हिंदी माध्यम नोट्स
बल आघूर्ण क्या है , परिभाषा , si मात्रक , इकाई , विमा , उदाहरण (what is torque in hindi)
अर्थात बल आरोपित करने से वस्तु में उत्पन्न घुमने के प्रभाव (घूर्णन) को बल आघूर्ण कहा जाता है।
उदाहरण : जब किसी नट को खोलने के लिए एक पाना लगाया जाता है और हाथ द्वारा इसमें पर जोर लगाया जाता है अर्थात बल आरोपित किया जाता है जिससे यह नट खुमने लगता है और खुल जाता है या बंद हो जाता है।
यहाँ पाने के द्वारा हाथ से बल आरोपित किया जाता है जिससे नट घुमने लग जाता है अत: नट में बल आघूर्ण उत्पन्न हो जाता है।
बल आघूर्ण की गणितीय परिभाषा : आरोपित बल के परिमाण और घूर्णन अक्ष से बल की क्रिया रेखा की लंबवत दूरी के गुणनफल को बल आघूर्ण कहते है।
बल आघूर्ण = बल x घूर्णन अक्ष से लम्बवत दूरी
T = F x r
यहाँ F = आरोपित बल
r = घूर्णन अक्ष से लम्बवत दूरी
T = बल आघूर्ण
यदि किसी वस्तु पर आरोपित बल न्यूटन में हो और दूरी मीटर में मापी जाए तो वस्तु पर उत्पन्न बल आघूर्ण का मापन ‘न्यूटन-मीटर’ में किया जायेगा।
अर्थात बल आघूर्ण का SI मात्रक “न्यूटन-मीटर” होता है।
बल आघूर्ण एक अक्षीय सदिश राशि होती है और इसकी दिशा हमेशा दूरी r और बल F के लम्बवत होती है।
बल आघूर्ण की दिशा ज्ञात करने के लिए दायें हाथ का पेंच नियम काम में लिया जाता है।
जब आरोपित बल और घूर्णन अक्ष से लम्बवत दूरी का मान अधिक होता है तो बल आघूर्ण का मान भी अधिक होता है जैसे हम सूत्र से देख सकते है , जब दूरी का मान अधिक होता है तो बल आघूर्ण का मान अधिक होता है जिससे वस्तु को घुमाना आसान हो जाता है।
यही कारण है कि जब किसी हाथ से चलने वाली जनरेटर का हेंडल जितना छोटा होता है , जनरेटर को घुमाना उतना ही कठिन होता है और हेंडल जितना अधिक होता है इसे घुमाना उतना ही आसान होता है क्यूंकि घूर्णन अक्ष से लम्बवत दूरी का मान बढ़ जाता है जिससे बल आघूर्ण का मान भी अधिक हो जाता है।
अन्य उदाहरण :
1. जब किसी गेट को उसके कब्जे के पास से बल लगाया जाता है तो यह कठिनाई से खुलता है लेकिन जब इसे कब्जे से दूरी पर से खोला जाता है तो यह आसानी से खुल जाता है।
2. पेचकस के हत्थे को जितना अधिक दूरी से पकड़ा जाता है वह नट को उतने से आसानी से खुल जाता है तथा जब पेचकस को बहुत ज्यादा पास से पकड़कर नट को खोलने का प्रयास किया जाए तो यह आसानी से नही खुलता है क्यूंकि घूर्णन अक्ष से लम्बवत दूरी का मान कम हो जाता है।
बल आघूर्ण : बल आघूर्ण , वस्तु की घूर्णन गति में परिवर्तन लाने वाले बल की क्षमता को दर्शाता है।
अक्ष के परित: बल आघूर्ण
Recent Posts
सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ
कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…
रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?
अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…