़े हैलोजन के संगत हाइपोहैलाईट , हैलाइट , हैलेट एवं परहैलेट आयन बनाते है।
XX7’ + H-OH → HX’ + HXO4
फास्फोरस के अपरूप : फास्फोरस तीन अपरूप में पाया जाता है –
1. सफ़ेद फास्फोरस
2. लाल फास्फोरस
3. काला फास्फोरस
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