मुख से लिए जाने वाले पोलियो वैक्सीन का विकास किसने किया था ? who developed oral polio vaccine in hindi

who developed oral polio vaccine in hindi ?

1. मुख से लिए जाने वाले पोलियो वैक्सीन का विकास किसने किया था?

(अ) लुई पाश्चर (ब) जोनास साल्क
(स) सर रॉबर्ट पील (द) रॉबर्ट कोच
S.S.C.  स्टेनोग्राफर (ग्रेड ‘डी‘) परीक्षा, 2012
उत्तर-(*)
पोलियो वायरस से बचाव के लिए पोलियो वैक्सीन का विकास सर्वप्रथम जोनास साल्क द्वारा किया गया तथा इसका परीक्षण वर्ष 1952 में किया गया, परंतु मुख से लिए जाने वाले वैक्सीन (Oral Vaccine) का विकास अल्बर्ट साबिन द्वारा पोलियो से बचाव के लिए किया गया।
2. पोलियो की रोकथाम के लिए पहली प्रभावी वैक्सीन किसने बनाई थी?
(अ) जे.एच.गिब्बन (ब) जोनास ई. साल्को
(स) राबर्ट एडवर्ड्स (द) जेम्स सिम्पसन
S.S.C.  मल्टी टास्किंग परीक्षा, 2011
उत्तर-(ब)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
3. पोलियो का विषाणु (वायरस) शरीर में किस प्रकार प्रवेश करता है?
(अ) मच्छर के काटने से
(ब) किलनी के काटने से
(स) संदूषित खाद्य और पानी से
(द) लार और नाक के स्राव से
S.S.C. मैट्रिक स्तरीय परीक्षा, 2006
उत्तर-(स)
पोलियो के विषाणु (वायरस) का शरीर में प्रवेश संदूषित खाद्य और पानी से होता है जो तंत्रिका तंत्र पर अपना प्रभाव डालता है।
4. इंटरफेरोन किसकी अनुक्रिया में संशलिष्ट होते हैं?
(अ) जीवाणु (ब) कवक
(स) माइकोप्लाज्मा (द) विषाणु
S.S.C.C.P.O. परीक्षा, 2015
उत्तर-(द)
इंटरफेरोन विषाणुओं की अनुक्रिया में संशलिष्ट होते हैं। आइसक्स तथा लिन्डनमैन (Isacs and Lindenmann) ने इसका पता सन् 1957 में लगाया।
5. प्लेग किससे फैलता है?
(अ) जीवाणु (ब) प्रोटोजोआ
(स) विषाणु (द) उपर्युक्त सभी
S.S.C. मल्टी टास्किंग परीक्षा, 2013
उत्तर-(अ)
प्लेग एक जीवाणु जनित रोग होता है। यह रोग चूहों के शरीर में पाए जाने वाले पिस्सू के माध्यम से फैलता है। यह एक संक्रामक रोग होता है। प्लेग से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में रहने से यह रोग दूसरों को भी हो जाता है।
6. ‘काली मौत‘ किसे कहते हैं?
(अ) कैंसर (ब) प्लेग
(स) एड्स (द) गनोरिया
S.S.C. संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier-I) परीक्षा, 2012
उत्तर-(ब)
प्लेग को काली मौत भी कहते हैं। इस रोग में मिचली, वमन, तिल्ली बढ़ना और रक्तस्रावी दाने निकलना आदि कारणों से रोगी का शरीर काला पड़ जाता है, जिससे इस रोग का ‘काली मौत‘ नाम सार्थक होता है।
7. निम्नलिखित में से कौन-सा गलत है?
(अ) एड्स एक रिट्रोवायरल रोग है
(ब) एड्स समलिंगी और इतरलिंगी यौन संपर्क से फैलता है
(स) एड्स की पहचान सबसे पहले वर्ष 1981 में सं.रा. अमेरिका में की
गई थी
(द) एड्स से ऐनो-जेनिटल मस्से (वार्ट) पैदा होते हैं
S.S.C. Tax Asst. परीक्षा, 2009
उत्तर-(द)
एड्स (एक्वॉयर्ड इम्यूनो-डिफिशिएंसी सिन्ड्रोम) एक रिट्रोवायरल रोग है जिससे व्यक्ति का प्रतिरक्षी तंत्र कमजोर हो जाता है। एड्स की पहचान वर्ष 1981 में सर्वप्रथम सं.रा. अमेरिका में की गई थी। एड्स समलिंगी और इतरलिंगी यौन संपर्क, रक्ताधान इत्यादि द्वारा फैलता है।
8. एड्स देने वाले वायरस की पहचान किस वर्ष में हुई थी?
(अ) 1980 (ब) 1981
(स) 1983 (द) 1986
S.S.C. मल्टी टॉस्किंग परीक्षा, 2013
उत्तर-(ब)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
9. एक्वॉयर्ड इम्यूनो-डिफिशिएंसी सिन्ड्रोम (एड्स) निम्न के कारण होता है-
(अ) प्रोटोजोआ (ब) वायरस
(स) फंगस (द) बैक्टीरिया
S.S.C. मैट्रिक स्तरीय परीक्षा, 2008
उत्तर-(ब)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
10. मनुष्य में परजीवी ग्रसन पैदा करने वाले कृमियों के अध्ययन को कहते है-
(अ) हेल्मिन्थोलॉजी (ब) हर्पिटोलॉजी
(स) इक्थिओलॉजी (द) मैलाकोलॉजी
S.S.C. स्नातक स्तरीय परीक्षा, 2006
उत्तर-(अ)
हेल्मिन्थोलॉजी – चपटे कृमियों का अध्ययन
हर्पिटोलॉजी – उभयचरों एवं सरीसृपों का अध्ययन
इक्यिओलॉजी – मछलियों और मछली पालन का अध्ययन
मैलाकोलॉजी – मोलस्क का अध्ययन
11. निम्न में से कौन-सा कीट मनुष्यों में निद्रालु व्याधि फैलाता है परंतु वन्य जीवों के लिए निरापद है और अफ्रीका में श्बेस्ट गेम वार्डनश् कहलाता है?
(अ) मधुमक्खी (ब) मच्छर
(स) सी-सी मक्खी (द) खटमल
S.S.C.F.C.I. परीक्षा, 2012
उत्तर-(स)
निद्रालु व्याधि रोग ट्राइपैनोसोमा ब्रुसेई प्रजाति के प्रोटोजोआ के कारण होता है जिसका वाहक सी-सी मक्खी (Tse – Tse fly) है।
12. निद्रालु व्याधि रोग की वाहक है –
(अ) सिकता मक्खी (ब) घरेलू मक्खी
(स) फलमक्खी (द) सी-सी मक्खी
S.S.C. संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier I) परीक्षा, 2011
उत्तर-(द)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
13. निद्रा रोग इसके द्वारा होता है-
(अ) नाइजिरीआ (ब) एन्टअमीबा
(स) ट्राइपैनोसोमा (द) एशरिकिआ
S.S.C. संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier-I) परीक्षा, 2014
उत्तर-(स)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
14. कालाजार किससे संचारित होता है?
(अ) ट्रेटसी मक्खी (ब) घरेलू मक्खी
(स) एनोफेलीज मक्खी (द) सिकता मक्खी
S.S.C. मल्टी टास्किंग परीक्षा, 2013
उत्तर-(द)
कालाजार ‘सिकता मक्खी‘ (Sandfly) से संचारित होता है। कालाजार का सबसे ज्यादा असर, प्लीहा, लिवर तथा मेरुरज्जु पर पड़ता है।
15. कालाजार ज्वर का संचरण होता है-
(अ) घरेलू मक्खी के काटने से
(ब) सी-सी मक्खी के काटने से
(स) सिकता मक्खी के काटने से
(द) ड्रैगन फ्लाई के काटने से
S.S.C. मैट्रिक स्तरीय परीक्षा, 2008
उत्तर-(स)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
16. दाद की बीमारी निम्नलिखित में से किस प्रकार की होती है?
(अ) बैक्टीरियल (ब) प्रोटोजोआ
(स) वायरल (द) फंगल
S.S.C. स्नातक स्तरीय परीक्षा, 2010
उत्तर-(द)
दाद की बीमारी ट्राइकोफाइटॉन तथा माइक्रोस्पोरम नामक कवक से होती है।
17. निम्न में से कौन-सा कवकी रोग है?
(अ) धवल रोग (ब) एकक्जिमा
(स) दाद (द) हाथीपांव (फीलपांव)
S.S.C. संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier-I) परीक्षा, 2012
उत्तर-(स)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
18. निम्नलिखित में से कौन-सा पशु रुधिराहारी है?
(अ) फल-मक्खी (ब) घरेलू-मक्खी
(स) मच्छर (द) घोंघा
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2011
उत्तर-(स)
दिए गए उपयुक्त विकल्पों में मच्छर ही रुधिराहारी है। सिर्फ माता मच्छर ही मनुष्य या अन्य जंतुओं का रक्त चूसती है जबकि नर मच्छर पेड़-पौधों का रस चूसते हैं।
19. निम्नलिखित में से कौन-सा दर्द का निवारण करता है?
(अ) प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक) (ब) एनलजेसिक
(स) एंटीपायरेटिक (द) डिसिन्फेक्टेंट
S.S.C. स्टेनोग्राफर परीक्षा, 2010
उत्तर-(ब)
एनलजैसिक दर्द निवारक के रूप में उपयोग की जाती है। जैसे इबूप्रोफेन, एस्प्रीन आदि। एंटीबायोटिक प्रतिजैविक, एंटीपायरेटिक ज्वरनाशक तथा डिसिन्फेक्टेंटद्य इन्फेक्टिव एजेंट को नष्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है।
20. किस रोग का पूरी तरह उन्मूलन कर दिया गया है?
(अ) खसरा (ब) कंठ माला
(स) चेचक (द) छोटी माता
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2015
उत्तर-(स)
चेचक (Small Pox) का वैश्विक स्तर पर उन्मूलन कर दिया गया है। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा सन् 1979 में प्रमाणित किया गया।
21. चेचक के प्रति टीकाकरण में समावेश किया जाता है-
(अ) हत जर्मों का (ब) दुर्बल जर्मों का
(स) जीवित प्रतिरक्षियों का (द) सक्रियित जर्मों का
S.S.C.Section off~. परीक्षा, 2007
उत्तर-(स)
किसी बीमारी के विरुद्ध प्रतिरोधात्मक क्षमता विकसित करने के लिए जो दवा खिलायी या पिलायी अथवा किसी अन्य रूप में दी जाती है उसे टीका (Vaccine) कहते हैं। इस क्रिया को टीकाकरण (Vaccination) कहते हैं। संक्रामक रोगों से रोकथाम के लिए टीकाकरण सर्वाधिक प्रभावी एवं सस्ती विधि माना जाता है। चेचक के प्रति टीकाकरण में जीवित प्रतिरक्षियों का समावेश किया जाता है। इसकी खोज एडवर्ड जेनर ने की थी।
22. ‘चेचक‘ के लिए टीके (वैक्सीनेशन) का आविष्कार किसने किया था?
(अ) सर फ्रेड्रिक ग्रांट बैंटिंग (ब) सर अलेक्जेंडर फ्लेमिंग
(स) एडवर्ड जेनर (द) लुई पाश्चर
S.S.C. संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier-I) परीक्षा, 2011
उत्तर-(स)
एक विषाणुजनित रोग है। इसके टीके (वैक्सीनेशन) का हर एडवर्ड जेनर ने किया था। चेचक, वैरिओला (Variola) नामक विषाणु से होता है।
23. चेचक होने का कारण है-
(अ) रुबिओला वायरस (ब) वैरिओला वायरस
(स) वैरिसेला (द) मिक्सोवायरस
S.S.C.C.P.O. परीक्षा, 2009
उत्तर-(ब)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
24. छोटी माता (चिकन पॉक्स) पैदा की जाती है-
(अ) डीएनए विषाणु द्वारा (ब) वैरिओला विषाणु द्वारा
(स) स्ट्रेप्टोकोकस द्वारा (द) विब्रियो कोलेरी द्वारा
S.S.C. संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier – I) परीक्षा, 2012
उत्तर-(ब)
‘चिकनपॉक्स‘ वैरिओला विषाणु से प्रसरित होता है। यह रोग मी चेचक की तरह संक्रामक होता है जो रोगी के श्वास या छीकों से प्रसरित होता है। इससे शरीर में हल्का बुखार तथा शरीर पर पित्तिकाएं निकल आती हैं।
25. ‘लॉक-जॉ‘ निम्नलिखित में से किस रोग की अंतिम अवस्था है?
(अ) रोहिणी (ब) निमोनिया
(स) सिफिलिस (द) टिटेनस
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2012
उत्तर-(द)
टिटेनस की अंतिम अवस्था ‘लॉक-जॉ‘ है। यह रोग बैसिलस टिटेनी नामक जीवाणु द्वारा फैलता है जो अधिकांशतः जंग लगे लोहे पर, घोड़े की लीद या मल में पाया जाता है। इस रोग को ‘धनुष्टंकार‘ भी कहा जाता है। इससे व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र में संक्रमण फैलने लगता है।
26. किस रोग से रक्षा करने के लिए शिशुओं को डी.पी.टी. का टीका लगाया जाता है?
(अ) रोहिणी (क्पचीजीमतपं), पोलियो तथा टिटेनस से
(ब) रोहिणी, निमोनिया तथा यक्ष्मा से
(स) रोहिणी, चेचक तथा टिटेनस से
(द) रोहिणी, कुकुर खांसी तथा टिटेनस से
S.S.C.  Section off. परीक्षा, 2006
उत्तर-(द)
डी.पी.टी. का टीका शिशुओं को रोहिणी (Diphtheria), कुकुर खांसी (Pertussis) तथा टिटेनस (Tetanus) से रक्षा करने के लिए लगाया जाता है। ये तीनों बैक्टीरियाजनित रोग हैं।