JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Physicsphysics

धारामापी का क्या सिद्धांत है यह कैसे कार्य करता है ? working principle of galvanometer in hindi

working principle of galvanometer in hindi धारामापी का क्या सिद्धांत है यह कैसे कार्य करता है ?

प्रश्न 1. धारामापी क्या है?
उत्तर- यह धारा का संसूचक उपकरण है जिसकी सहायता से परिपथ में अल्प धारा की उपस्थिति एवं दिशा संसूचित की जा सकती है।
प्रश्न 2. धारामापी का क्या सिद्धान्त है यह कैसे कार्य करता है?
उत्तर- जब किसी धारावाही कुण्डली को चुम्बकीय क्षेत्र में लटकाया जाता है तो उस कुण्डली पर एक बल युग्म कार्य करता है
जिसके कारण कुण्डली विक्षेपित होती है इस बल युग्म का परिमाण कुण्डली में प्रवाहित धारा के समानुपाती होता है।
प्रश्न 3. प्रयोगशाला में उपलब्ध धारामापी किस प्रकार का है?
उत्तर- यह कीलकित कुण्डली, वेस्टन प्रकार का धारामापी है।
प्रश्न 4. क्या धारामापी में धनात्मक एवं ऋणात्मक टर्मिनल होते हैं?
उत्तर- नहीं, इसका शून्य मध्य में होता है तथा संकेतक दोनों ओर विक्षेपित हो सकता है।
प्रश्न 5. धारामापी के पैमाने पर अंशांकन समान दूरी पर क्यों होता है?
उत्तर- क्योंकि विक्षेप की मात्रा, धारामापी में प्रवाहित धारा के समानपाती होती है।
प्रश्न 6. धारामापी की धारा सुग्राहिता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- इकाई धारा के लिए उत्पन्न विक्षेप की मात्रा, धारामापी की धारा सुग्राहिता कहलाती है, अर्थात्
धारा सुग्राहिता S1 = θ/I
प्रश्न 7. धारामापी का दक्षतांक क्या होता है?
उत्तर- धारामापी के एक भाग पर विक्षेप उत्पन्न करने के लिए आवश्यक धारा धारामापी का दक्षतांक कहलाता है।
इसे X से. व्यक्त करते हैं, अर्थात
धारामापी का दक्षतांक X = I/ θ = Ig/N
जहां Ig  = धारामापी की पूर्ण स्केल पर विक्षेप के लिए आवश्यक धारा तथा छ= धारामापी के एक ओर के कुल भागों की
संख्या।
प्रश्न 8. धारामापी की धारा सुग्राहिता एवं दक्षतांक में क्या सम्बन्ध होता है?
उत्तर- ये परस्पर व्युत्क्रम होते हैं अर्थात् SI = 1/X
प्रश्न 9. धारामापी की वोल्टता सुग्राहिता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- धारामापी की कुण्डली के सिरों के मध्य इकाई विभवान्तर आरोपित करने पर कुण्डली में प्रवाहित धारा के कारण उत्पन्न विक्षेप,
धारामापी की वोल्टता सुग्राहिता कहलाती है। इसे ैअ से व्यक्त करते हैं-
Sv = θ/V= θ/IÙj SI/R
जहां R  = धारामापी का प्रतिरोध है।
प्रश्न 10. धारामापी में प्रतिरोध क्यों होता है?
उत्तर- धारामापी की कुण्डली का प्रतिरोध ही धारामापी के प्रतिरोध का कार्य करता है।
प्रश्न 11. धारामापी का प्रतिरोध ज्ञात करने के लिए विधि को अर्द्धविक्षेप विधि क्यों कहते हैं?
उत्तर- क्योंकि इसमें धारामापी के समान्तर क्रम में प्रयक्त शंट प्रतिरोध त् के द्वारा धारामापी का विक्षेप ठीक आधा किया जाता है।
प्रश्न 12. किस स्थिति में धारामापी का प्रतिरोध, उसके ठीक समान्तर क्रम में संयोजित प्रतिरोध R जिसके द्वारा विक्षेप आधा हो जाए, के समान हो सकता है?
उत्तर- जबकि श्रेणीक्रम में प्रयुक्त प्रतिरोध त्भ्, बहुत उच्च हो तब G = RI

प्रयोग संख्या 7 (A)
Experiment No.7 (A)
उददेश्य (Object)ः
दिए गए ज्ञात प्रतिरोध एवं दक्षतांक के धारामापी को ऐच्छिक परास के अमीटर में रूपान्तरित करना तथा इसका सत्यापन करना।

उपकरण (Apparatus)ः
ज्ञात प्रतिरोध तथा दक्षतांक का धारामापी, दी गई परास का अमीटर, धारा नियत्रंक, कुंजी, बैटरी, प्रतिरोध तार, स्कगेज एवं संयोजक, तार आदि।
परिपथ चित्र (Circuit Diagram)ः
सिद्धान्त (Theory)ः
यदि धारामापी का प्रतिरोध G तथा दक्षतांक X है तथा धारामापी के एक ओर के कुल अंशों की संख्या N है, तब
(i) धारामापी की पूर्ण स्केल पर विक्षेप के लिए आवश्यक धारा Ig = NX
(ii) धारामापी को I परास के अमीटर में रूपान्तरित करने के लिए धारामापी के समान्तर क्रम में अल्प प्रतिरोध जोड़ते हैं जिसे शंट कहते हैं-
आवश्यक शंट प्रतिरोध S = Ig.G/ I.Ig
(iii) यदि दिए गए प्रतिरोध तार के पदार्थ की प्रतिरोधकता p तथा त्रिज्या त है तो
S  = pI/A = pl/πr2

या आवश्यक शंट प्रतिरोध के लिए तार की आवश्यक लम्बाई
l = Sπr2/p = SπD2/4p .
जहां D, तार का व्यास है अतः r = D/2
प्रयोग विधि (Method)ः
1. सर्वप्रथम धारामापी के ज्ञात दक्षतांक X से धारामापी की पूर्ण स्केल विक्षेप धारा Ig = NX का मान ज्ञात करते है। जहा N = धारामापी के एक ओर के कुल अंशों की संख्या।
2. इसके पश्चात् सूत्र S = Ig.G/ I.Ig से I परास का अमीटर बनाने के लिए आवश्यक शंट प्रतिरोध S की गणना करते हैं। जहां G = धारामापी का ज्ञात प्रतिरोध है।
3. अब हम स्क्रूगेज की सहायता से दिए गए प्रतिरोध तार का व्यास क् ज्ञात करते हैं। इसके लिए तार के दो भिन्न-भिन्न स्थानों पर परस्पर लम्बवत् दिशाओं के लिए प्रेक्षण लेकर माध्य लेते हैं।
4. अब सूत्र l = SπD2/4p द्वारा शंट प्रतिरोध की आवश्यक लम्बाई ज्ञात करते हैं तथा दिए गए तार में से इस लम्बाई का तार लेकर इसे धारामापी के टर्मिनलों के मध्य समान्तर क्रम में संयोजित कर देते हैं। ध्यान रहे तार की यह लम्बाई, संयोजन में प्रयुक्त तार के अतिरिक्त होनी चाहिए।
5. अब हम निम्न चित्रानुसार परिपथ व्यवस्था निर्मित करते हैं
6. अब हम कुंजी ज्ञ की डॉट लगकार, धारानियंत्रक को भिन्न-भिन्न स्थितियों पर रखते हुए प्रत्येक स्थिति के लिए धारामापी के विक्षेपित खानों की संख्या N तथा अमीटर का पाठ्यांक I’ ज्ञात करते हैं। प्रत्येक प्रेक्षण सेट को प्रेक्षण सारणी में नोट करते हैं। यह प्रक्रिया 5 बार दोहराते हैं।

प्रेक्षण (Observations):
धारामापी का प्रतिरोध G  = ….. ओम
धारामापी का दक्षतांक X = ….. एम्पियर/भाग
धारामापी के एक ओर के कुल अंश N = ….
धारामापी की पूर्ण स्केल विक्षेप धारा Ig = NX = ….. एम्पियर
रूपान्तरित अमीटर की परास I = …… एम्पियर
स्क्रूगेज का अल्पतमांक = ….. सेमी
स्क्रूगेज में शून्यांक त्रुटि e =Z a़ ….. सेमी.
दिए गए प्रतिरोध तार की प्रतिरोधकता p = ……… ओम-सेमी.
तार के व्यास के लिए सारणी:

क्र. सं. विवरण प्रधान
पैमान का
पाठ्यांक
;a) सेमी. वृत्ताकार पैमाने का
पाठ्यांक कुल
पाठ्यांक
c = a़b
सेमी.
संशोधित
पाठ्यांक
d = c-
;़ e)
सेमी. तार का माध्य व्यास
D =
D1़ D2़ D3़ D4/4
संपातित
चिन्ह की संख्या संपातित
चिन्ह × अल्पतमांक ;b) सेमी.
1.

2.

3.

4. तार के ;a) एक दिशा में
एक
स्थान
पर ;b) लम्ब दिशा में

तार के ;a) एक दिशा में
दूसरे
स्थान
पर ;b) लम्ब दिशा में

D1 =

D2 =

D3 =

D4 =

सत्यापन:
प्रमाणिक अमीटर का अल्पतमांक = परास/खानों की संख्या = …… एम्पियर
सारणी:
क्र. सं. रूपान्तरित अमीटर का पाठ्यांक प्रमाणिक अमीटर का पाठ्यांक अन्तर ;I-I)
(एम्यिर)
धारामापी के
विक्षेपित स्थानों की संख्या n1 n1× (दक्षतांक X)
= I (एम्यिर) अमीटर के
विक्षेपित खानों
की संख्या n2 n2× (अल्पतमांक X)
= I (एम्यिर)

गणना ;Calculations) :
सूत्र S = IgG/I-Ig से आवश्यक शंट प्रतिरोध की गणना करते है।
प्रतिरोध तार का माध्य व्यास D = D1़ D2़ D3़ D4 /4 = ….सेमी. ज्ञात करते है।
अब सूत्र l = SπD2/4ρ द्वारा शंट तार की आवश्यक लम्बाई की गणना करते है।
परिणाम (Result):
1. दिए गए धारामापी को I परास के अमीटर में रूपान्तरित करने के लिए आवश्यक शंट प्रतिरोध का मान …… ओम प्राप्त होता है।
रूपान्तरित अमीटर एवं प्रमाणिक अमीटर के पाठ्यांकों के अन्तर से स्पष्ट है कि ये अन्तर अल्प हैं तथा प्रायोगिक त्रुटि की
सीमा में है अतः धारामापी का अमीटर में रूपान्तरण यथार्थ है।

सावधानियां तथा त्रुटियों के स्रोत (Precaustions and sources of error):
अंशांकन के लिए उपयोग में लाये गए अमीटर का वही परास होना चाहिए जिसके लिए कि धारामापी को रूपान्तरित किया
जाना है।
2. अमीटर का प्रारम्भिक पाठ्यांक शून्य होना चाहिए अन्यथा उसके पाठ्यांक में भी संशोधन करना होगा।
शन्ट प्रतिरोध S लगाते समय ध्यान रहे कि लम्बाई स का शन्ट तार धारामापी के बाहरी टर्मिनलों में जोड़ा जाये।
धारानियंत्रक से अमीटर एवं धारामापी में विक्षेप पूर्ण संख्या पर व्यवस्थित करना चाहिए।
इस प्रयोग में तुलना के लिए प्रयुक्त अमीटर के पाठ्यांक यथार्थ माने गये हैं। अमीटर के रूप में रूपान्तरित धारामापी का अंशांकन व अंश शोधन विभवमापी से करना अधिक उपयुक्त होगा।
मौखिक प्रश्न एवं उत्तर (Viva-Voce):
प्रयोग 7(B) के पश्चात् देखें।

 

Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

4 weeks ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

4 weeks ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now